रणजी खिलाड़ी को नौकरी लगाने के नाम पर कर दी 20 लाख की ठगी, पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
इस खबर को पढ़ने से पहले सबसे बड़ा सवाल ये है कि रिश्वत मांगने वाला यदि दोषी है तो रिश्वत देने वाला भी। पैसे देकर किसी योग्य व्यक्ति के हक को छीनने वाले के खिलाफ भी उसी तरह की कार्रवाई होनी चाहिए, जो पैसे लेकर नौकरी लगाने का धंधा करने वाले के खिलाफ की जाती है। यहां उत्तराखंड से रणजी खेल रहे एक खिलाड़ी को नौकरी लगाने के नाम पर बीस लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। मामला देहरादून में नेहरू कालोनी थाने का है।
पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त हुए विष्णुपुरम निवासी निर्मल कुमार शर्मा ने नेहरू कालोनी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उनका बेटा करणवीर कौशल उत्तराखंड की क्रिकेट टीम से रणजी खेल चुका है। वह करणवीर के लिए नौकरी की तलाश भी कर रहे थे। इस दौरान निर्मल कुमार की मुलाकात बिपेंद्र शर्मा ने अरविंद सैनी के माध्यम से अमित कुमार से हुई। अमित कुमार ने बताया कि उसकी भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआइ) में अच्छी जान पहचान है। करणवीर होनहार खिलाड़ी है, वह उसे किसी विभाग में अधिकारी के पद पर लगवा देगा।
आरोपित ने बताया कि उसकी सहारनपुर में प्रेम इंटरप्राइजेज नाम से फर्म है, जो कि इलेक्ट्रानिक यंत्र बनाने का काम करती। अमित कुमार ने कहा कि नौकरी लगवाने के एवज में 20 लाख रुपये देने होंगे। अमित कुमार की बातों में आकर करणवीर के पिता निर्मल कुमार ने 14 जनवरी, 2020 को दस लाख के चेक और पांच लाख रुपये नकद दे दिए। फरवरी महीने में दूसरे आरोपित बिपेंद्र कुमार ने बताया कि काम होने वाला है। पांच लाख रुपये का और भुगतान कर दो। इस पर निर्मल कुमार ने साढ़े चार लाख चेक और 50 हजार रुपये कैश दे दिए। इसके बाद आरोपित नौकरी की बात पर टाल-मटोल करने लगे। कुछ समय बाद आरोपितों ने फोन उठाना बंद कर दिया तो उन्हें अपने साथ हुई ठगी का पता चला। पुलिस ने बताया कि निर्मल कुमार की तहरीर पर आरोपित अमित कुमार निवासी शामली उत्तर प्रदेश, अरुण सैनी और बिपेंद्र शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।