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February 24, 2025

2.7 किलो का मिला मेंढक, इस कारण दे दी गई उसे मौत की सजा, जानिए कितने वजनदार मेंढक है गिनीज बुक आफ वर्ल्ड में दर्ज

आप सुनकर हैरान हो जाओगे कि एक मेंढक 2.7 किलोग्राम वजन का भी हो सकता है। जंगल में मिले ऐसे मेंढक को जीवित रखने की बजाय मार दिया गया। अब उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। ये मेंढक है केन टोड। क्या आपने कभी केन टोड का नाम सुना है। दरअसल, यह भी मेंढक ही होते है, लेकिन ये कुछ भी खा सकते हैं। पिछले हफ्ते ऑस्ट्रेलिया के ‘कॉनवे नैशनल पार्क’ में रेंजर्स को 2.7 किलोग्राम का एक केन टोड मिला। पार्क रेंजर काइली ग्रे का कहना है कि इस साइज के केन टोड वह सब खा सकता है जो उसके मुंह में चला जाए। यह मेंढक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं, इसलिए उसे मार दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अब सोशल मीडिया पर इस मादा मॉन्स्टर केन टोड की तस्वीरें वायरल हो गई हैं, जिन्हें देख लोग हैरान हो रहे हैं। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने 2.65 किग्रा (5.8 पाउंड) के सबसे बड़े मेंढक को सूचीबद्ध किया है, जो 1991 में एक स्वीडिश पालतू जानवर द्वारा बनाया गया रिकॉर्ड है। इस मेंढक को पकड़ने वाली रेंजर कायली ग्रे को पहले यकीन नहीं हुआ था कि वह इतना विशाल होगा। इसके चलते उन्होंने उसका नाम ‘टोडजिला’ रख दिया और उसे कंटेनर में रखकर जंगल से बाहर ले गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हालांकि, वो इस मेंढक की उम्र का सही अंदाजा नहीं लगा पाई, लेकिन उन्होंने बताया कि जंगल में एक केन टोड 15 साल तक जी सकता है। इस आकार का केन टोड (मेंढक) कुछ भी खा सकता है, जो भी उसके मुंह में आ जाए। इनमें इंसेक्ट्स (कीड़े-मकोड़े), रेप्टाइल्स और छोटे मैमल्स होते हैं। ग्रे के सहयोगी, वरिष्ठ पार्क रेंजर बैरी नोलन ने रायटर को बताया कि जानवर को उसके “पारिस्थितिक प्रभाव” के कारण इच्छामृत्यु दी गई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

नोलन ने कहा कि 1935 में गन्ने के भृंग और अन्य कीटों को नियंत्रित करने के लिए ऑस्ट्रेलिया में केन टॉड लाए गए थे, लेकिन उनकी आबादी में विस्फोट हो गया और प्राकृतिक शिकारियों के बिना वे ऑस्ट्रेलियाई प्रजातियों के लिए खतरा बन गए। संभावित टॉडज़िला की तरह एक मादा टोड 35,000 अंडे देती है। इसलिए प्रजनन करने की उनकी क्षमता काफी चौंकाने वाली है। टॉडज़िला के शरीर को शोध के लिए क्वींसलैंड संग्रहालय को दान कर दिया गया है।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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