संसद के शीतकालीन सत्र में हंगामा, सत्र शुरू होते ही राज्यसभा के 12 सांसद पूरे सत्र के लिए निलंबित
संसद के शीतकालीन सत्र में दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। हंगामे के बीच लोकसभा में तीन कृषि कानून वापसी का बिल हुआ पास। इस बीच चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष ने खूब हंगामा किया।
संसद के शीतकालीन सत्र में दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। हंगामे के बीच लोकसभा में तीन कृषि कानून वापसी का बिल हुआ पास। इस बीच चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष ने खूब हंगामा किया। विपक्ष ने कहा कि वापसी का तरीका अलोकतांत्रिक है। बगैर चर्चा के ही बिल को पास कर दिया गया। वहीं, सत्र के के पहले ही दिन विपक्ष के 12 सांसदों को राज्यसभा से निलंबित कर दिया। ये 12 सांसद पूरे सत्र में सदन लौट नहीं पाएंगे। इनमें कांग्रेस के छह, टीएमसी और शिवसेना के दो-दो जबकि सीपीएम और सीपीआई के एक-एक सांसद हैं। मॉनसून सत्र में हंगामा करने के लिए सांसदों के खिलाफ यह कार्रवाई हुई है। ये वही सांसद हैं जिन्होंने पिछले सत्र में किसान आंदोलन एवं अन्य कई मुद्दों के बहाने संसद के उच्च सदन में खूब हंगाम मचाया था। उस दौरान इन सांसदों ने उप-सभापति हरिवंश पर कागज फेंका था और सदन के कर्मचारियों के सामने रखी टेबल पर चढ़ गए थे। इन सांसदों पर कार्रवाई की मांग की गई थी। इस पर राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू को फैसला लेना था।आज जब संसद सत्र फिर से शुरू हुआ तो सभापति एम. वेंकैया नायडू ने अपना फैसला सुना दिया। ध्यान रहे कि राज्यसभा में इन विपक्षी सांसदों का बेहद अमर्यादित व्यवहार का जिक्र करते हुए सभापति भावुक हो गए थे। इसलिए उम्मीद की जा रही थी कि सभापति इस संबंध में कोई कड़ा और बड़ा फैसला लेंगे।
उच्च सदन के जिन 12 सांसदों को सस्पेंड किया गया है उनके नाम एल्मारम करीम (माकपा), फुलो देवी नेताम (कांग्रेस), छाया वर्मा (कांग्रेस), रिपुन बोरा (कांग्रेस), बिनोय विस्वाम (भाकपा), राजमणि पटेल (कांग्रेस), डोला सेन ( तृणमूल कांग्रेस), शांत छेत्री ( तृणमूल कांग्रेस), सैयद नासिर हुसैन ( कांग्रेस), प्रियंका चतुर्वेदी ( शिवसेना), अनिल देसाई (शिवसेना) और अखिलेश प्रसाद सिंह ( कांग्रेस) हैं।





