ग्राफिक एरा में लगातार 72 घंटों तक जुटे युवा, तैयार किया मानसिक अवसाद से बचाने का ऐप, जीते एक-एक लाख रुपये के पुरस्कार
देहरादून में ग्राफ-ए-थान में युवा वैज्ञानिकों ने ऐसा प्रोटोटाइप तैयार किया है, जो मानसिक अवसाद को दूर करने में अहम भूमिका निभाएगा। इसके साथ ही स्कूली बच्चों ने मरीजों को रेडियोएक्टिव किरणों से बचाने के लिए एक शानदार यंत्र तैयार किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में आयोजित ग्राफ-ए-थान में 16 राज्यों से आए छात्र-छात्राओं ने एक से बढ़कर एक प्रोटोटाइप खोज निकाले। दिन रात लगातार 72 घंटे काम करके छात्र-छात्राओं ने अपनी इस उपलब्धि पर एक-एक लाख रुपए तक के पुरस्कार जीते हैं। प्रतियोगिता के लिए चार वर्गों में बटी समस्याओं के समाधान तैयार करने थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रतियोगिता में सस्टेनेबल हेल्थ केयर वर्ग में महाकाल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया, ग्वालियर की टीम 7 ने बाजी मारी। टीम के सदस्यों जतिन सजवाण, लक्षिता सिकरवाल, अनिरुद्ध सिंह और जयेश शर्मा ने डॉक्टर और मरीज के बीच की दूरी खत्म करने वाली वेबसाइट तैयार की है। जो कि ब्लॉकचेन जैसी तकनीक का इस्तेमाल करके घर बैठे बैठे ही मरीजों की समस्याओं को विशेषज्ञों तक पहुंचाने का काम करेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी वर्ग में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी, देहरादून की टीम पीक पार्सर्स ने प्रथम स्थान हासिल किया। टीम में आस्था मेहता, रक्षिता उपाध्याय, योगेश तिवारी और नितिन परिहार शामिल हैं। उन्होंने संगीत, खेल और थेरेपी का इस्तेमाल करके अवसाद दूर करने वाला एप तैयार किया है। सस्टेनेबल एडटेक वर्ग में क्वांटम यूनिवर्सिटी, रुड़की की टीम फ्यूज़न बाइट प्रथम स्थान पर रही। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके सदस्यों अंशुमान मिश्रा, संदीप कुमार, अफराज हसन नकवी और स्नेहा सिंह ने एप के द्वारा कचरे को रीसाइकलिंग प्लांट तक ले जाने का एक अनोखा तरीका खोज निकाला है। ओपन ट्रैक टेक्नोलॉजी वर्ग की विजेता रही विवेकानंद इंस्टिट्यूट ऑफ़ प्रोफेशनल स्टडीज, दिल्ली की टीम इट इस व्हाट इट इस ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक की मदद से वकीलों के लिए एक नई वेबसाइट तैयार की है। जहां वे अपने क्लाइंट से बिना किसी बाधा के सीधे तौर पर जुड़ सकेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
टीम में निशांत कुमार, प्रियंका सचदेवा, नीतेश मनचंदा और सार्थक यादव शामिल हैं। स्कूल की श्रेणी में दून इंटरनेशनल स्कूल, देहरादून के नमन भास्कर और आयुष पंत का यंत्र मरीजों को रेडियोएक्टिव किरणों से बचाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विशेषज्ञों के तौर पर मौजूद एचसीएल टेक्नोलॉजीस के अभिषेक तोमर, अमेजॉन के लविश अग्रवाल, इक्विटी नॉलेज पार्टनर लिमिटेड के समीर गोयल, परसिस्टेंस सिस्टम्स लिमिटेड के डॉ. रवि तोमर और ग्राफिक एरा इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज के प्रो. गिरीश गुप्ता ने प्रतियोगिता में प्रोटोटाइप का निरीक्षण करके विजेताओं का निर्णय लिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ग्राफिक एरा ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. कमल घनशाला ने विजेता टीमों को बधाई देते हुए कहा कि देश और समाज की समस्याओं के समाधान के लिए बेहतरीन प्रोटोटाइप तैयार करके युवाओं ने अपनी क्षमता का एहसास कराया है। यह आज के दौर में नयी उम्मीद जगाता है। युवा व बच्चे भी देश और समाज के लिए किस तरह सोचते हैं, इसका परिणाम 16 राज्यों के बच्चों ने दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चेयरमैन डॉ. कमल घनशाला ने कहा कि ग्राफिक एरा सीखने- सिखाने और युवाओं को नई टेक्नोलॉजी से जोड़ने के साथ ही प्रतिस्पर्धा के लिए भी तैयार करने की अपनी जिम्मेदारी निष्ठा से निर्वहन कर रहा है।
प्रतियोगिता का आयोजन ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी और ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी ने किया। कार्यक्रम में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. नरपिंदर सिंह, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. संजय जसोला, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के एच.ओ.डी. डॉ. देवेश प्रताप सिंह, डॉ. सरिश्मा डांगी और सुशांत चमोली भी मौजूद रहे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।