आपका बिल जमा नहीं हुआ, रात को कट जाएगी बिजली, ऐसे मैसेज हो जाइए सावधान, हो जाओगे ठगी के शिकार
बिजली काटने को लेकर नियम
यदि किसी उपभोक्ता ने समय पर बिजली का बिल नहीं चुकाया तो एक निश्चित अवधि के बाद उसकी बिजली काट दी जाती है। इससे पहले ऊर्जा निगम की ओर से मैसेज उपभोक्ता को दिया जाता है। ऊर्जा निगम की ओर से भेजे जाने वाले मैसेज में बिल नंबर, उपभोक्ता नंबर, बिल की राशि, बिल जमा करने की अंतिम तिथि आदि अंकित रहती है। साथ ही ऐसे संदेश में ना किसी अधिकारी के फोन का नंबर ही लिखा होता है और ना ही किसी का नाम। ऐसे में आप आसानी से फर्जी और असली संदेश की पहचान कर सकते हो।
ऐसे कटती है बिजली
उत्तराखंड ऊर्जा निगम के जीएम (एच आर) अमित कुमार के मुताबिक, बिजली कनेक्शन काटने के फर्जी मैसेज लोगों को मिलने की कई शिकायतें आ चुकी हैं। उपभोक्ताओं को ऐसे किसी भी मैसेज से झांसे में नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा कि बगैर नोटिस के बिजली नहीं काटी जाती है। यदि निश्चित अवधि तक कोई बिल का भुगतान नहीं करता है तो उसे नोटिस दिया जाता है। नोटिस में भी पूरे बिल की डिटेल होती है। साथ ही जब कनेक्शन काटा जाता है तो लाइनमैन घर जाता है। पहले वह उपभोक्ता से बिल दिखाने को कहता है कि उसने भुगतान किया है या नहीं। यदि बिल का भुगतान नहीं किया गया है, तब ही बिजली काटने का प्रावधान है।
फर्जी मैसेज की पहचान
फर्जी मैसेज भेजने वालों की पहचान आप आसानी से कर सकते हैं। क्योंकि ये मैसेज सिर्फ हवाई होते हैं। इसमें ना तो उपभोक्ता का नाम होता है। ना ही उपभोक्ता नंबर, बिल संख्या, बिल तारीख, बिल की अवधि, बिल की राशि आदि का ही जिक्र नहीं होता है। ना ही ये जिक्र होता है कि उक्त बिल किस जिले, राज्य, शहर, डिविजन से संबंधित है।
उत्तराखंड पुलिस से अनुरोध
लोकसाक्ष्य की ओर से उत्तराखंड पुलिस से भी अनुरोध है कि ऐसे फर्जी संदेश में अंकुश लगाने के लिए कुछ एक साइबर ठगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। यदि कुछएक पर कार्रवाई होती है तो लोगों को ठगने से बचाया जा सकेगा। साथ ही लोगों को ऊर्जा निगम और पुलिस की तरफ से जागरूक करने का अभियान भी चलाया जाना चाहिए। आखिर में यही कहा जा सकता है। समाचार पढ़िए। जानकार बनिए और खुद को ठगने से बचाइए। साथ ही दूसरों को जागरूक करिए।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।