विज्ञान के इस तर्क से हो जाओगे हैरान, रोज नहाने से नुकसान, जानिए नहाने का विज्ञान, सर्दियों में रोज नहाने से करें तौबा
जरूरी नहीं है रोज नहाना
साइंस कहती है कि रोज नहाने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। दुनियाभर के स्किन स्पेशलिस्ट मानते हैं कि ठंड में रोज न नहाना एक अच्छा डिसीजन है, क्योंकि जरूरत से ज्यादा नहाना हमारी स्किन के लिए अच्छा नहीं होता है। कई स्टडीज ये कहती हैं कि हमारी स्किन में खुद को साफ करने की बेहतर क्षमता होती है। अगर आप जिम नहीं जाते या रोजाना पसीना नहीं बहाते या धूल-मिट्टी में नहीं रहते हैं तो आपके लिए रोज नहाना जरूरी नहीं है।
विशेषज्ञों का तर्क
जॉर्ज वॉशिंग्टन यूनिवर्सिटी (वॉशिंगटन डीसी, यूएस) के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर सी ब्रैंडन मिशेल कहते हैं कि नहाने से स्किन के नेचुरल ऑयल और गुड बैक्टीरिया निकल जाते हैं। ये गुड बैक्टीरिया इम्यून सिस्टम को भी सपॉर्ट करते हैं। इसलिए सर्दियों में सप्ताह में दो या तीन दिन ही नहाना चाहिए। अमेरिकी विश्वविद्यालय द यूनिवर्सिटी ऑफ उतह के जेनेटिक्स साइंस सेंटर के एक अध्ययन के मुताबिक, ज्यादा नहाने से हमारे सुरक्षातंत्र को नुकसान पहुंचाता है। शरीर में रोगाणुओं-विषाणुओं से लड़ने की क्षमताएं कमजोर पड़ जाती हैं। इससे शरीर की खाना पचाने और उसमें से विटमिन व अन्य पोषक तत्वों को अलग करने की क्षमता भी प्रभावित होती है।
नाखूनों को भी होता है नुकसान
अगर आप रोज गरम पानी से नहाते हैं तो इससे आपके नाखूनों को भी नुकसान पहुंचता है। नहाते समय नाखून पानी अवशोषित कर लेते हैं और फिर सॉफ्ट होकर टूट जाते हैं। इनसे भी नेचुरल ऑयल निकल जाता है और ये रूखे और कमजोर हो जाते हैं। कोलंबिया यूनिवर्सिटी की संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एलाइन लारसन ने एक रिसर्च के और बताया कि रोज नहाने से हमारी स्किन रूखी और कमजोर पड़ जाती है। इससे संक्रमण का खतरा बहुत बढ़ जाता है. इसलिए रोज नहीं नहाना चाहिए।
भारत में ज्यादा नहाते हैं लोग
हाल ही में हुए एक सर्वे में पता चला है कि नहाने के मामले में दुनिया में शीर्ष देशों में भारत, जापान और इंडोनेशिया के लोग सबसे आगे हैं। अमेरिका और पश्चिम के देशों के कई शोध यह कहते हैं कि रोज नहाना महज पानी की बर्बादी नहीं, बल्कि शारीरिक और मानसिक तौर पर भी हानिकारक होता है।