धार्मिक नेता यति नरसिंहानंद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में, हेट स्पीच नहीं, महिलाओं पर टिप्पणी को लेकर हुई थी गिरफ्तारी
धार्मिक नेता यति नरसिंहानंद की गिरफ्तारी को लेकर नई बात सामने आई है। उनकी गिरफ्तारी धर्म संसद में हेट स्पीच को लेकर नहीं की गई, बल्कि महिलाओं को लेकर अभद्र टिप्पणी को लेकर की गई थी।
उत्तराखंड के हरिद्वार में पिछले महीने मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान करने वाले धार्मिक नेता एवं जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद की शनिवार को गिरफ्तारी की गई तो माना गया कि धर्म संसद में हेट स्पीच को लेकर ये कार्रवाई की गई है। बाद में इसका खुलासा हुआ कि उनकी गिरफ्तारी महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में हुई है। हेट स्पीच के मामले में उन्हें अभी तक सिर्फ नोटिस ही जारी किया गया है। हालांकि, हेट स्पीच मामले में भी रिमांड पर लिया जाएगा और इसकी प्रक्रिया जारी है। अब पुलिस कोर्ट में हम रिमांड अप्लीकेशन देगी तो उसमें हेट स्पीच मामले का विवरण भी शामिल करेगी।
नरसिंहानंद के खिलाफ वर्तमान महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कथित तौर पर “मामूली” है क्योंकि यह जमानत योग्य है। पिछले महीने हरिद्वार में आयोजित “धर्म संसद” में हेट स्पीच मामले में दर्ज प्राथमिकी में यति नरसिंहानंद नामजद लोगों में शामिल हैं। जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी, जो धर्म परिवर्तन से पहले वसीम रिज़वी थे, इस मामले में अब तक गिरफ्तार होने वाले एकमात्र सह-आरोपी हैं। घटना के लगभग एक महीने बाद, सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद ही उनकी गिरफ्तारी हो सकी थी। हेट स्पीच केस में दर्ज एफआईआर में 10 से अधिक लोगों के नाम हैं। इसमें नरसिंहानंद, जितेंद्र त्यागी और अन्नपूर्णा शामिल हैं। इससे पहले हरिद्वार एसएसपी ने गुरुवार को बताया था कि रिजवी को रुड़की के नारसन बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया था। रिजवी पहले उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख रह चुके हैं।
वसीम रिजवी की गिरफ्तारी के विरोध में कर रहे थे सत्याग्रह
जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर और गाजियाबाद स्थिता डासना मंदिर के परमाध्यक्ष यति नरसिंहानंद को उस समय पुलिस ने गिरफ्तार किया जब वह सर्वानंद घाट पर सत्याग्रह कर रहे थे। गिरफ्तारी के कुछ देर पहले उन्होंने डाक्टरों की राय पर जल ग्रहण कर लिया था। रिजवी की गिरफ्तारी के विरोध में यति नरसिंहानंद सत्याग्रह कर रहे थे। शुक्रवार रात करीब नौ बजे पुलिस ने उन्हें सत्याग्रह स्थल से गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा कि उनका सत्याग्रह जारी रहेगा। सर्वानंद घाट पर स्वामी अमृतानंद का सत्याग्रह जारी है।
पुलिस को दी थी धमकी
हरिद्वार धर्म संसद में मुस्लिमों के खिलाफ हेट स्पीच को लेकर उत्तराखंड पुलिस ने गुरुवार को पहली गिरफ्तारी की थी। इस गिरफ्तारी को लेकर यति नरसिंहानंद ने पुलिस अफसरों को धमकी भी दी थी। उन्होंने कहा था-तुम सब मरोगे। नफरती भाषण देने के आरोपी धर्मगुरुओं में यति नरसिंहानंद भी शामिल हैं। नरसिंहानंद ने कहा था कि मैं तीनों मामलों में उनके साथ हूं। क्या उन्होंने अकेले ऐसा किया?” अधिकारियों ने नरसिंहानंद से कार से बाहर निकलने के लिए कहा ताकि वे गिरफ्तारी की प्रक्रिया को आगे बढ़ सकें। हालांकि, नरसिंहानंद अपनी बात पर अड़े रहे। अधिकारी उनसे कहते हैं कि त्यागी स्थिति को समझ रहे हैं। इस पर नरसिंहानंद ने जवाब देते हुए कहा कि लेकिन मैं नहीं। वह हमारे समर्थन से हिंदू बन गए हैं। अधिकारियों के बार-बार गुजारिश करने पर, नरसिंहानंद ने कहा-तुम सब मरोगे, अपने बच्चों को भी..।
प्रकरण पहुंच चुका है सुप्रीम कोर्ट
पटना हाईकोर्ट की पूर्व जज जस्टिस अंजना प्रकाश और पत्रकार कुर्बान अली की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई थी। याचिकाकर्ता ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरती भाषणों की घटनाओं की एक एसआईटी द्वारा स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जांच’ कराने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से दस दिन के भीतर जवाब मांगा है।
धर्म संसद में विवादित भाषण देने का आरोप
बता दें कि धर्म संसद का आयोजन स्वामी नरसिंहानंग ने कराया था। इस सम्मेलन में वक्ता के रूप में हिंदू रक्षा सेना के अध्यक्ष स्वामी प्रमोदानंग गिरि और स्वामी आनंदास्वरूप, साध्वी अन्नपूर्णा शामिल हुए थे। वहीं बीजेपी नेता अश्वनी उपाध्याय पर भी कई आरोप लगे हैं, लेकिन उनका कहना है कि वह सिर्फ 30 मिनट ही कार्यक्रम में रुके थे। मुस्लिमों के खिलाफ विवादित भाषण पर कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. शमा मोहम्मद ने भी नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा कि मुनव्वर फारूकी को उन जोक्स के लिए दंडित किया गया, जो उन्होंने नहीं सुनाए थे, लेकिन विवादित बोल बोलने वाले धर्म संसद के उन सदस्यों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
धर्म की रक्षा के लिए उठाएंगे शस्त्र
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साधु-संत कहते दिख रहे हैं कि धर्म की रक्षा के लिए वह शस्त्र उठाएंगे। अब मुस्लिम पीएम नहीं बनने देंगे। साथ ही वह मुस्लिम आबादी भी नहीं बढ़ने देंगे। धर्म की रक्षा के नाम पर साधुओं का यह विवादित भाषण तेजी से वायरल हो रहा है। वहीं साध्वी अन्नपूर्णा भी कॉपी-किताब रखकर हाथ में शस्त्र उठाने की बात कहती दिख रही हैं।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।