चिंताजनकः कर्णप्रयाग में भी घरों में दरार, रेल परियोजना सुरंग की रिटेनिंग वॉल पर भी दरार, जोशीमठ में आज से ध्वस्तीकरण
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जोशीमठ शहर में असुरक्षित भवनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अब तक कुल 678 भवन चिह्नित किए जा चुके हैं। सीबीआरआई की टीम ने सोमवार को मलारी इन और माउंट व्यू होटल का सर्वे किया था। आज इन दोनों होटलों से भवनों को ढहाने की शुरुआत होगी। इन होटलों को अत्यधिक क्षति पहुंची है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कर्णप्रयाग में भी दरार
जोशीमठ का संकट अभी तक टला भी नहीं है कि एक और समस्या सामने आ गई है। अब कर्णप्रयाग नगर निगम क्षेत्र में कुछ जगहों पर दरारें उभरने की बात सामने आई है। इससे स्थानीय प्रशासन सतर्क हो गया है। न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, कर्णप्रयाग नगर निगम क्षेत्र के बहुगुणा नगर के कुछ घरों में मोटी-मोटी दरारें देखने को मिली हैं। इससे स्थानीय लोगों में दहशत है। स्थानीय लोगों का कहना है कि रेल परियोजना के कार्यों के चलते कर्णप्रयाग स्थित भवनों में दरारें आ रही हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रेल परियोजना की सुरंग की रिटेनिंग वॉल में दरार
ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित अटाली गांव में हुए भूधंसाव का असर ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की टिहरी की व्यासी स्थित सुरंग की रिटेनिंग वॉल पर भी पड़ता दिख रहा है। इस दीवार पर कई जगह बड़ी दरार आ गई हैं। रेल विकास निगम के अधिकारियों के अनुसार यह दरार अब स्थिर है और परियोजना पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर व्यासी में सुरंग निर्माण का कार्य चल रहा है। रेल विकास निगम की ओर से सुरंग के मुहाने पर दोनों और रिटेनिंग वॉल बनाई गई हैं। अटाली गांव में हो रहे भूधंसाव का असर रेल परियोजना के निर्माण पर भी पड़ा है और रिटेनिंग वॉल में कई बड़ी दरारें आ गई हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जानकारी के मुताबिक बीते 20 दिसंबर से यह दरार आनी शुरू हुईं, जिनके बढ़ने का क्रम 25 दिसंबर तक जारी रहा। सोमवार को व्यासी में जिला प्रशासन और रेल विकास निगम के अधिकारियों की ग्रामीणों के साथ हुई बैठक में भी यह मामला उठा। बैठक में रेल विकास निगम के अधिकारियों ने बताया कि यह दरार अब स्थिर हैं। सुरंग के भीतर निकले जलस्रोत को भी डायवर्ट किया गया है। संपूर्ण क्षेत्र का भूगर्भीय सर्वेक्षण किया जा चुका है। रेल विकास निगम के उप महाप्रबंधक भूपेंद्र सिंह ने बताया कि 25 दिसंबर के बाद से सभी दरारें स्थिर हैं। दरारों की चौड़ाई करीब 30 सेंटीमीटर है। इन दरारों से रेल परियोजना पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अब तक 81 प्रभावितों का रेस्क्यू
जोशीमठ में अब तक 81 प्रभावित परिवारों का रेस्क्यू किया जा चुका है। इन सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर बनाए गए राहत शिविरों में रखा गया है। क्षेत्र के 678 मकानों में दरारें आने की पुष्टि हो चुकी है। दूसरी तरफ, जिन इलाकों में इमारतें गिराई जाएंगी, उन्हें प्रशासन ने असुरक्षित जोन घोषित कर खाली करा दिया है। एसडीआरएफ कर्मियों की मदद से लोगों के सामान को दूसरे जगह पर ले जाया जा रहा है। लोग अपने घरों को खाली करते हुए बहुत दुखी और भावुक हैं। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (चमोली) के ताजा बुलेटिन के मुताबिक, जोशीमठ टाउन इलाके में कुल 678 इमारतों में दरारें पड़ गई हैं। सुरक्षा कारणों से अब तक कुल 81 परिवारों को अस्थाई रूप से विस्थापित किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जोशीमठ में 678 भवनों में दरारें चिह्नित
जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, चमोली द्वारा जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भूधसाव के दृष्टिगत आपदा प्रबंधन संबंधी बुलेटिन जारी किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जोशीमठ नगर क्षेत्र में कुल 678 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई हैं। सुरक्षा के दृष्टिगत कुल 81 परिवारों को अस्थाई रूप से विस्थापित किया गया है। जोशीमठ नगर क्षेत्रान्तर्गत अस्थाई रूप से 213 कक्षों को निवास करने योग्य चिन्हित किया गया है जिनकी क्षमता 1191 आंकी गई है, इसके साथ ही नगरपालिका जोशीमठ क्षेत्र से बाहर पीपलकोटी में 491 कक्षों/हॉल को चिन्हित किया गया है जिनकी क्षमता 2205 है।
प्रभावित परिवारों को उनकी आवश्यकतानुसार खाधान्न किट एवं कंबल वितरित किये गये हैं। 53 प्रभावित परिवारों को रू 5000.00 प्रति परिवार की दर से आवश्यक घरेलू सामग्री हेतु धनराशि वितरित की गयी है। कुल 63 खाद्यान्न किट एवं 53 कम्बल उपलब्ध कराये गये हैं। 50 प्रभावित व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दरक रहा है जोशीमठ
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जिले में धंसते जोशीमठ में तबाही का खतरा गहराने लगा है। यहां जमीन धंसने के कारण 600 घरों में दरारें आ गई हैं। हाईवे दरक गए। भवन और मकानों में दरारें आ गई। कई मंदिरों पर भी खतरा मंडरा रहा है। कई स्थानों पर पानी के स्रोत फूट गए। ऐसे में लगभग 600 परिवारों को उनके घर खाली करने का आदेश दिया गया है। साथ ही चारधाम ऑल वेदर रोड (हेलंग-मारवाड़ी बाईपास) और एनटीपीसी की पनबिजली परियोजना जैसी मेगा परियोजनाओं से संबंधित सभी निर्माण गतिविधियों पर स्थानीय निवासियों की मांग पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। जोशीमठ औली मार्ग आवागमन भी बंद कर दिया गया है। राज्य सरकार ने कहा है कि जिन लोगों के घर प्रभावित हुए हैं और उन्हें खाली करना है। उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से अगले छह महीने के लिए मकान किराए के रूप में 4,000 रुपये प्रति माह मिलेंगे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।