ग्राफिक एरा के हजारों छात्र-छात्राओं से विश्वविख्यात लेखक रस्किन बांड ने किया संवाद, बोले- सीखने की नहीं होती कोई उम्र
विश्वविख्यात लेखक रस्किन बांड ने कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती। 87 साल की उम्र में भी वे रोज कुछ ना
कुछ नया सीखते रहते हैं। पद्म भूषण रस्किन बॉन्ड आज ग्राफिक एरा डीम्ड और ग्राफिक एरा हिल के नए छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन माध्यम से संबोधित कर रहे थे।
कुछ नया सीखते रहते हैं। पद्म भूषण रस्किन बॉन्ड आज ग्राफिक एरा डीम्ड और ग्राफिक एरा हिल के नए छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन माध्यम से संबोधित कर रहे थे। नए सत्र के छात्र-छात्राओं के लिए आयोजित इंडक्शन प्रोग्राम में नामचीन अंतर्रष्ट्रिया लेखक रस्किन बॉंड ने अपने संदकवनत स्तिथ निवास से ऑनलाइन शिरकत की। कार्यक्रम में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के साथ-साथ ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के देहरादून, हल्द्वानी और भीमताल परिसरों के छात्र-छात्राओं से रस्किन बॉंड ने अपनी प्रसिद्ध किताबों और कहानियों के कई मजेदार अनुभव साझा किए।
रस्किन बॉंड ने कहा कि तीन दशक के इस गौरवपूर्ण सफर में डॉ. कमल घनशाला ने एक के बाद एक शानदार उपलब्धियाँ हासिल की हैं। खास बात ये है की ये उपलब्धियां आम आदमी को खुशियों से जोड़ती हैं। रस्किन बॉंड ने कहा की लिखने के लिए जरूरी है की खूब पढ़ा जाए। सीखने की कोई उम्र नहीं होती, 87 की उम्र में भी वे रोज कुछ नया सीखते रहते हैं। रस्किन बॉंड ने अपनी जिंदगी की किताब के कई मजेदार किस्से छात्र-छात्राओं को सुनाए। सेलेब्रिटी लेखक को ऑनलाइन अपने बीच देख छात्र-छात्राएं फूले नहीं समाए। उनके साथ लिए अपने स्क्रीनशाट्स को सोशल मीडिया में शेयर करते नजर आए। कार्यक्रम का संचालन साहिब सबलोक ने किया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।