Video: विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के खुले कपाट, केदारनाथ धाम पहुंची बाबा की उत्सव डोली

हिंदुओं की आस्था के केंद्र विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के शुभ लग्न में पूजा अर्चना और विधि विधान के साथ शनिवार 15 मई की सुबह सात बजकर 31 मिनट पर खोल दिए गए। अब आगामी छह माह तक गंगा माता की पूजा यहीं होगी। कपाट खुलने के बाद विशेष पूजा शुरू कर दी गई। हालांकि कोरोनाकाल के चलते फिलहाल चारधाम यात्रा स्थगित है। मंदिर में पुजारी, पंडा समाज की नियमित पूजा करेंगे। वहीं, गौरीकुंड से केदारनाथ भगवान की उत्सव डोली केदारनाथ धाम पहुंच गई। कल 14 मई को यमुनोत्री धाम के कपाट खोल दिए गए थे। केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई और बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई को खुलेंगे। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले में हैं, जबकि केदारनाथ धाम रुद्रप्रयाग और बदरीनाथ धाम चमोली जिले में हैं।
गंगा मां की भोग मूर्ति डोली की यात्रा मुखवा से गंगोत्री के लिए प्रस्थान कर कल शाम को भैरव घाटी के आनंद भैरव मंदिर में विश्राम के लिए पहुंची थी। आज सुबह करीब पांच बजे डोली ने गंगोत्री के लिए प्रस्थान किया। सुबह गंगोत्री पहुंचने के बाद 7.31 बजे मिथुन लग्न और मृगशिरा नक्षत्र पर विशेष पूजा अर्चना के साथ मां गंगोत्री के द्वार खोल दिए गए। अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त बैशाख मास शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को ही यमुनोत्री व गंगोत्री के कपाट खोले जाते हैं। इस बार इसका शुभ समय 14 मई 2021 शुक्रवार को सुबह पांच बजकर 38 मिनट से 15 मई को शनिवार के दिन सुबह सात बजकर 59 मिनट तक था।
इस मौके पर श्री पांच मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल, सचिव दीपक सेमवाल, पूर्व सचिव रविंद्र सेमवाल, हरीश सेमवाल, सुभाष सेमवाल, शिव प्रकाश सेमवाल, सत्येंद्र सेमवाल, एसडीएम देवेंद्र लिंब नेगी के साथ ही पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी और अधिकारी मौजूद रहे।
उधर, केदारनाथ धाम पहुंचने के बाद उत्सव डोली दो दिन केदारनाथ में विश्राम करेगी। इसके बाद 17 मई को प्रातः ब्रह्ममुहूर्त पर विशेष पूजा अर्चना के साथ सुबह पांच बजे बाबा केदारनाथ के कपाट खोले जाएंगे। वहीं, बदरीनाथ की विशेष डोली पांडुकेश्वर से 17 मई को विशेष मुहूर्त पर चलकर बदरीनाथ धाम पहुंचेगी और 18 मई को प्रातः विशेष पूजा अर्चना के साथ चार बजकर 15 मिनट पर नर पूजा के लिए भगवान बदरीनाथ कपाट खोले जाएंगे। इससे पूर्व छह माह शीतकालीन पूजा अर्चना स्वयं नारदजी व देवी देवताओं के द्वारा की जाती है।
कोरोना गाइडलाइन का पालन करना जरूरी
चारधामों के कपाट खोलने और पूजा को लेकर शासन ने गाइडलाइन जारी कर रखी है। इसमें मास्क लगाना जरूरी है। साथ ही घंटी बजाना और मूर्ति आदि को छूना मना है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी है। मंदिरों में प्रसाद वितरित नहीं किया जाएगा। जिस तरह से पर्वतीय क्षेत्र में कोरना फैल रहा है, उस हिसाब से इन नियमों का कितना पालन होता है, ये व्यवस्था प्रशासन को करनी है।
गंगोत्री धाम की फोटो व वीडियो-साभार सत्येंद्र सेमवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।