एम्स में वर्ल्ड एंटीबायोटिक जनजागरुकता सप्ताह ‘वॉव 2022’ विधिवत शुरू
शुक्रवार को संस्थान के जनरल मेडिसिन एवं नर्सिंग विभाग की ओर से आयोजित वर्ल्ड एंटीबायोटिक जनजागरुकता सप्ताह का कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने विधिवत शुभारंभ किया। सप्ताह के पहले दिन अप्रोच टू इंटीग्रेटेड एंटी माइक्रोवायल स्टेवयर्डशिप प्रैक्टिस विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि एंटीबायोटिक दवाओं का ज्यादा उपयोग करने से मनुष्य के शरीर में इसका प्रभाव कम हो रहा है। इसलिए इन दवाओं के उपयोग और उससे पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों के बारे में हेल्थ केयर वर्करों से मरीजों, तीमारदारों व अन्य लोगों को इसकी विस्तृत जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक नीति तैयार करने की जरुरत बताई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यवाहक संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रो. एसके हांडू ने इस तरह के जनजागरुकता कार्यक्रमों को सीमित समय के बजाए वर्षभर संचालित किए जाने की आवश्यकता है। तभी ऐसे कार्यक्रमों के माध्मय से लोग भली प्रकार से जागरुक हो सकेंगे। उन्होंने कार्यशाला में मौजूद हेल्थ केयर वर्करों से कहा कि एंटीबायोटिक दवाओं के इस्तेमाल के दौरान अति सावधानी बरती जानी चाहिए। उन्होंने इन दवाओं के सही इस्तेमाल के बारे में विस्तृत जानकारियां उपलब्ध कराई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जनरल मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. मीनाक्षी धर ने कहा कि अत्यधिक दवाओं का उपयोग हमेशा हानिकारक होता है, खासतौर से एंटीबायोटिक दवाओं का रोगों के निदान के लिए विशेष सावधानियों के साथ उपयोग किया जाना चाहिए। मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक व कार्यक्रम के आयोजन सचिव डा. पीके पंडा ने वर्ल्ड एंटीबायोटिक जनजागरुकता सप्ताह के बाबत विस्तारपूर्वक बताया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि हेल्थ केयर वर्कर एंटीबायोटिक दवाओं के प्रतिरोध को कम करने में विशेष भूमिका निभा सकते हैं। आम जनमानस की रक्षा के लिए उन्होंने एंटीबायोटिक के दुरुपयोग को कम करने के लिए जागरुकता लाने की बात कही। कार्यशाला को डा. अंबर प्रसाद, डा. विश्वजीत, फार्माकोलॉजी विभाग के डा. पुनीत धमीजा ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर प्रो. बलरामजी ओमर, कार्यवाहक नर्सिंग प्रिंसिपल वैल्सी, नर्सिंग फैकल्टी डा. मनीष शर्मा, राखी मिश्रा के अलावा एसआर, जेआर, नर्सिंग ऑफिसर्स आदि हेल्थ केयर वर्कर्स मौजूद रहे।
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।