ग्राफिक एरा में यूसीसी पर कार्यशाला, व्यक्तिगत अधिकारों का संरक्षण करेगा यूसीसी: एसएसपी
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कहा कि यूनिफार्म सिविल कोड नागरिकों के व्यक्तिगत अधिकारों का संरक्षण करता है। उन्होंने छात्र और छात्राओं से इसके प्रति लोगों को जागरूक करने का आह्वान किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एसएसपी अजय सिंह आज ग्राफिक एरा सिल्वर जुबली कन्वेंशन सेण्टर में छात्र-छात्राओं को सम्बोधित कर रहे थे। वन नेशन वन कोड पर आयोजित इस कार्यशाला में उन्होंने कहा कि समय के साथ समाज में नये ट्रेंड्स आ रहे हैं। इन बदलावों को ध्यान में रखकर राज्य में यूनिफार्म सिविल कोड लागू किया गया। यह लिंग, धर्म या समुदाय के आधार पर भेदभाव नहीं करता और सुनिश्चित करता है कि इसके दायरे में आने वाले हर व्यक्ति को समान रूप से व्यक्तिगत व कानूनी अधिकार मिले। उत्तराखण्ड यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने छात्र-छात्राओं के यूसीसी से जुड़े प्रश्नों के उत्तर देते हुए कहा कि यह मुख्य रूप से शादी, तलाक, उत्तराधिकार व लिव-इन-रिलेशनशिप से सम्बन्धित मामलों में लागू होगा। इससे किसी भी व्यक्ति की प्राईवेसी पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह लिव-इन को बढ़ावा नहीं देता, बल्कि जो इसके दायरे में आता है उसे नियमित करने की व्यवस्था करता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देहरादून में हाल ही में एक छात्रा की मौत का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वह कई महीनों से लिव-इन में रह रही थी, लेकिन उसकी मौत के बाद कई जटिलताएं पैदा हो गईं। अगर उस समय लिव-इन में रजिस्ट्रेशन होने की व्यवस्था होती तो विभिन्न पक्षों को इन जटिलताओं से छुटकारा मिल सकता था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यशाला में अभियोजन विभाग के संयुक्त निदेशक जीसी पंचोली ने कहा कि युवाओं में यूसीसी को लेकर स्पष्ट समझ होना बहुत जरूरी है। कार्यशाला में विशेष लोक अभियोजक पंकज राज व ममता मानादूली ने इस कानून की बारीकियों पर प्रकाश डाला। चेयरमैन डा. कमल घनशाला ने एसएसपी सिंह को स्मृति चिन्ह भेंट किया। कार्यक्रम में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. नरपिन्दर सिंह, सहायक अभियोजन अधिकारी भानु प्रताप बिष्ट, विभिन्न विभागों के शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।