हिमालयन संस्थान के कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट में ब्रैस्ट कैंसर पर कार्यशाला, किसी भी आयुवर्ग की महिला हो सकती है प्रभावित
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उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुये सीआरआई निदेशक डॉ. सुनील सैनी ने कहा कि उत्तराखंड क्षेत्र की महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे आम कैंसर है। प्रजनन आयु वर्ग की युवा महिलाओं में स्तन कैंसर का एक बड़ा हिस्सा तेजी से बढ़ रहा है। इस कार्यशाला का उद्देश्य ब्रैस्ट कैंसर के रोगियों की विशेष जरूरतों के बारे में जागरूकता पर केंद्रित रहेगा।
एशियन सोसाइटी ऑफ मेस्टोलॉजी के अध्यक्ष प्रोफेसर चिंतामणि ने कहा कि भारतीय महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे आम है। यह किसी भी आयुवर्ग की महिलाओं को प्रभावित कर सकता है। गर्भावस्था से जुडे़ स्तर कैंसर और उपचार के बाद प्रजनन संबंधी समस्याएं रोगी की देखभाल के महत्वपूर्ण सामाजिक पहलू है।
आयोजक सचिव डॉ. अंशिका अरोड़ा ने बताया कैंसर प्रबंधन बहुविषयक है और इसमें व्यक्तिगत चिकित्सा के सिद्धांत शामिल हैं। कार्यशाला में सर्जरी, चिकित्सा, स्त्री रोग, विकिरण, रेडियोडायग्नोसिस, पैथोलॉजी, नर्सिंग आदि के क्षेत्र से 290 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। डॉ. रूचिरा नौटियाल, डॉ. सुमिता प्रभाकर, डॉ. अंकित बत्रा, डॉ. विपुल नौटियाल, डॉ. विनी ने गर्भावस्था और ब्रैस्ट कैंसर पर व्याख्यान दिये। इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ. एसएल जेठानी, डॉ. मुश्ताक अहमद, डॉ. डीसी धस्माना, डॉ. हेमंत नौटियाल, डॉ. अनुराधा कुसुम, डॉ. मंजू सैनी, डॉ. मीनू गुप्ता, डॉ. वीना अस्थाना आदि उपस्थित थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।