उत्तराखंड में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में कर्मचारियों का कार्यबहिष्कार जारी, जानिए क्या हैं मांगे
उत्तराखण्ड राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कर्मचारी संघ की ओर से अपनीं मांगों के समर्थन में किया जा रहा कार्य बहिष्कार तीसरे दिन आज बुधवार चार अगस्त को भी जारी रहा। पूरे प्रदेश में अनुदेशक, कार्यदेशक एवं भंडारी संवर्ग के कार्मिकों ने अपने अपने संस्थानों में कार्यबहिष्कार कर 11 बजे से 1 बजे तक धरना प्रदर्शन किया।
संघ के प्रान्तीय अध्यक्ष आरपी जोशी ने बताया कि आंदोलन के तहत प्रत्येक हर जिले में धरना दिया जा रहा है। राजधानी देहरादून में सचिव/निदेशक कैम्प कार्यालय, महिला आईटीआई देहरादून में धरना दिया जा रहा है। देहरादून में कैंप कार्यालय में मौजूद सचिव/निदेशक कौशल विकास विभाग विजय कुमार यादव ने उन्हें अनौपचारिक रूप से वार्ता के लिए बुलाया। इस दौरान उन्हें मांगों से अवगत कराया गया। साथ ही उन्हें संघ की ओर से मांगपत्र सौंपकर निस्तारण करने का अनुरोध किया किया।
इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष जोशी ने सचिव/निदेशक से वार्ता के लिए औपचारिक रूप से बुलाने एवं उक्त बैठक में समस्त निदेशालय स्तर के विभागीय अधिकारियों को भी बुलाए जाने का अनुरोध किया। क्योंकि अधिकतर मांगों पर उनके स्तर से ही कार्यवाही की जानी है। ये ही अधिकारी कार्यों को किए जाने में आनाकानी करते हैं। उन्होंने यह भी स्प्ष्ट किया कि यदि उक्त बैठक में कोई ठोस निर्णय लिए जाने के उपरांत ही संघ की ओर से अपने आन्दोलन की अग्रिम कार्यवाही के सम्बन्ध में विचार विमर्श किया जाएगा।
प्रान्तीय महामंत्री पंकज सनवाल के अनुसार प्रशिक्षण संस्थान खुलने के उपरांत हो रहे कार्य़बहिष्कार का प्रशिक्षण पर खासा असर देखा जा रहा है। इसके अतिरिक्त कार्मिकों की ओर से प्रवेश, परीक्षा, एफिलिएशन तथा अन्य अतिरिक्त कार्यों को भी किसी भी दशा में न किए जाने का भी संकल्प लिया गया है। प्रान्तीय महामंत्री सनवाल ने स्पष्ट किया कि यह कार्य बहिष्कार किसी भी ठोस निर्णय को लिए जाने तक जारी रहेगा। संघ वार्ता तो कई बार कर चुका है, अब वह कई वर्षों से लंबित मांगों का निराकरण करा कर ही आन्दोलन से वापस लौटेगा।
ये हैं मांगे
-अनुदेशक, कार्यदेशक संवर्ग की पदोन्नति यथाशीघ्र की जाय।
-100 प्रतिशत विभागीय पदोन्नति सहित कार्यदेशक सेवा नियमावली बनाई जाय।
-विभागीय ढांचा बनाया जाय।
-निदेशालय की कार्य़प्रणाली में सुधार लाया जाय, अक्षम अधिकारियों को हटाया जाय।
-अनुदेशक एवं कार्यदेशक का पदनाम परिवर्तित कर प्रशिक्षण अधिकारी व वरिष्ठ प्रशिक्षण अधिकारी किया जाय।
-अनुदेशकों को ग्रेड वेतन 4600/ के अन्तर्गत कनिष्ठ अभियंता की भांति काल्पनिक वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाय।
इन्होंने की धरनों की अगुआई
आज विभिन्न जनपदों में हुए धरना प्रदर्शन की अगुआई अरुण पंवार, पवन बुटोला, मोहम्मद आलम, पुष्कर सिंह मेहरा, प्रेम बल्लभ पन्त, क्रान्ति रौतेला, पी के जोशी, जगबीर राणा, मेजर सिंह पुंडीर, रोहित कुमार वर्मा, अमित गुप्ता इत्यादि ने की।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
उचित मांगे