महिला दिवसः छात्राओं से न्यूड डांस कराने के खिलाफ भारतीय जन महासभा ने किया प्रदर्शन, राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजने से पहले हुआ कोरोना टेस्ट

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में महाराष्ट्र में महिला हॉस्टल में घटित अमानवीय घटना के विरोध में भारतीय जन महासभा कार्यकर्ताओं ने झारखंड के पूर्वी सिंह भूम में प्रदर्शन करते हुए उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया।
कार्यकर्ता पूर्वी सिंहभूम (झारखंड) के कार्यालय के समक्ष एकत्र हुए और उन्होंने घटनवा के विरोध में प्रर्दशन किया। इस मौके पर भारतीय जन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने कहा कि जलगांव, महाराष्ट्र के गणेश मोहल्ला स्थित सरकारी आशादीप गर्ल्स हॉस्टल में महिला एवं बाल कल्याण विभाग की ओर से बेसहारा, प्रताड़ित एवं पीड़ित महिलाओं और लड़कियों के रहने एवं खाने की व्यवस्था की जाती है।
उन्होंने बताया कि विगत एक मार्च को महाराष्ट्र की पुलिस उक्त हॉस्टल में जांच के बहाने घुसी। वहां की छात्राओं के कपड़े उतरवाकर उनसे जबरन न्यूड डांस करवाया। यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है। उन्होंने कहा कि अभी तक इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी नहीं हुई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार के मंत्री एवं विधायक उन पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की जगह बचाने के कार्य में लगे हुए हैं। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि मंत्री और विधायक भी इस प्रकार की घटनाओं में लिप्त रहते हैं।
भारतीय जन महासभा ने ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से मांग की है कि जो सरकार अपने राज्य की बहू बेटियों की सुरक्षा नहीं कर सकती, उसे बर्खास्त किया जाए। साथ ही वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना राज्य की महिलाओं एवं छात्राओं के हित में होगा। इससे अन्य राज्यों की सरकारों को भी सबक मिलेगा कि वे अपनी सरकार के मातहत विभागों के कर्मचारियों पर अंकुश लगाये।
ज्ञापन सौंपने वालों में बसन्त कुमार सिंह, श्याम सुंदर मिश्रा, सोनी पाटोदिया, मीना चौधरी, पूरन चन्द्र गोप, नमिता सिन्हा, सबिता ठाकुर, दीप आदि सम्मिलित थे।
कोरोना टेस्टे के बाद तीन लोगों को जाने दिया कार्यालय
भारतीय जन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने बताया कि ज्ञापन देने के लिए उपायुक्त कार्यालय में मात्र तीन लोगों को जाने दिया गया। इनमें उनके साथ श्याम सुंदर मिश्रा, मीना चौधरी थे। पहले तीनों का कोरोना टेस्ट किया गया। फिर भीतर जाने के बाद उपायुक्त से नहीं मिलने दिया। वहां एक बॉक्स में ज्ञापन डालने को कहा गया।