भारी बारिश के दौरान महिला कांग्रेस और महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने किया सचिवालय कूच, ये हैं मुद्दे
उत्तराखंड प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला के नेतृत्व में आज महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने संयुक्त रूप से प्रदर्शन करते हुए सचिवालय कूच किया। जुलूस देहरादून में राजपुर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय से शुरू हुआ। सचिवालय से पहले बैरिकेड पर पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। इस पर कुछ देर सड़क पर धरना दिया गया। इस दौरान भारी बारिश भी हो रही थी। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नाम संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने कहा कि उत्तराखंड सरकार की महिला सशक्तिकरण के माध्यम से महिलाओं को सशक्त एवं स्वावलंबी बनाने की बात करती है। वहीं, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों की ओर से पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय से स्वरोजगार की दृष्टि से पोषाहार राशन योजना के तहत वितरित की जाने वाली राशन को अब भारत सरकार के स्वामित्व वाले संस्थान एनसीसीएफ के माध्यम से वितरित किये जाने की योजना बनाई जा रही है। जो कि कतई तर्क संगत प्रतीत नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड राज्य महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री महिला स्वयं सहायता समूहों से टीएचआर का कार्य छीनकर माह अप्रैल 2021 में ई-टेंडरिंग के माध्यम से बड़े ठेकेदारों को यह कार्य सौंपे जाने के लिए निविदायें जारी कर दी थी। इसके विरुद्ध राज्य के महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा आंदोलन करने के साथ ही उच्च न्यायालय की शरण ली गई। 25 नवम्बर 2021 को उच्च न्यायालय द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों के पक्ष में निर्णय देते हुए यथा स्थिति बनाये रखने के निर्देश दिये। इसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा टीएचआर का भुगतान रोक कर महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रताड़ित किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ज्योति रौतेला ने यह भी कहा कि 2014 से टेक होम राशन का काम स्वयं सहायता समूहों को दिया जाने लगा था। 2022 से टेक होम राशन के वितरण का काम स्वयं सहायता समूहों से लेकर फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया से करवाना शुरू कर दिया गया। उन्होंने कहा कि पूर्व में कांग्रेस पार्टी के टेकहोम राशन की टेण्डर प्रक्रिया का विरोध करने पर उच्च न्यायालय द्वारा मुहर लगाते हुए टेक होम राशन की टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। साथ ही उच्च न्यायालय ने सख्त टिप्पणी करते हुए सरकार से जवाब मांगा था कि आखिर स्वयं सहायता समूह को इस टेंडर प्रक्रिया से दूर रखने की साजिश क्यों की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में करीब 40,000 से ज्यादा महिलाओं के स्वरोजगार पर इस टेंडर प्रणाली के चलते खतरा मंडरा रहा था, परन्तु हाईकोर्ट के आदेश से स्वयं सहायता समूह को थोड़ी राहत मिली थी। इसके उपरान्त नवम्बर 2022 में राज्य सरकार द्वारा इस योजना को यह कहते हुए बंद कर दिया गया कि भारत सरकार के आदेशों का पालन किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि अब एक बार फिर से राज्य सरकार द्वारा बिना टेंडर प्रक्रिया अपनाये हुए 250 करोड़ का ठेका भारत सरकार की ऐजेंसी एनसीसीएफ को देने के लिए मंत्रिमंडल में प्रस्ताव पास करने की योजना बनाई गई है। उसी कार्य के लिए दो अन्य संस्थानों क्रमशः नैफेड एवं केन्द्रीय भंडारण से भी आवेदन मांगे गये थे, परन्तु विचार केवल एनसीसीएफ को टेंडर देने पर हुआ है, जो कि कतई न्यायोचित नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के अलावा अन्य राज्यों में नैफेड स्थानीय स्वयं सहायता समूहों के साथ मिलकर काम कर रहा है। सरकार के इस निर्णय से स्पष्ट हो गया है कि भाजपा सरकार की महिलाओं को सशक्त एवं स्वावलंबी बनाने की बात महज एक दिखावा है। महिला कांग्रेस ने धामी सरकार से मांग की कि पोषाहार योजना के क्रियान्वयन में अन्य राज्यों की भांति महिला स्वयं सहायता समूहों को भी शामिल किया जाय। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदर्शन करने वालों में प्रदेश महिला उपाध्यक्ष नजमा खान, आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा, महानगर अध्यक्ष उर्मिला थापा, चन्द्रकला नेगी, पुष्पा पंवार, निधि नेगी, पूनम सिंह, जिलाध्यक्ष अंशुल त्यागी, अनुराधा तिवारी, अमृता कौशल, स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष रीता नेगी, सचिव कोमल, फरजाना, निर्मला, भूरी, नन्दा, पिंकी, मीतू, रीना आदि अनेक महिलाएं शामिल थीं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।