उत्तराखंड में जल, जंगल, जमीन की लड़ाई लड़नी पड़ेगी, आंदोलन के लिए दोबारा रहें तैयारः आप

उन्होंने चमोली जिले के हेलंग का उदाहरण देते हुए कहा देते हुए कहा कि जिस चारागाह से वहां के स्थानीय लोग पीढ़ियों से चारा पत्ती ला रहे थे। वहां टीएचडीसी ने अपने ट्रक का सामान खाली करना शुरू कर दिया। इससे प्राकृतिक संपदा एवं हरियाली को काफी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि अब वे मवेशियों के लिए चारा कहां से लाएंगे। सरकार ने पहाड़ के लोगों से उनके प्राकृतिक संसाधन छीनने ने का काम किया है। कहीं ना कहीं सरकार ने सार्वजनिक काश्तकारी का हक भी समाप्त किया है। यह घटना बहुत दुखदाई है कि एक महिला को पशु चारे के लिए सरकार सुरक्षा कर्मियों की ओर से रोका गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि राज्य सरकार द्वारा एवं वन विभाग द्वारा जल, जंगल, जमीन से जुड़े मसले पर जल्द ही कोई निर्णय नहीं लिया गया तो आम आदमी पार्टी इस पर सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा की अति दुर्गम क्षेत्रों में जहां लोग जाने से भी डरते हैं। वहां हमारे बुजुर्गों ने प्रहरीयो की तरह जल, जंगल, जमीन की रक्षा की है और पीढ़ी दर पीढ़ी इसकी रक्षा करते आए हैं, परंतु आज सरकार के इस रवैया से पूरे उत्तराखंड में एक गलत संदेश गया है। उन्होंने कहा सरकार इस पर अपना स्टैंड क्लियर करें नहीं तो आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर कर राज्य सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।