17 साल की उम्र में भारत के लिए डेब्यू करने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल ने इंटरनैशनल क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है। पार्थिव पटेल ने जब भारत के लिए डेब्यू किया था तब उनकी उम्र महज 17 साल 153 दिन थी। वह भारत के सबसे युवा विकेटकीपर है। 35 वर्षीय पार्थिव पटेल ने भारत के लिए 25 टेस्ट, 38 वनडे इंटरनैशनल और दो टी20 मैच खेले हैं। घरेलू क्रिकेट के 194 मैचों में उन्होंने गुजरात का प्रतिनिधित्व किया। इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने बुधवार को ट्वीट कर सन्यास की जानकारी दी। उनका क्रिकेट करियर 18 साल का रहा। पार्थिव पेटल ने 25 टेस्ट, 38 वनडे और 2 टी20 इंटरनेशनल मैचों में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट जनवरी 2018 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ जोहानिसबर्ग में खेला था।
3 महीने बाद अपना 36वां जन्मदिन मनाने जा रहे पार्थिव ने ट्विटर और इंस्टाग्राम पर लिखा, ‘मैं आज क्रिकेट के सभी प्रारूपों से विदा ले रहा हूं। भारी मन से अपने 18 साल के क्रिकेट के सफर का समापन कर रहा हूं। सौरव गांगुली की कप्तानी में 17 साल 152 दिन की उम्र में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने वाले पार्थिव पटेल ने अपने करियर में 31.13 की औसत से 934 रन बनाए, जिसमें 6 अर्धशतक शामिल रहे। उन्होंने 62 कैच लपके और 10 स्टंप भी किए। वह टेस्ट डेब्यू करने वाले सबसे युवा विकेटकीपर रहे।
रणजी से पहले मिला मौका
उन्हें जब 2002 में इंग्लैंड दौरे पर भेजा गया, तब उन्होंने रणजी ट्रॉफी क्रिकेट में भी पदार्पण नहीं किया था। पार्थिव ने कहा- बीसीसीआई ने काफी भरोसा जताया कि 17 साल का एक लड़का भारत के लिए खेल सकता है। अपने करियर के शुरुआती वर्षों में मेरी इस तरह हौसला अफजाई करने के लिए मैं बोर्ड का शुक्रगुजार हूं।
वन डे करियर
पार्थिव ने अपने वनडे करियर में 23.74 के एवरेज से 4 अर्धशतकों के साथ 736 रन बनाए। उन्होंने 30 कैच लपके और 9 स्टंप भी किए। आईपीएल-2020 में उन्हें रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की और एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला था।
आइपीएल में प्रदर्शन
आईपीएल के 139 मैचों में उन्होंने 22.60 के एवरेज से 2848 रन बनाए। उन्होंने 13 अर्धशतक लगाए। विकेट के पीछे 85 (69+16) शिकार किए. दिनेश कार्तिक और फिर महेंद्र सिंह धोनी के आने के बाद वह टीम इंडिया के नियमित सदस्य नही रह पाए।
भारतीय टीम से बाहर होने पर खेला पहला रणजी
उन्होंने 2004 में भारतीय टीम से बाहर किए जाने के बाद पहला रणजी मैच खेला। पार्थिव ने ‘दादा’ यानी बीसीसीआई अध्यक्ष गांगुली समेत सारे कप्तानों को धन्यवाद दिया। महेंद्र सिंह धोनी के आने के बाद पार्थिव विकेटकीपर के तौर पर दूसरी पसंद हो गए और यदा कदा बतौर बल्लेबाज ही खेले।
नहीं दिया धोनी को दोष
बाद में सीमित ओवरों में सलामी बल्लेबाज के रूप में कुछ मैच खेले। पार्थिव ने हमेशा स्वीकार किया कि वह धोनी को दोष नहीं दे सकते। क्योंकि उन्हें और दिनेश कार्तिक को धोनी से पहले टीम में अपनी जगह पक्की करने के मौके मिले थे।
घरेलू क्रिकेट में भी रहे कामयाब
वह घरेलू क्रिकेट में काफी कामयाब रहे और 194 प्रथम श्रेणी मैचों में 27 शतक समेत 11240 रन बनाए। उन्होंने आईपीएल में मुंबई इंडियंस (MI), चेन्नई सुपर किंग्स (CSK), रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के लिए खेला। इस बार आरसीबी के लिए वह एक भी मैच नहीं खेल सके। उन्होंने कहा-मैं आईपीएल टीमों और उनके मालिकों को भी धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने मुझे टीम में शामिल किया और मेरा ध्यान रखा।
गुजरात को जिताया रणजी खिताब
पार्थिव की कप्तानी में गुजरात ने 2016-17 में रणजी खिताब जीता। वह भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के पहले कप्तान रहे, जिनके साथ 2013 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी खेला। पार्थिव ने कहा-मुझे सुकून है कि मैंने गरिमा, खेल भावना और आपसी सामंजस्य के साथ खेला। मैंने जितने सपने देखे थे, उससे ज्यादा पूरे हुए। मुझे उम्मीद है कि मुझे याद रखा जाएगा।
टेस्ट क्रिकेट में 5 सबसे युवा विकेटकीपर
पार्थिव पटेल (भारत), 17 साल 152 दिन
हनीफ मोहम्मद (पाकिस्तान), 17 साल 300 दिन
तेतेंदा ताइबू (जिम्बाब्वे), 18 साल 66 दिन
इकराम अलीखिल (अफगानिस्तान), 18 साल 167दिन
असंका गुरुसिंघे (श्रीलंका), 19 साल 52 दिन