हरिद्वार कुंभ कोरोना जांच महाघोटाले पर प्रधानमंत्री व आरएसएस खामोश क्योंः धस्माना
हरिद्वार कुंभ के कोरोना जांच महाघोटाले पर आज कांग्रेस ने सीधा आरएसएस व प्रधानमंत्री को कठघरे में खड़ा कर दिया।

उन्होंने कहा कि कुंभ के दौरान दूसरी लहर में लाखों लोगों की जान गई और करोड़ों लोग संक्रमित हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो स्वयंभू गंगा पुत्र हैं व आरएसएस जो पूरे देश और दुनिया के हिंदुओं की झंडाबरदार होने का दावा करती है, इस महाघोटाले पर एक शब्द भी आज तक नहीं बोले। धस्माना ने कहा कि अब यह एक स्थापित सत्य है। जिसे सरकार ने भी स्वीकार कर लिया है कि महाकुंभ में कोरोना जांच में घोटाला हुआ है।
उन्होंने कहा कि इस विषय पर वर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह व पूर्व मुख्यमंत्री के जो बयान हैं, उससे यह भी स्पष्ट हो गया है कि भाजपा की सरकार के कार्यकाल में इस महाघोटाले को अंजाम दिया गया है। ऐसे में यह मुद्दा केवल उत्तराखंड का नहीं, बल्कि वैश्विक महामारी कोरोना के कारण यह राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर का मुद्दा है। आज तक न तो प्रधानमंत्री मोदी न केंद्रीय स्वस्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन, ना आरएसएस प्रमुख या उनका कोई जिम्मेदार पदाधिकारी इस विषय पर एक भी शब्द नहीं बोला। जो बड़े अचरज की बात है। इसलिए आज कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जी से सीधे सवाल पूछ रही है कि क्या गंगा मैया व हिन्दू इनके लिए वोट ध्रुवीकरण का साधन मात्र हैं। इसका उत्तर जनता भी जानना चाहती है।
ये है फर्जीवाड़ा
उत्तराखंड में हरिद्वार कुंभ के दौरान कोरोना टेस्टिंग में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया था। जांच में कम से कम एक लाख कोरोना टेस्ट फर्जी पाए गए। एक जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि उत्तराखंड सरकार की तरफ से कुंभ मेले के दौरान कराई जाने वाली कोरोना टेस्टिंग के लिए एक प्राइवेट एजेंसी ने इतनी बड़ी जांच में कम से कम एक लाख फर्जी रिपोर्ट जारी की थीं। हरिद्वार जिला प्रशासन ने अब उन आरोपों की जांच का आदेश दिया है, जिनमें कहा गया है हरिद्वार में कुंभ उत्सव के दौरान कोरोना टेस्टिंग करने के लिए काम करने वाली प्राइवेट लैब्स की ओर से नकली रिपोर्ट जारी की गई थीं।
बता दें कि हरिद्वार में 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक कुंभ उत्सव का आयोजन किया गया था। इस दौरान 22 प्राइवेट लैब्स की तरफ से लगभग 4 लाख कोरोना टेस्ट किए गए थे। फरीदकोट पंजाब निवासी एक व्यक्ति ने आइसीएमआर से कोरोना जांच में फर्जीवाड़े की शिकायत की थी। इस व्यक्ति के मोबाइल पर कोरोना जांच का संदेश पहुंचा था, जबकि उसकी कभी कोरोना जांच हुई ही नहीं।
राज्य के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने मामले की प्रारंभिक जांच कराई। कोविड-19 मामलों के चीफ कंट्रोलिंग आफिसर डा. अभिषेक त्रिपाठी के स्तर से की गई इस जांच में प्रथमदृष्टया शिकायत सही पाई गई। यही नहीं, उन्होंने एक लाख से अधिक कोरोना जांच में गड़बड़ी की आशंका जाहिर की है। डा. त्रिपाठी ने शासन को सौंपी अपनी रिपोर्ट में मामले को गंभीर बताते हुए इसकी विस्तृत जांच की सिफारिश की थी। इसके मद्देनजर स्वास्थ्य सचिव ने हरिद्वार के जिलाधिकारी को कुंभ मेला अवधि, इससे पहले और इसके बाद हुई कोरोना जांच की विस्तृत छानबीन के निर्देश दिए थे।
मुकदमा किया गया है दर्ज
पिछले सप्ताह मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार द्वारा नगर कोतवाली के मैक्स व लाल चंदानी कंपनी व नलवा लेब्रोट्रीज के के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ आपदा प्रबंधन एक्ट के साथ 420, 467, 468,128 समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। साथ ही एसआइटी का भी गठन कर दिया है। इससे पहले मैक्स की ओर से भी हाईकोर्ट में इसी तरह की याचिका दाखिल की जा चुकी है।
मामले की एसआइटी कर रही जांच
कुंभ के दौरान कोरोना जांच घोटाले की जांच एसआइटी कर रही है। इसके अलावा सीडीओं के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम अलग से जांच कर रही है। दो दिन पहले ही कोरोना जांच कंपनी मैसर्स मैक्स कारपोरेट सर्विसेज नई दिल्ली व नलवा लेबोरेट्रीज प्राइवेट लिमिटेड हरियाणा व डा. लाल चंदानी लैब नई दिल्ली पर नामजद मुकदमा भी दर्ज किया गया है। मामले में सीएमओ डा. शंभू कुमार झा व मेलाधिकारी डा. अर्जुन सिंह सेंगर के बयान भी दर्ज कर चुकी है। साथ ही टेंटिंग कंपनी अधिकारियों को हरिद्वार तलब भी किया गया है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
धस्माना जी सही कह रहे हैं, जय कांग्रेस