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December 19, 2024

उत्तरकाशी में तिलोथ पुल के निर्माण की सुस्त गति के लिए कौन जिम्मेदार, सरकार, विभाग या जनता

उत्तरकाशी मुख्यालय में तिलोथ पुल के निर्माण की रफ्तार पांच साल में भी गति नहीं पकड़ पाई। वर्ष 2015-16 मे तत्कालीन कांग्रेस सरकार के दौरान इस पूल निर्माण के लिए लगभग 8 करोड़ की लागत से धन आवंटित कर काम शुरु किया गया, लेकिन 2017 मे सरकार बदलते ही इस पुल निर्माण की गति इतनी सुस्त पड़ गयी कि आज तक भी पुल निर्माण नहीं हो पाया। आगे कब तक निर्माण पूरा होगा इसका अनुमान भी नहीं लगाया जा सकता।  (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण ये पुल से न सिर्फ नजदीकी कस्बे, बल्कि बाड़ागड़ी व गाजणा क्षेत्र की बड़ी आबादी को जोड़ता है। स्कूली बच्चों की आवाज़ाही भी लगातार इस क्षतिग्रस्त पुल से ही जारी है। इसके पास के लगे कस्बे तिलोथ, मांडो और अन्य इस पुल पर गाड़ियों के आवागमन न होने से खासे परेशान है। सोचने और देखने वाली बात ये है कि आज तक किसी भी स्थानीय ग्रामीणों और निवासियों ने इस पुल निर्माण मे हो रही देरी के लिए आवाज़ नहीं उठाई।  (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हमे याद है 2020 के लगभग पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण के नेतृत्व मे कांग्रेसी इस पुल के तिलोथ छोर पर इसके निर्माण मे हो रही लेटलतीफी के लिए धरने पर बैठे थे। तब प्रदर्शन भी किया गया, लेकिन यहां के स्थानीय लोगों में कोई भी उस धरने को समर्थन देने नहीं पहुंचा। दीगर बात ये है कि हर चुनाव मे इस क्षेत्र के लोग भाजपा को जमकर वोट देते है, लेकिन आजतक इनके वोट का उचित मूल्यांकन शायद भाजपा की डबल इंजन की सरकार भी नहीं कर पाई। देखते रहिये ये पुल कब तक बनता है। जोशियाड़ा के डबल लेन पुल की तो खेर बात ही क्या करनी। अभी शुरुआत ही नहीं हुई तो अंजाम क्या होगा।

प्रस्तुतकर्ताः प्रताप प्रकाश पंवार, जिला उत्तरकाशी, उत्तराखंड

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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