आखिर कहां अटकी मानसून की बारिश, यहां भी पाकिस्तान बना कारण, आठ जुलाई के बाद से तेजी की उम्मीद
मौसम विभाग ने दावा किया था कि 13 जून को उत्तराखंड में मानसून दस्तक दे चुका है। इसके बावजूद भी मानसून जैसी बारिश का दौर अभी तक उत्तराखंड में शुरू नहीं हो सका है।

मानसून को रोक रही हैं पाकिस्तान की हवाएं
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक पाकिस्तान से आने वाली हवाएं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ऊपर मानसूनी हवाओं को दो सप्ताह से रोके हुए है। इससे मानसून पर ब्रेक लगा हुआ है। उम्मीद है कि अगले कुछ दिन यह स्थिति बनी रहे। आठ जुलाई के बाद बंगाल की खाड़ी से नम हवाएं उत्तर भारत में पहुंचने की उम्मीद है। इसके साथ बारिश का दौर फिर शुरू होगा। ऐसे में हर बात पर पाकिस्तान पर डिबेट चलाने वाले टीवी चैनलों के लिए ये भी एक मुद्दा हो सकता है।
यहां पर रुका पड़ा है मानसून
पश्चिमी हवाएं चलने से दक्षिण पश्चिम मानसून पिछले दो सप्ताह से अपने जगह पर ठहरा हुआ है। मानसून की उत्तरी रेखा के पूर्वी छोर 13 जून व पश्चिमी छोर पर 19 जून को जहां पहुंचा था, अभी भी वहीं ठहरा है। भारत मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, मानसून की रेखा बाड़मेर, अलीगढ़, मेरठ, अंबाला व अमृतसर में अटकी है। अगले चार-पांच दिन इसके आगे बढ़ने की संभावना कम है।
देहरादून सहित कुछ इलाकों में हल्की बारिश
एक दिन बार फिर देहरादून सहित कुछ इलाकों में रविवार की सुबह से हल्की से मध्यम बारिश का दौर शुरू हुआ। गर्जन के साथ बारिश होने से तापमान में हल्की राहत महसूस की जा रही है। आज के लिए मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक आज चार जुलाई को कुमाऊं के नैनीताल, पिथौरागढ़ जिले में कहीं कहीं भारी बारिश तेज बौछार से पड़ने की संभावना है। आकाशीय बिजली चमकने की संभावना ज्यादा है। साथ ही मैदानी क्षेत्र में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाओं की भी स्थिति बन रही है। पांच और छह जुलाई को कहीं कहीं छिटपुट बारिश हो सकती है।
इसके बाद सात जुलाई को उत्तराखंड के नैनीताल, पौड़ी, बागेश्वर, पिथौरागढ़ जिले में भारी बारिश का अनुमान है। इसके साथ ही अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश गर्जन के साथ हो सकती है। इस दिन के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। कुछ स्थानों पर तेज बौछार गर्जन के साथ पड़ सकती हैं। साथ ही आकाशीय बिजली चमकने की भी संभावना है।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।