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December 22, 2024

सोने की कीमतों ने भरी उड़ान, तो चीन ने काट दिए पंख, अब आई गिरावट, जानिए कीमत गिरने के कारण

दुनिया में सोने की कीमतें कुछ समय तक आसमान छू रही थीं। या कहें कि सोने की कीमतें उड़ान भर रही थीं। आम लोगों की पहुंच से सोना दूर होने लगा था, वहीं, दुनियाभर के केंद्रीय बैंक भी कई आशंकाओं के चलते सोने की बड़ी मात्रा में खरीद कर रहे थे। इनमें चीन सबसे आगे थे। वह अपना गोल्ड रिजर्व लगातार बढ़ाता ही जा रहा था। अब चीन ने सबको हैरान करते हुए सोने की खरीद पर लगाम लगा दी है। इसके चलते इंटरनेशनल मार्केट में सोने की कीमतों में शुक्रवार को 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई। फिलहाल भारत में 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत 74,730 है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

केंद्रीय बैंकों के भंडार में 27 साल में सबसे ज्यादा सोना
हाल के वर्षों में कई देशों के सेंट्रल बैंकों ने जमकर सोने की खरीदारी की है। इनमें भारत, चीन और तुर्की जैसे देशों के सेंट्रल बैंक शामिल हैं। इस वजह से साल 2023 के अंत में केंद्रीय बैंकों के भंडार में सोने की हिस्सेदारी 17.6 फीसदी पहुंच गई है। यह 27 साल में सबसे ज्यादा है। यानी यह साल 1997 के बाद सोने की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी है। 2016 के बाद से सेंट्रल बैंकों के भंडार में सोने की हिस्सेदारी दोगुनी हो गई है। अब उनके भंडार में सोना दूसरी सबसे बड़ी एसेट है और उसने पहली बार यूरो को पीछे छोड़ा है। यूएस डॉलर अब भी केंद्रीय बैंकों के भंडार में सबसे बड़ा एसेट है। इसकी हिस्सेदारी में गिरावट आई है। 2017 में केंद्रीय बैंकों के भंडार में डॉलर की हिस्सेदारी 60 फीसदी थी, जो अब 48 फीसदी रह गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डॉलर के मुकाबले सोना बेहतर विकल्प
इस बीच इस साल की पहली तिमाही में दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों ने रेकॉर्ड 290 टन सोना खरीदा। केंद्रीय बैंकों के भारी मात्रा में सोना खरीदने के कारण सोने की कीमत में हाल में काफी तेजी आई है। एक जमाना था जब दुनिया के केंद्रीय बैंकों के रिजर्व में सोने की हिस्सेदारी 90 फीसदी से ज्यादा थी। साल 1935 तक यह स्थिति रही लेकिन उसके बाद सोने की हिस्सेदारी लगातार घटती गई। 2010 के दशक में यह करीब 13 फीसदी के आसपास रह गया था। लेकिन पिछले कुछ सालों से केंद्रीय बैंक डॉलर पर अपनी निर्भरता कम कर रहे हैं लेकिन सोने की हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि डॉलर की गिरती परचेजिंग पावर से बचने के लिए सोना सबसे बेहतर है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एमसीएक्स एक्सचेंज पर सोने की कीमत में गिरावट
विश्लेषकों ने इस गिरावट के लिए अमेरिका में उम्मीद से ज्यादा नौकरियां बढ़ने और बड़े खरीदार का रोल निभा रहे चीन के रुख में आए बदलाव को जिम्मेदार ठहराया है। रिपोर्ट के अनुसार, बेंचमार्क गोल्ड की वायदा कीमतें 2.43 फीसदी की गिरावट के साथ 2,332.85 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थीं। भारत के एमसीएक्स एक्सचेंज पर भी सोने की कीमत ग्लोबल रेट के हिसाब से ही रहीं। इनमें 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है. यह 73,131 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास कारोबार कर रहा था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

चीन के केंद्रीय बैंक ने रोकी सोने की खरीद
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, चीन के केंद्रीय बैंक ने मई में अपने गोल्ड रिजर्व के लिए सोने की खरीद रोक दी। चीन लगातार 18 महीने से सोना खरीद रहा था। इसके चलते गोल्ड के स्पॉट रेट रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए थे। निवेश का सुरक्षित विकल्प माने जाने वाले सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल के बाद कमी आई है। हालांकि, इस साल अब तक सोने की कीमतें लगभग 15 फीसदी बढ़ चुकी हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अनुमान से ज्यादा सोने पर रिटर्न
सोना लंबे समय से डिमांड में रहा है। दुनियाभर में चल रहे संघर्ष, विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा लगातार की जा रही खरीद और निवेशकों की डिमांड ने इस पीली धातु को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा दिया। इसके साथ ही सोना एक मुश्किल से मिलने वाली चीज है। इसकी मांग और आपूर्ति में हमेशा अंतर रहता है। इसकी वजह से सोने की कीमतें नीचे आने के बजाय लगातार उछलती ही रहती हैं। ऐसा माना जा रहा है कि साल 2024 में सोना वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुमान से कहीं अधिक मजबूत रिटर्न दे सकता है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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