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April 29, 2025

जब कश्मीरी पंडितो ने पलायन किया, तब केंद्र में बीजेपी के 85 सांसद क्या कर रहे थेः सुरजेवाला

फिल्म द कश्मीर फाइल्स के रिलीज होने के साथ ही इसे लेकर आरोप और प्रत्यारोपों के दौर शुरू हो गए हैं। एक बार फिर से देश में हिंदू मुसलमान पर बहस भी तेज होने लगी।

देश की इन दोनों प्रमुख पार्टियों केॉआरोप-प्रत्‍यारोप के दौर के बीच कश्मीरी पंडितों के पलायन पर विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी फिल्म खूब चर्चा में है। इसे बॉक्‍स ऑफिस पर भी शानदार रिस्पॉन्‍स मिल रहा है। फिल्म द कश्मीर फाइल्स के रिलीज होने के साथ ही इसे लेकर आरोप और प्रत्यारोपों के दौर शुरू हो गए हैं। एक बार फिर से देश में हिंदू मुसलमान पर बहस भी तेज होने लगी। आरोप लग रहे हैं कि फिल्म एकपक्षीय है। इसमें एक समुदाय को विलेन की तरह प्रदर्शित किया गया है, जो कि देश के लिए घातक हैं। इस फिल्म को लेकर पीएम मोदी तक बयान दे चुके हैं कि अब तक लोगों को सच्चाई से दूर रखा गया। वहीं, कांग्रेस फिल्म को लेकर ज्यादा आक्रमक नजर आई।
कश्‍मीरी पंडितों के मुद्दे पर बनी फिल्‍म ‘द कश्‍मीर फाइल्‍स’ को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच वार-पलटवार का दौर चल रहा है। दोनों ही पार्टियां एक-दूसरे को कश्‍मीर पंडितों की खराब स्थिति के लिए जिम्‍मेदार ठहरा रही हैं। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था कि कई कश्मीरियों को अपना घर छोड़ना पड़ा, इसके लिए जवाहर लाल नेहरू की नीतियां जिम्मेदार हैं। कांग्रेस ने भी इस पर पलटवार करने में देर नहीं लगाई। पार्टी ने कश्‍मीरी पंडितों की बदहाली के लिए बीजेपी को जिम्मेदार माना है।
कांग्रेस का कहना है कि विश्‍वनाथ प्रताप सिंह की सरकार को बीजेपी सपोर्ट कर रही थी। ये सरकार दिसंबर 1989 में आई और कश्मीरी पंडितों का पलायन जनवरी 1990 से शुरू हो गया। तत्‍कालीन गवर्नर जगमोहन ने इसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए। कांग्रेस प्रवक्‍ता रणदीप सुरजेवाला ने मंगलवार को इस मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि -क्‍या देश के पीएम, बापू के आदर्शों से लेकर कश्मीरी पंडितों के दर्द तक सब कुछ फिल्मों के जिम्मे छोड़ देना चाहते हैं? तथ्यों और सच्चाई से मुँह फेरे मोदी सरकार को आखिर कब अपनी जिम्मेदारियों का अहसास होगा?

सुरजेवाला ने इस मसले पर सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा कि-मोदी जी बताएं, जब 1990 में कश्मीरी पंडित आतंक और बर्बरता के साये में पलायन को मजबूर हुए तब भाजपा के 85 सांसद, जिनके समर्थन से केंद्र की वीपी सिंह सरकार चल रही थी, क्या कर रहे थे? CM को हटाकर उनके बिठाए राज्यपाल ने सुरक्षा देने की बजाय पंडितों को पलायन के लिए क्यों उकसाया?

सुरजेवाला ने कहा-याद करें, भाजपा समर्थित सरकार में जब कश्मीरी पंडितों का उत्पीड़न और पलायन हो रहा था तब राजीव गांधी जी ने संसद का घेराव किया, उनकी आवाज उठाई। मगर भाजपा ने इस त्रासदी को मौन समर्थन दिया। राजनीतिक फायदे के लिए ‘रथ यात्रा’ निकालते रहे। ये तब भी वैसे थे और अब भी वैसे ही हैं। कांग्रेस प्रवक्‍ता ने सवाल किया कि 8 सालों में मोदी सरकार ने कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए क्या किया? कश्मीर में फिर से हालात बद्तर हुए। हिंसा बढ़ी और हजारों कश्मीरियों को पलायन करना पड़ा। जब कश्मीरी पंडितों के लिए कुछ नहीं कर सके तो “फ़िल्म” दिखाने में जुट गए? नफ़रत की खेती से फायदे की फसल कब तक?

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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