ये क्या खेल कर रहे हैं अधिकारी, छात्र हो रहे हैं परेशानः डॉ. सुनील अग्रवाल
ऑल इंडिया अन एडिट विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल वर्तमान में उत्तराखंड में शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। डॉ. अग्रवाल हर दिन छात्रों, शिक्षकों और शिक्षण संस्थान की परेशानियों की तरफ सबका ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। उन्होंने राज्य के तीन विश्वविद्यालयों के कॉलेजों में दाखिले के लिए समर्थ पोर्टल में रजिस्ट्रेशन की तिथि 30 जून तक विस्तारित करने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि समर्थ पोर्टल के लिए रजिस्ट्रेशन की तिथि सिर्फ 30 जून तक विस्तारित करने से अधिकांश छात्र उच्च शिक्षा से वंचित रह जाएंगे। उन्होंने अधिकारियों के इस फैसले को उलूल जुलूल करार दिया। कहा कि ऐसे फैसलों से छात्रों को ही नुकसान हो रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डॉ अग्रवाल ने कहा कि अभी विभिन्न बोर्डों के अंतर्गत छात्रों के कंपार्टमेंट की परीक्षा होनी है। सीबीएसई बोर्ड की कंपार्टमेंट की परीक्षा 17 जुलाई को है उत्तराखंड बोर्ड के कंपार्टमेंट के छात्रों की फॉर्म भरने की तिथि 7 जुलाई है। परीक्षा उसके बाद ही होगी। ओपन स्कूल का परीक्षा परिणाम ही आज घोषित हुआ है। उक्त तथ्यों के आधार पर यह स्पष्ट है के विभिन्न बोर्डों के कंपार्टमेंट की परीक्षाएं जुलाई में होकर उनका परीक्षा परिणाम जुलाई से अगस्त तक घोषित होगा। ऐसे में क्योंकि जब राज्य विश्वविद्यालयों के कॉलेजों में समर्थ पोर्टल के रजिस्ट्रेशन द्वारा ही प्रवेश होने हैं। साथ ही बिना समर्थ पोर्टल में रजिस्ट्रेशन के उन्हें 3 राज्य विश्वविद्यालयों से संबद्ध कॉलेजों में प्रवेश नहीं मिल पाएगा तो अधिकांश छात्र उच्च शिक्षा हेतु प्रवेश से वंचित रह जाएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि ऐसा फैसला छात्रों के शिक्षा के मौलिक अधिकार का हनन है। वर्तमान सत्र में समर्थ पोर्टल के रजिस्ट्रेशन द्वारा प्रवेश के संबंध में पहले से ही 12वीं क्लास के छात्रों को जागरूक करना चाहिए था। जो नहीं किया गया। कोई भी नई नीति लागू करने से पहले उसका व्यापक स्तर पर समय पर प्रचार प्रसार होना चाहिए, जिससे छात्र पहले से ही उसके लिए तैयार रहें। राज्य सरकार द्वारा एक प्रदेश एक प्रवेश एक परीक्षा एक परिणाम को लेकर एक अच्छी पहल की गई है, जो सराहनीय है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि वहीं दूसरी ओर इसके व्यावहारिक पहलू पर ध्यान देना आवश्यक है। क्योंकि यह नीति छात्रों को समय पर प्रवेश और परीक्षा के लिए लागू की गई है, लेकिन अगर छात्रों को प्रवेश ही नहीं मिल पाएगा, तो अच्छी पहल का भी सुखद परिणाम नहीं मिल पाएगा। अतएव राज्य सरकार को छात्र हितों को देखते हुए व्यावहारिक दृष्टिकोण के अनुसार समर्थ पोर्टल के संबंध में आगामी घोषणाएं करनी चाहिए। ताकि प्रवेश के इच्छुक सभी छात्रों को उनकी इच्छा अनुसार कॉलेज में प्रवेश मिल सके।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।