तैयार हो रहे शादी के घोड़े, कब हुआ सर्वे, गायब मिले दो लाख मतदाता, साजिश या हकीकत
इस घोड़े को देखिए। ये घोड़ा शादी के लिए तैयार है। इसे बेहद खूबसूरत अंदाज से सजाया गया है, लेकिन आपने गौर किया कि इसकी आंख में दोनो तरफ एक तरह से ढक्कन लगा दिए गए हैं। ऐसे में ये सीधे ही देखता है। आप कहेंगे कि मैं घोड़े पर क्यों उलझ गया हूं। इसका कारण बता रहा हूं कि आज हर व्यक्ति को शादी के घोड़े की तरह तैयार किया जा रहा है। उसे इशारों पर नाचने का प्रशिक्षण किया जा रहा है। उसे दाएँ और बायें देखना मना है। सच को दिखाने वाली खबरों को ना देखे। सवाल ना करे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कौन झूठ बोल रहा है, ये देखने की हिम्मत ना करे। चुनाव से पहले क्या घोषणाएं हुई और उन पर क्या अमल किया गया। इन बातों से कोई मतलब नहीं होना जाहिए। सिर्फ कुतर्क पर उलझे रहो। सरकार के हर खोट में अच्छाई देखो। खूब ताली बजाओ, डांस करो। शादी के घोड़े की तरह की तारीफ के लिए डांस का अभ्यास करते रहो। कुछ ऐसी नस्ल अब तैयारी की जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इतिहास गलत है। विज्ञान गलत है। डार्विन का सिद्धांत गलत है। सही है कि जेल में बंद वीर बुलबुल के पंख पर बैठकर वो मातृभूमि जाते थे। बादलों से जहाज जब गुजरता है तो वह रडार से भी छिप जाता है। परीक्षा में पहले कठिन सवाल करो। गोबर से कोरोना का इलाज करो। दो हजार के नोट को यदि बंद करना था तो पहले चलन में क्यों लाया गया। इस पर सवाल मत करना। नोटबंदी से कितना कालाधन वापस आया। (पूरी खबर देखने के लिए अगले पैरे में वीडियो देखें)
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