Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

December 22, 2024

देखें वीडियोः चांद पर विक्रम लैंडर से कैसे बाहर निकला प्रज्ञान रोवर, छोड़ रहा अशोक स्तंभ और इसरो के निशान

चंद्रयान 3 ने चांद के साउथ पोल पर 23 अगस्त की शाम को सफल लैंडिंग की थी। विक्रम लैंडर की इस लैंडिंग के बाद भारत दुनियां में पहला ऐसा देश बन गया, जिसने चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान को उतारा। लैंडिंग के कुछ घंटे बाद ही चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम से प्रज्ञान रोवर चंद्रमा की सतह पर उतरा। इसके विक्रम लैंडर से बाहर निकलने का वीडियो अब इसरो ने जारी किया है। ये वीडियो चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर की ओर से ली गई हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बता दें कि इसरो के तीसरे मून मिशन चंद्रयान-3 की 23 अगस्त को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग हुई है। लैंडिग के दो दिन बाद इसरो ने ये एतिहासिक वीडियो जारी की है। हालांकि, ये वीडियो 23 अगस्त का है।  इस वीडियो में दिख रहा है कि कैस प्रज्ञान रोवर चंद्रयान-3 के लैंडर के अंदर से बाहर आया। इसमें देखा जा सकता है कि लैंडर के रैंप से होते हुए रोवर बेहद हल्की स्पीड से चांद की सतह पर उतरा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

चांद की सतह पर उकेर रहा भारत के निशान
वीडियो में साफ दिख रहा है कि जैसे ही रोवर चांद की सतह पर उतरकर आगे बढ़ा तो उसके पहिये से चांद पर भारत के अशोक स्तंभ और इसरो के छाप भी पड़ रहे हैं। इसरो का रोवर चांद पर चहलकदमी कर रहा है और लगातार अहम जानकारी जुटा रहा है। रोवर 23 तारीख से अगले 14 दिन तक चांद की सतह पर घूमकर परीक्षण करेगा। साथ ही डाटा जुटाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बता दें कि विक्रम के अंदर प्रज्ञान रोवर था, जो लैंडिंग के कुछ घंटों के बाद विक्रम लैंडर से भीतर से बाहर निकला और चांद की सतह पर पहुंच गया। प्रज्ञान रोवर वहां की बनावट, खनिज आदि का अध्ययन कर रहा है।प्रज्ञान रोवर जैसे-जैसे चांद की सहत पर आगे बढ़ रहा है, वह अपने पहियों से इसरो और भारत के प्रतीक अशोक स्तंभ के निशान उकेर रहा है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page