देखें वीडियोः अंतरिक्ष में सूरज जैसे तारे को कुतर कुतर कर निगल रहा ब्लैक होल, नासा ने जारी किया वीडियो
ब्रह्मांड में इतने रहस्य हैं कि उसका अंत नहीं है। इसमें असंख्या आकाश गंगाएं हैं। एक आकाशगंगा गैस, धूल और अरबों सितारों का एक विशाल संग्रह होता है जो गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा एक साथ बंधे हुए होते हैं। आकाशगंगाएँ इतनी विशाल होती हैं कि अरबों-अरब किलोमीटर तक फैली होती हैं। अब ब्रह्मांड की बात यहां से शुरू होती है कि जो पैदा हुआ, उसे एक दिन नष्ट होना है। ये बाद ब्रह्मांड में मौजूद तारों के बार में भी साबित होती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तारों को निगल जाते हैं ब्लैक होल
विज्ञान के मुताबिक, ब्रह्मांड में कई ब्लैक होल हैं, जो तारों को खा जाते हैं। ये सौरमंडल की एक ऐसी जगह है, जहां कोई भी ग्रह जाकर अपना अस्तित्व खो देता है। मतलब नष्ट हो जाता है। इस जगह गुरुत्वाकर्षण इतना ज्यादा है कि प्रकाश भी बाहर नहीं निकल सकता। इंसान नंगी आंखों से ब्लैक होल नहीं देख सकता। वहीं, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें एक ब्लैक होल सूर्य जैसे विशाल तारे को कुतरता या निगलता दिख रहा है। लोग यह देखकर हैरान हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सूर्य के आकार के तारे को बार बार कुतर रहा ब्लैक होल
वैज्ञानिकों ने 2004 में लॉन्च की गई नासा की नील गेहरल्स स्विफ्ट वेधशाला का उपयोग करते हुए सुदूर आकाशगंगा में इस ब्लैक होल की खोज की, जो सूर्य के आकार के बराबर तारे को बार-बार कुतर रहा है। ब्रिटेन स्थित लीसेस्टर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों उपग्रह के एक्स-रे टेलीस्कोप के डेटा का विश्लेषण करने के बाद जो कुछ पाया, वह हैरान करने वाला था। टीम के सदस्य फिल इवांस ने कहा कि आमतौर पर ब्लैक-होल का विस्फोट तब नजर आता है जब कोई तारा ब्लैक होल में समा जाए। मगर यह अनोखा है। लगभग हर 25 दिनों में इसमें विस्फोट नजर आ रहा है। मतलब साफ है कि भूखा ब्लैक होल तारे को निगल नहीं, बल्कि कुतर रहा है। हर बार तारा आंशिक रूप से नष्ट होता जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भूखे राक्षस की तरह निगलने का प्रयास
सोशल मीडिया मंच X पर @NASAUniverse एकाउंट से ये वीडियो शेयर किया गया है। आप देख सकते हैं कि कैसे ब्लैक होल बार-बार तारे पर हमला कर रहा है। उसे भूखे शेर या राक्षस की तरह अपने मुंह में लेने की कोशिश कर रहा है। साइंटिस्ट ने इस तारे को स्विफ्ट J0230 नाम दिया है, जो काफी तेजी से नष्ट हो रहा है। फिर 10 दिनों के लिए चमकना शुरू कर देता है। फिल इवांस ने बताया कि यह तारा सूर्य जितना विशाल है और कम द्रव्यमान वाले ब्लैक-होल के पास एक अंडाकार कक्षा में चक्कर लगा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देखें वीडियो
What’s better than visiting a buffet filled with your favorite foods? The buffet coming to you!
Our Swift satellite saw several flares from a star orbiting a black hole. Scientists think the black hole takes a bite each time the star orbits! #BuffetDayhttps://t.co/xBBCGyXcN1 pic.twitter.com/H24AlaqnFQ
— NASA Universe (@NASAUniverse) January 2, 2024
ऐसे समा जाता है ब्लैक होल में तारा
नासा साइंटिस्ट के मुताबिक, जब कोई तारा किसी राक्षसी ब्लैक होल के बहुत करीब पहुंच जाता है, तो गुरुत्वाकर्षण बल तीव्र ज्वार पैदा करते हैं जो तारे को गैस की धारा में तोड़ देते हैं। इसका अगला हिस्सा ब्लैक होल के चारों ओर घूमने लगता है और पिछला हिस्सा इससे काफी हद तक बच जाता है। इसी टक्कर से एक चमक निकलती है, जिसे हम प्रकाश के रूप में देखते हैं। हर बार जब यह तारा ब्लैक होल के करीब से गुजरता है तो बाहर का गैसीय हिस्सा टूटकर गिर जाता है। बाकी का हिस्सा फिर चक्कर लगाने लगता है। यह तब तक होता है, जब तक कि तारा ज्यादातर गैस न खो दे। और अंत में वह पूरी तरह ब्लैक होल में समा जाता है।
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