देखें कठपुतली का खेल, राजा से डरें नहीं, चतुराई से अत्याचारों से पाया जा सकता है छुटकारा
इस कहानी में दो कठपुतलियों में आपसी संवाद को इस कहानी में बखूबी दर्शाया गया है। गुफा से बाहर पानी ने दो सियार कठपुतली को बाघ मिल जाता है। इस पर वे बाघ को बच्चों का लालच देते हैं। साथ ही दोनों पति और पत्नी आपस में झगड़ने का उपक्रम करते हैं। पत्नी कहती है कि वह चारों बच्चों को साथ रखेगी। वहीं पति बोलता है कि मैं रखूंगा। फिर दोनों सियार उस बाघ को ही इसका फैसला करने को कहते हैं। बाघ कहता है बच्चों से मुझे मिलवाओ। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस पर वे दोनों अपनी गुफा के पास बाघ को ले जाते हैं। बच्चे लाने के बहाने गुफा में घुसते हैं। गुफा संकरी होती है, उसमें बाघ नहीं घुस पाता। कहानी में दर्शाया गया कि हमारी दुनिया और प्रकृति की दुनिया में ज़्यादा अन्तर नहीं है। हमारे संसार में भी अपने से कमजोर को परेशान करते हैं। कमजोर का सब तंग करते हैं। राजा के उत्पीड़न से जनता भी परेशान रहती है। अब बोलेगी कठपुतली के इस अंक में नागरिकों को सचेत रहने का संदेश है। संदेश दिया जाता है कि आप भी अपने राजा की चतुराई से अपने आप को घर को और समाज को बचाइए। समाज के वंचित समूह को उनकी चतुराई को पहचानने का प्रयास करन चाहिये। जैसे कि जंगल के राजा को भी हार माननी होती है। इस विचार पर मनन कीजिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रामलाल कर रहे हैं नए प्रयोग
देहरादून के ठाकुरपुर निवासी रामलाल भट्ट 12 साल की उम्र के कठपुतली पर प्रयोग रहे हैं। करीब 40 साल से वह कठपुतली खुद बनाते हैं और नचाते हैं। स्कूलों में प्रोग्राम देते हैं। गांव में, संस्थाओं के लिए, युवाओं के लिए प्रोग्राम देते हैं। उनका कहना है कि कठपुतली शिक्षा में भी सहायक है। कठपुतलियों की मदद से किसी विषय को आसानी पढ़ाया जा सकता है। गणित जैसे मुश्किल विषय को भी खेल खेल में आसानी से समझाया जा सकता है। रामलाल ने पर्यावरण बचाने के लिए भी कठपुतली के माध्यम से कई प्रयोग किए। सोशल मीडिया का जमाना आया तो यू ट्यूब के माध्यम से भी कठपुतली नचा रहे हैं। कठपुतली के शो में कठपुतली नचाने के साथ ही बेजान कठपुतलियों को आवाज देना भी अहम काम है। अलग अलग कठपुतलियों को अलग अलग आवाज देना कोई आसान काम नहीं है। इस काम में रामलाल के साथ की दूसरी कलाकार धनवीरा देवी बखूबी करती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कलाकार का परिचय
देहरादून के ठाकुरपुर निवासी रामलाल भट्ट करीब चालीस साल के कठपुतलियों को लेकर प्रयोग कर रहे हैं। वह स्कूलों में शिक्षाप्रद वर्कशॉप भी आयोजित करते हैं। उनके पपेट शो में चार तरह की कठपुतलियों का इस्तेमाल होता है। इनमें वह धागेवाली पपेट, रॉड पपेट, मोपेड पपेट और दस्ताना पपेट के जरिये अपना शो करते हैं। यदि किसी को स्कूलों या संस्थानों में पपेट शो या वर्कशाप करानी हो तो वे इन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं। संपर्क सूत्र—9412318880, 7017507160
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।