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March 12, 2025

पटरी पर नहीं आ रहा वैडिंग प्वाइंट का कारोबार, हजारों लोग बैठे हैं बेरोजगार

अनलॉक के विभिन्न चरणों में छूट के बावजूद भी अभी तक वैडिंग प्वाइंट का कारोबार पटरी पर नहीं आ रहा है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में तो यही कहा जा सकता है। लोगों को रुझान अब छोटे आयोजनों पर है। ऐसे में वे घरों पर ही टेंट लगाकर आयोजन कर रहे हैं। इससे वैडिंग कारोबार से जुड़े हजारों लोग हाथ पर हाथ धरे बेरोजगार बैठे हैं।
दून में वैडिंग प्वाइंट
दून में जैसे जैसे कालोनियों का निर्माण होता गया और कंक्रीट के जंगल उगते गए। इसके साथ ही मोहल्लों में खाली स्थान व प्लॉट खत्म होते चले गए। ऐसे में लोगों की मजबूरी हो गई कि शादी के आयोजन किसी बड़े स्थान पर किए जाएं। इस समय देहरादून शहर और आसपास के क्षेत्र में करीब 150 से अधिक वैडिंग प्वाइंट हैं। इससे साला बिजनेस करीब दो सौ करोड़ का होता है। इस वक्त इन वैडिंग प्वाइंट पर सन्नाटा है। लोग घरों में ही छोटे आयोजन कर रहे हैं।


परोक्ष और अपरोक्ष रूप से हजारों जुड़े हैं कारोबार से
मसूरी रोड स्थित फुटहिल गार्डन, ब्लेसिंग फार्म, डुंगा हाउस के अनिल चड्ढा आदि का कहना है कि वैडिंग प्वाइंट में यदि कोई बुकिंग होती है तो इसका सीधा असर बैडिंग प्वाइंट के स्वामी के साथ ही हजारों लोगों के रोजगार पर भी पड़ता है। इस व्यवसाय से केटिरिंग, बैंड, डीजे, शहनाई वादक, गायक, डेरोरेशन करने वालों के साथ ही कई लोग जुड़े हैं। जिनकी इससे रोजी रोटी चलती है। लॉकडाउन के बाद से आठ महीने बाद भी अभी गिने चुने कार्यक्रमों की बुकिंग हो रही है।


सरकार से मांग
वैडिंग प्लाइंट संचालकों का कहना है कि पहले जहां सीजन में एक माह में दस से पंद्रह तक बुकिंग मिल जाती थी। वहीं, अब कोरोनाकाल में अब दो सौ लोगों को ही ऐसे समारोह में आने की अनुमति है। इस पर लोग घरों में ही कार्यक्रम कर रहे हैं। वैडिंग प्वाइंट का रुख गिने चुने लोग ही कर रहे हैं। स्थिति ये है कि एक माह में दो से तीन बुकिंग ही हो रही है। वह भी सूक्ष्म आयोजन करा रहे हैं। ऐसे में वैडिंग प्वाइंट का रखरखाव भी चुनौती है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस कारोबार को बचाने के लिए टैक्स में छूट के साथ ही जीएसटी में भी छूट दी जाए। ताकि जो नुकसान लॉकडाउन के दौरान हुआ, उससे बैडिंग प्वाइंट के कारोबारी उबर सके।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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