137 साल के इतिहास में कांग्रेस अध्यक्ष के लिए छठी बार वोटिंग शुरू, 65 से अधिक मतदान केंद्र, खड़गे और थरूर में मुकाबला

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा एआईसीसी मुख्यालय में मतदान कर सकती हैं, वहीं राहुल गांधी कर्नाटक में बेल्लारी के संगनाकल्लू में भारत जोड़ो यात्रा के शिविर स्थल पर मतदान में भाग लेंगे। उनके साथ पीसीसी के करीब 40 प्रतिनिधि भी मतदान करेंगे, जो यात्रा में शामिल हैं। गांधी परिवार के करीबी होने और कई वरिष्ठ नेताओं के समर्थन के कारण खड़गे को पार्टी अध्यक्ष पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। हालांकि, थरूर भी खुद को पार्टी में बदलाव के लिए मजबूत प्रत्याशी के रूप में पेश कर रहे हैं। थरूर ने चुनाव प्रचार के दौरान असमान अवसरों के मुद्दे उठाये, लेकिन खड़गे और पार्टी के साथ उन्होंने यह भी माना है कि गांधी परिवार के सदस्य तटस्थ हैं और कोई ‘आधिकारिक उम्मीदवार’ नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अध्यक्ष पद के चुनाव अभियान में अंतर साफ दिखाई दिया। खड़गे के प्रचार में जहां पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, प्रदेश कांग्रेस इकाइयों के अध्यक्ष और शीर्ष नेता राज्य मुख्यालयों में उनकी अगवानी करते देखे गए हैं, वहीं थरूर के स्वागत में अधिकतर प्रदेश कांग्रेस समितियों के युवा प्रतिनिधियों को ही देखा गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों की इस दौरान गैर-मौजूदगी ही रही। थरूर अपने अभियान के दौरान इस बात को रेखांकित करते रहे हैं कि वह बदलाव के प्रत्याशी हैं, जबकि खड़गे परंपरावादी उम्मीदवार हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि पार्टी में युवा और निचले स्तर के नेता उनका समर्थन कर रहे हैं, वहीं वरिष्ठ नेता उनके प्रतिद्वंद्वी खड़गे के साथ नजर आ रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कुछ समय पहले तक कांग्रेस अध्यक्ष पद के सबसे बड़े दावेदार बताए जा रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावक हैं और उन्होंने हाल में ही खड़गे के पक्ष में वोट करने की अपील भी की थी। गांधी परिवार के लगभग सभी करीबी नेताओं के उनके पक्ष में उतरने से राजस्थान में भी खड़गे के समर्थन में एकतरफा मतदान होने के संभावना जताई जा रही है। हालांकि, मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर दोनों ही नेता अपना चुनाव प्रचार करने के लिए व्यक्तिगत रूप से राजस्थान नहीं आए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पिछली बार चुनाव 2000 में हुआ था, जब जितेंद्र प्रसाद को सोनिया गांधी के हाथों जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा था। सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस बार अध्यक्ष पद की दौड़ से बाहर रहने का फैसला किया है, जिससे 24 साल के अंतराल के बाद गांधी परिवार के बाहर का सदस्य इस जिम्मेदारी को संभालेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड में भी मतदान आरंभ
उत्तराखंड में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 225 प्रतिनिधि (डेलीगेट) सोमवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। राजपुर रोड स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में सुबह 10 बजे से मतदान प्रक्रिया आरंभ कर दी गई। शाम चार बजे तक मतदान होगा।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।