फिर भड़की मणिपुर में हिंसा, पुलिस चौकियों पर हमले, हथियार और गोलाबारुद लूटे
मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। बृहस्पतिवार को मणिपुर में एक भीड़ ने पुलिस चौकियों पर हमला किया और हथियार व गोला-बारूद लूट लिये। इसमें ऑटोमैटिक गन भी शामिल हैं। मणिपुर में बिष्णुपुर जिले के कांगवई और फौगाकचाओ इलाके में बृहस्पतिवार को हुई झड़प के बाद सेना और आरएएफ (त्वरित कार्य बल) जवानों ने आंसू गैस के गोले दागे, जिसमें 19 लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम के जिलाधिकारियों ने भी कर्फ्यू में ढील वापस ले ली, एहतियात के तौर पर पूरे इंफाल घाटी में रात के कर्फ्यू के अलावा दिन के दौरान प्रतिबंध लगा दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मणिपुर तीन मई से हिंसा की आग में झुलस रहा है। यहां आरक्षण को लेकर मैतेई और कूकी समुदाय के लोगों के बीच हिंसा चल रही है। हिंसा में 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। पांच हजार से ज्यादा घर जला दिए गए हैं। डेढ़ सौ से ज्यादा चर्च तोड़ दिए गए हैं। 60 हजार से ज्यादा लोग शिविरों में रहने को मजबूर हैं। इन सबके बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार भी मणिपुर में शांति की अपील वहां की जनता से नहीं की। ना ही वे मणिपुर गए। सिर्फ उन्होंने महिलाओं से दुष्कर्म की निंदा की। साथ ही अन्य राज्यों की घटनाओं से इसे जोड़कर कांग्रेस शासित राज्यों की सरकारों को नसीहत भी दे डाली। मणिपुर के लिए पीएम मोदी के पास समय नहीं है, लेकिन चुनाव प्रचार के लिए उनके पास पर्याप्त समय है। वह हर दिन विपक्षी दलों को निशाना बना रहे हैं, लेकिन मणिपुर पर मौन हैं। संसद में पीएम मोदी के बोलने की मांग को लेकर बार बार गतिरोध हो रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहीं, राज्य में महिलाओं के यौन उत्पीड़न संबंधी वीडियो भी वायरल हुए। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की है। इस दौरान राज्य और केंद्र की सरकार के कड़े सवाल भी पूछे जा रहे हैं। मणिपुर में बीजेपी की सरकार है। मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न घुमाने का वीडियो भी 19 जुलाई को सामने आया था। चार मई की इस घटना में 21 मई को मुकदमा दर्ज हुआ था। बताया जा रहा है कि भीड़ ने पुलिस की सुरक्षा से कुछ लोगों को छुड़ाया और तीन महिलाओं को नग्न कर घुमाया। कार्रवाई तब हुई, जब सुप्रीम कोर्ट ने वीडियो सामने आने पर केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस भेजा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहीं, एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सशस्त्र हमलावरों और सुरक्षा बलों के बीच कौट्रुक, हरओथेल और सेनजम चिरांग इलाकों में गोलीबारी हुई। गोलीबारी में एक सुरक्षाकर्मी समेत दो लोग घायल हो गए। इंफाल पश्चिम के सेनजाम चिरांग में, एक स्नाइपर द्वारा सिर में गोली मारने से एक मणिपुर पुलिस कर्मी की मौत हो गई। पास की पहाड़ी श्रृंखलाओं से कौट्रुक और सेनजम चिरांग में संदिग्ध उग्रवादियों द्वारा की गई गोलीबारी के बाद मुठभेड़ में एक ग्रामीण स्वयंसेवक भी घायल हो गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मणिपुर पुलिस ने ट्वीट किया कि पिछले 24 घंटों में पर्वतीय और घाटी दोनों क्षेत्रों में विभिन्न जिलों में 130 चौकियां स्थापित की गई हैं और पुलिस ने विभिन्न उल्लंघनों के आरोप में 347 लोगों को हिरासत में लिया है। झड़प से कुछ घंटे पहले मणिपुर की हिंसा में मारे गए कुकी-जोमी समुदाय के लोगों को सामूहिक रूप से दफ़नाने की योजना तब रोक दी गई, जब राज्य के उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार सुबह चुराचांदपुर जिले में प्रस्तावित कब्रिस्तान पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शीर्ष जनजातीय संस्था आईटीएलएफ ने भी कहा कि वह बिष्णुपुर की सीमा पर चुराचांदपुर जिले के हाओलाई खोपी गांव में उक्त स्थान पर 35 लोगों को दफनाने की योजना स्थगित कर रहा है। बिष्णुपुर जिले में सुबह से ही तनाव व्याप्त है, क्योंकि हजारों स्थानीय लोग सुरक्षा बलों की आवाजाही को रोकने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। महिलाओं के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने सेना और आरएएफ कर्मियों द्वारा लगाए गए अवरोधक को पार करने की कोशिश की और मांग की कि उन्हें कब्रिस्तान तुइबुओंग तक जाने की अनुमति दी जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इंफाल पूर्व और पश्चिम के जिलाधिकारियों ने गड़बड़ी की आशंका के चलते दिन का कर्फ्यू फिर से लागू करने के अलग-अलग आदेश जारी किए। राज्य के कानून एवं विधायी कार्य मंत्री ठा. बसंतकुमार ने पत्रकारों से कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सभी संबंधित पक्षों से शांति और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की अपील की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राज्य के मंत्री ने केंद्रीय मंत्री के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि भारत सरकार ने मणिपुर में जातीय हिंसा में मारे गए लोगों के शवों के अंतिम संस्कार के मुद्दे पर विचार किया है और आश्वासन दिया है कि वह एक निश्चित अवधि के भीतर सात दिन में सभी पक्षों की संतुष्टि के लिए इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यहां ये बात भी गौर करने वाली है कि कर्नाटक के चुनाव के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि यदि कांग्रेस को वोट दिया और कांग्रेस की सरकार बनी तो दंगे होंगे। अब ये कथन भी उल्टा साबित हो रहा है। मणिपुर तीन मई से हिंसा की आग में झुलस रहा है। वहीं, पिछले कुछ दिन से हरियाणा के नूंह में भी हिंसा में छह लोग मारे जा चुके हैं। ये हिंसा भी धार्मिक यात्रा के दौरान हुई और इसमें भी 70 से ज्यादा लोग घायल हुए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसी तरह लोगों के मन में वोट की खातिर जो नफरत की आग फैलाई जा रही है, उसी का नतीजा है कि महाराष्ट्र में चलती ट्रेन में एक आरपीएफ के जवान ने अपने एएसआई सहित तीन मुस्लिम लोगों को गोली से उड़ा दिया। साथ ही उसने कहा कि यदि इस देश में रहना है तो मोदी और योगी को वोट देना होगा। हालांकि, इस संबंध में वायरल हो रहे वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं हो पाई है। फिर भी धर्म के नाम पर गरीब लोगों को हिंसा की ओर धकेला जा रहा है। वहीं, नेताओं के बच्चे इन सबसे दूर रहते हैं और कई के बच्चे तो विदेशों में शिक्षा ले रहे हैं या शिक्षा ले चुके हैं।
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