यूसर्क के अध्यापक कान्क्लेव में शिक्षकों को पांच श्रेणियों में प्रदान किया गया विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान
उन्होंने कहा कि परम्परागत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा आधुनिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के समागम से विद्यार्थियों में वैज्ञानिक चेतना एवं सतत् विकास से सम्बन्धित विषयों को शिक्षकों द्वारा प्रदान किया जा रहा है। शिक्षक किसी भी समाज के लिये हमेशा आदर्श रहा है तथा समाज उनका अनुसरण करता है। इसी कड़ी में यूसर्क द्वारा विगत दो वर्षों से ‘उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान’ प्रारंभ किया गया है। प्रो0 अनीता रावत ने कहा कि छात्रों में विज्ञान का अंकुरण बाल्यकाल से दी प्रस्फुटित और पल्लवित हों और इस विद्या के प्रसारण एवं उत्कृष्टता में यूसर्क सहयोगी और मार्गदर्शक की भूमिका में अग्रसर है। शिक्षकों का चिंतन कौशल एवं सृजनात्मकता छात्रों में नवाचार, क्षमतावृद्धि और उद्यमिता विकास में सहायक होंगे। इसी विचारधारा के अन्तर्गत यूसर्क द्वारा विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान आयोजित किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम में महिला एवं बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डा. गीता खन्ना ने कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों को शिक्षण कार्य के साथ-साथ समाज को एवं देश को दिशा प्रदान करने का कार्य करते है। उन्होंने कहा कि देश में कोविड काल में शिक्षकों ने तकनीकी का प्रयोग करते हुये विद्यार्थियों का बहुत सुन्दर मार्गदर्शन किया। शिक्षकों का सम्मान उन्हें और अधिक कार्य करने की प्रेरणा देने का कार्य करता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उद्योगपति एवं शिक्षाविद ई. राकेश ओबरॉय ने कहा आज डिजिटल युग में बहुत सारा ज्ञान तकनीकी द्वारा उपलब्ध है लेकिन शिक्षकों की भूमिका आज भी बहुत महत्वपूर्ण है। शिक्षक किसी भी विद्यार्थी के लिये हमेशा एक आदर्श के रूप में रहता है। अतः शिक्षकों की भूमिका और अधिक बढ़ जाती है। हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय नगर के पर्यावरण विज्ञान विभाग के भूतपूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. आरसी शर्मा ने कहा कि सम्मानित किये गये शिक्षकों का समाज के प्रति योगदान यद्यपि अनुकरणीय तो है ही, लेकिन उनका दायित्व समाज और देश के प्रति और अधिक बढ़ जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. वीके सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज सतत विकास की अवधारणा को विज्ञान एवं तकनीकी के नवीन आयामों के साथ आगे बढ़ाते हुये हमें कौशल विकास को भी साथ में लेकर चलना होगा। स्पैक्स संस्था के सचिव एवं वैज्ञानिक डॉ. बृजमोहन शर्मा ने कहा कि स्किल डवलपमेंट तथा स्वरोजगार की अवधारणा पर कार्य करने के साथ-साथ जीवन की गुणवत्ता को भी सुधारने के लिये ध्यान देने की आवश्यकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम का संचाल डा. ओम प्रकाश नौटियाल ने किया।धन्यवाद ज्ञापन डा. मन्जू सुन्दरियाल ने दिया। कार्यक्रम में विभिन्न शिक्षण संस्थानों की शिक्षिकाओं, शिक्षकों, विद्यार्थियों सहित 250 से अधिक लोगों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में डा भवतोष शर्मा, डा राजेन्द्र राणा, ई उमेश चन्द्र, ओम जोशी, राजदीप जंग, हरीश प्रसाद ममगांई, शिवानी पोखरियाल, राजीव बहुगुणा, रमेश रावत आदि ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शिक्षकों को इन पांच श्रेणियों में किया गया
1.पर्यावरण संरक्षण श्रेणी
तारा दत्त जोशी—-राइंका-हरीपुरा हरसान, बाजपुर ऊधमसिंह नगर
दिनेश सिह रावत—-राप्रावि-4 ज्वालापुर बहादराबाद, हरिद्वार।
2. विज्ञान शिक्षा श्रेणी
लोकेन्द्रपाल सिंह परमार—- राजकीय आदर्श कीर्ति इंटर कॉलेज भटवाड़ी, उत्तरकाशी
निर्मल कुमार न्योलिया——राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, खटीमा ऊधमसिंह नगर
3.सामाजिक अन्वेषण श्रेणी
मीना डोभाल—-राइंका- नागराजाधार, चिलेड़ी, टिहरी गढ़वाल
सविता प्रभाकर– अउराआइंका, रेड़ीखाल, सिद्धखाल, पौड़ी गढ़वाल
4. प्रौद्योगिकी श्रेणी
डा. प्रभाकर जोशी—-राइंका स्यालीधार, अल्मोड़ा, उत्तराखंड
नीरज जोशी—राउमावि पाभै, बिण, पिथौरागढ़
5. नवाचार श्रेणी
चन्द्र भूषण बिजल्वाण——- राआउप्रावि पुजेली, उत्तरकाशी
सुरेश लाल शाह———राउप्रावि, चन्देली, पुरोला, उत्तरकाशी
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।