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April 15, 2025

केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह का वीडियो वायरल, तीर्थ पुरोहित, मंदिर समिति और मीडिया मचाया हल्ला, क्या इनके लिए है छूट

उत्तराखंड के चारों धामों के लिए नियम है कि मंदिर के गर्भ गृह या भीतर की फोटो और तस्वीर लेना प्रतिबंधित है। ऐसे में अब केदारनाथ धाम में आम श्रद्धालुओं को गर्भ गृह में पूजा की अनुमति मिली तो सोशल मीडिया में किसी ने इसे वायरल कर दिया।

उत्तराखंड के चारों धामों के लिए नियम है कि मंदिर के गर्भ गृह या भीतर की फोटो और तस्वीर लेना प्रतिबंधित है। ऐसे में अब केदारनाथ धाम में आम श्रद्धालुओं को गर्भ गृह में पूजा की अनुमति मिली तो सोशल मीडिया में किसी ने इसे वायरल कर दिया। अब नियमों की दुहाई देकर इसे लेकर तीर्थ पुरोहितों, मंदिर समिति के साथ ही मीडिया ने हल्ला मचाना शुरू कर दिया। अब सब इस बात को भूल गए कि वर्ष 2021 में पांच नवंबर को प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने जब केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में पूजा अर्चना की थी तो इसका लाइव प्रसारण किया गया। यही नहीं, इस साल छह मई को केदारनाथ मंदिर में कपाट खुलने के समय उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी गर्भ गृह की पूजा अर्चना की थी। तब भी उनका गर्भ गृह में पूजा अर्चना की फोटो सोशल मीडिया में वायरल हुई। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वीवीआइबी को इसकी छूट है। या फिर नियम सबके लिए एक समान हैं। पहले मंदिर के नियमों को ही स्पष्ट कर लिया जाए। इसमें ये बात भी खास है कि जितना हल्ला इस वक्त हो रहा है, पीएम और सीएम की फोटो और वीडियो को लेकर तब विरोध करने वालों में किसी ने एक शब्द तक नहीं कहा। यही नहीं, जो मीडिया इस समय चीख रहा है, अधिकांश ने तब पीएम और सीएम के मामले में चुप्पी साधे रखी। सवाल है कि यदि ये मंदिर का नियम है तो तब भी तोड़ा गया था और अब भी। ये नियम ठीक उसी तरह हैं, जब कोरोनाकाल में मास्क को लेकर आम लोगों के चालान किए गए और नेता, वीआइपी बगैर मास्क के ही भीड़ मचाते रहे। उन पर किसी नियम के तहत कार्रवाई नहीं की गई।

मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने प्रदेश के मुख्य सचिव एसएस संधू को पत्र लिखकर श्री केदारनाथ एवं श्री बदरीनाथ मंदिरों के निकट क्लॉक रूम बनाने का सुझाव दिया है। ताकि मंदिर में दर्शन के लिए जा रहे तीर्थयात्रियों के मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, बैग इत्यादि वहां जमा हो सकें।
बताई गई ये वजह
उल्लेखनीय है कि विगत दिवस बीकेटीसी ने श्रद्धालुओं की संख्या में कमी को देखते हुए केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश की छूट दे दी थी। सरकार के प्रेस नोट में कहा गया है कि ऐसे में कतिपय शरारती तत्वों की ओर से गर्भ गृह का वीडियो बनाकर इंटरनेट पर वायरल कर दिया गया। इस पर श्रद्धालुओं व तीर्थपुरोहितो ने कड़ी आपत्ति जताई है।
कार्मिकों से मांगा स्पष्टीकरण
बताया गया है कि वीडियो बनाकर वायरल होने की घटना पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र ने भी कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने इस मामले में मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह को प्रकरण की जांच कर वहां ड्यूटी पर तैनात कार्मिकों से स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश दिए हैं।

सुरक्षा की दृष्टि से उठाए जाएं कदम
इसके साथ ही अजेंद्र ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर श्री केदारनाथ व श्री बदरीनाथ मंदिर की सुरक्षा की दृष्टि से एहतियाती कदम उठाने को कहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान यात्रा काल में अब तक लाखों लोग दोनों धामों की यात्रा कर चुके हैं। कतिपय यात्री मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, बैग इत्यादि के साथ मंदिर में प्रवेश कर जाते हैं। जो मंदिर के साथ- साथ श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए उचित नहीं है। लिहाजा, दोनों मंदिरों के निकट क्लॉक रूम बनाया जाए। जहां पर यात्रियों के मोबाइल, बैग इत्यादि सामान जमा कर सकें।
अब तक चारों धाम में 2569639 श्रद्धालु कर चुके हैं दर्शन
उत्तराखंड में अब तक चारों धामों में कुल 2569639 दर्शन कर चुके हैं। इनमें श्री बदरीनाथ धाम में कपाट खुलने की तिथि 8 मई से 5 जुलाई की शाम तक 927752 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। श्री केदारनाथ धाम में कपाट खुलने की तिथि 6 मई से 5 जुलाई शायं तक 860890 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। इनमें हेलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंचने वाले 82377 तीर्थयात्री भी शामिल हैं। ऐसे में पांच जुलाई की शाम तक श्री बदरीनाथ और केदारनाथ धाम पहुंचे में कुल 1788642 श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। श्री गंगोत्री धाम में कपाट खुलने की तिथि 3 मई से 5 जुलाई तक 442314 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। वहीं, श्री यमुनोत्री धाम में कपाट खुलने की तिथि 3 मई से 5 जुलाई तक 338683 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। उधर, श्री हेमकुंड साहिब लोकपाल तीर्थ में कपाट खुलने की तिथि 22 मई से 4 जुलाई तक 168527 श्रद्धालु पहुंचे।
सरकार और प्रशासन की सलाह
उत्तराखंड सरकार, जिला पुलिस, प्रशासन, आपदा प्रबंधन, पर्यटन विभाग, मंदिर समिति की तीर्थ यात्रियों से अपील है कि तीर्थयात्री मौसम अलर्ट, सड़क मार्ग की स्थिति, बारिश की स्थिति देखकर यात्रा मार्गों पर आगे बढ़े। भारी बारिश भूस्खलन की स्थिति में सुरक्षित स्थानों में रहें। यात्रा के दौरान जोखिम न लें। उत्तराखंड सरकार द्वारा तीर्थयात्रियों की सुविधा- सुरक्षा के लिए चार धाम यात्रा हेतु उत्तराखंड पर्यटन की ओर से निशुल्क आनलाईन अथवा फिजीकल काउंटरों से फोटोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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