Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

December 15, 2024

Video: आशा वर्कर्स ने सचिवालय के बाहर डाला डेरा, देर रात झुकी सरकार, दिया लिखित आश्वासन, आंदोलन स्थगित

उत्तराखंड में सीटू से संबद्ध आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन ने आज सचिवालय कूच किया। आशा वर्कर्स की मांग है कि मानदेय वृद्धि के संबंध में शासनादेश जल्द जारी किया जाए। देर रात लिखित आश्वासन के बाद धरना समाप्त किया गया।

उत्तराखंड में सीटू से संबद्ध आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन ने आज सचिवालय कूच किया और वहीं धरने पर बैठ गईं। आशा वर्कर्स की मांग है कि मानदेय वृद्धि के संबंध में शासनादेश जल्द जारी किया जाए। राजपुर रोड स्थित सीटू कार्यालय पर आशाएं सुबह से एकत्र होने लगीं। दोपहर करीब एक बजे यहां से सचिवालय तक रैली निकाली गई। पुलिस ने सचिवालय से कुछ दूर पहले ही उन्हें रोक दिया। इस पर आशाओं ने सड़क पर ही धरना दिया। इस बीच  मुख्यमंत्री के ओएसडी राजेश सेठी धरनास्थल पर पहुंचे और आश्वासन देने लगे। इस पर आशाओ ने लिखित आश्वासन मांगा। उन्होंने मांग की कि उन्हें लिखित में दे दिया जाए कि आशाओं का प्रकरण अगली कैबिनेट में रखा जाएगा। इस पर वह वापस लौट गए। इसके बाद स्वास्थ्य सचिव से भी आशाओं की वार्ता हुई, लेकिन वे भी लिखित में आश्वासन देने को तैयार नहीं हुए।  ऐसे में आशाएं वहीं धरने पर बैठी रहीं। वहीं, स्वास्थ्य सचिव भी सचिवालय में बैठे रहे। रात करीब सवा दस बजे आशाओं को फिर स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने वार्ता को बुलाया और उन्होंने लिखित में आश्वासन दिया कि आशा वर्कर्स का जो प्रस्ताव है, उसे आगामी कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। इस पर आशाएं मानी। साथ ही उन्होंने समस्त कार्य बहिष्कार और स्वास्थ्य केंद्रों के समक्ष धरने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया।

इस मौके पर आयोजित सभा को प्रांतीय अध्यक्ष शिवा दुबे, सुनीता चौहान, मीना जखमोला, आशा चौधरी, लोकेश देवी, मीनाक्षी, संत कुमार, लेखराज, भगवंत पयाल, रविन्द्र नौडियाल, अनंत आकाश, नीरज यादव, नीरा कंडारी आदि ने संबोधित किया। देर रात को भी आशाएं सचिवालय के समीप ही धरने पर डटी रहीं। उन्होंने कहा था कि कि लिखित आश्वासन के बाद ही वे यहां से हटेंगी। आंदोलन लंबा होते देख शाम को सचिवालय के समक्ष ही भोजन की व्यवस्था की गई। साथ ही आशाओं ने वहीं डेरा डालने के लिए बिस्तर आदि भी मंगवा लिए थे। वार्ता के बाद धरनास्थल पर ही आशाओं ने भोजन किया और तब जाकर घर गईं।

इससे पहले यूनियन की प्रान्तीय अध्यक्ष श्रीमती शिवा दुबे ने बताया कि स्वास्थ्य महानिदेशक की ओर से मानदेय वृद्धि का प्रस्ताव बना कर शासन को 9 अगस्त 2021 को ही भेज दिया गया था। इस पर मुख्यमंत्री ने भी शीघ्र शासनादेश जारी करने का आश्वासन दिया था। कुमाऊँ की आशाओं ने हड़ताल समाप्त कर दी थी, लेकिन गढ़वाल मंडल की आशाएं लगातार आंदोलन कर रही हैं। कैबिनेट की बैठक में भी इस प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं होने से आशाएं खुद को ठगा महसूस कर रही हैं।


लगातार कर रही हैं आंदोलन
गौरतलब है कि उत्तराखंड में आशाएं 12 सूत्रीय मांगों को लेकर लंबे समय से आशा वर्कर्स आंदोलनरत हैं। इसके तहत दो अगस्त से कार्यबहिष्कार कर वे गढ़वाल मंडल के सभी जिलों में सीएमओ कार्यालय के साथ ही स्वास्थ्य केंद्रों के समक्ष धरना दे रही हैं। सीटू से संबंद्ध आशा वर्कर्स यूनियन की बीती नौ अगस्त को स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी से यूनियन के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता हुई थी। इस पर शासन ने कुछ मांगों पर सहमति दी थी, लेकिन शासनादेश जारी नहीं किया गया। इसके अगले दिन 10 अगस्त को आशाओं ने सीएम आवास कूच भी किया था। इसके बाद 27 अगस्त को आशा वर्कर्स ने विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन किया था। 21 अगस्त को सचिवालय समक्ष धरना दिया गया। इस दिन भी आशाओं के प्रतिनिधिमंडल को स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने वार्ता के लिए बुलाया। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी मांगों के संबंध में 24 सितंबर को कैबिनेट की मीटिंग में प्रस्ताव रखा जाएगा। इस आश्वासन पर आशाएं वापस लौटीं। इसके बाद 24 सितंबर को भी ट्रेड यूनियंस के राष्ट्रीय आह्वान पर सचिवालय के समक्ष प्रदर्शन किया गया। पर समस्या जस की तस है।


आशा वर्कर्स की मांगे
आशाओं को सरकारी सेवक का दर्जा दिया जाऐ, न्यूनतम वेतन 21 हजार प्रतिमाह हो, वेतन निर्धारण से पहले स्कीम वर्कर की तरह मानदेय दिया जाए, सेवानिवृत्ति पर पेंशन सुविधा हो, कोविड कार्य में लगी सभी आशाओं को भत्ता दिया जाए, कोविड कार्य में लगी आशाओं 50 लाख का बीमा, 19 लाख स्वास्थ्य बीमा का लाभ, कोरनाकाल में मृतक आशाओं के परिवारों को 50 लाख का मुआवजा, चार लाख की अनुग्रह राशि दी जाए। ओड़ीसा की तरह ऐसी श्रेणी के मृतकों के परिवारों विशेष मासिक भुगतान, सेवा के दौरान दुर्घटना, हार्ट अटैक या बीमारी की स्थिति में नियम बनाए जाएं, न्यूनतम 10 लाख का मुआवजा दिया जाए, सभी स्तर पर कमीशन खोरी पर रोक, अस्पतालों में विशेषज्ञ डाक्टरों की नियुक्ति हो, आशाओं के साथ सम्मान जनक व्यवहार किया जाए, कोरना ड्यूटी के लिये विशेष मासिक भत्ते का प्रावधान हो।

शासन से वार्ता में आशाओं के संबंध में ये लिए गए थे निर्णय
-आशाओं को छह हजार का मानदेय देने की पेशकश स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने की। अन्य देय भी मिलते रहेंगे।
– प्रत्येक केन्द्र में आशा रूम स्थापित किये जाऐंगे।
-अटल पेंशन योजना में उम्र की सीमा समाप्त करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा।
-आशाओं के सभी प्रकार के उत्पीड़न एवं कमीशनखोरी पर कार्रवाई होगी।
-अन्य सभी मांगों पर सौहार्दपूर्ण कार्यवाही होगी।
-स्वास्थ्य बीमा की मांग पर समुचित कार्यवाही होगी।
-उपरोक्त सन्दर्भ में शासन द्वारा आवश्यक कार्यवाही के बाद अति शीध्र शासनादेश जारी किया जाएगा।

Website | + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page