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July 4, 2025

मैंने करोना को हराया, डर के आगे जीत हैः डॉ. पुष्पा खण्डूरी

सच मानिये जब मुझे मालूम हुआ कि मेरी रिपोर्ट करोना पॉजिटिव आ गई है तो कुछ देर के लिए तो मैं स्तब्ध रह गई और मेरे होश फाख्ता हो गए।

सच मानिये जब मुझे मालूम हुआ कि मेरी रिपोर्ट करोना पॉजिटिव आ गई है तो कुछ देर के लिए तो मैं स्तब्ध रह गई और मेरे होश फाख्ता हो गए। क्योंकि एक तो मेरी उम्र 60 प्लस और ऊपर से मैं उच्च रक्त चाप और मधुमेह से पीड़ित। सभी ओर न्यूज और करोना रिलेटेड मैसेज पढ़ पढ़ कर एक गहरा भय मेरे अन्दर तक व्याप्त हो चुका था।
मेरे साथ ही मेरी छोटी बेटी श्वेता की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी। पर जब मैंने उसकी ओर देखा तो वो मुस्करा रही थी और उसने मुझे कहा मम्मी आपको कुछ नहीं होगा। उस क्षण उसका ये परवाह युक्त आश्वासन मानों मेरा संबल बन गया। उसके होठों की इस मुस्कान में मुझे आशा की किरन दिखाई दी। हमने सबसे पहले अपने पति विवेकानन्द खण्डूरी जी को ( जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी ) तत्काल अलग जगह शिफ्ट किया। फिर डाक्टर की सलाह से दवाएँ ली और काढ़ा आदि लिया। डाक्टर की सलाह से बराबर अपने टम्प्रेचर और आक्सीजन लेवल पर नजर रखी और हम दोनों लोग तुरन्त ही होम क्वारन्टीन हो गए। होलिका दहन के दिन ही हमारी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। ये होली हम माँ और बेटी की जिन्दगी में पहली ऐसी होली होगी जब हमने एक भी इंसान को होली खेलते ना तो देखा। न ही हम होली खेले और ना घर की देहरी से बाहर झांका।
किन्तु हम निराश नहीं थे। हम योगा, नित्य व्यायामआदि करते हुए नियमों का पालन करके करोना की जंग लड़े और उससे बाहर निकल गए। जो भी मेरे देशवासी आज इस जंग को लड़ रहे हैं, उनसे मेरा यही कहना है कि आप घबराएँ नहीं तथा करोना ग्रस्त होने पर स्वस्थ लोगों के सम्पर्क में ना आएं और डॉक्टर की सलाह का पालन करें।
स्वच्छता के नियमों का पालन करें अपने बलगम और थूक आदि को जगह जगह न डालें। समय पर दवाएँ लें डाक्टर के निर्देशों का पालन करें। अपने फेफडों का एक्सरे या सीटी स्कैन जरूर करवा लें, क्योंकि करोना फेफड़ों पर अटैक करता है। अतः फेफड़ों के सीटी स्कैन से आपको ज्ञात हो जाता है कि आपके फेफड़े कितने एफेक्टेड हैं। ताकि समय रहते आप निमोनिया और फेफड़ों का इलाज अवश्य करा सकें । हमारे ही परिवार में मेरी बड़ी बेटी और उसके ससुराल में उसके छोटे छोटे बच्चों सहित करीब 7-8 लोगों ने इस जंग को जीता है। डरें नहीं, हाँ जागरूक रहे करोना से रिलेडेट डरावनी खबरों तथा संदेशों से बचें। नियमों का पालन करें योगा और व्यायाम ना छोड़ें । बाकी डर के आगे जीत है।
लेखिका का परिचय
डॉ. पुष्पा खण्डूरी
एसोसिएट प्रो. एवं विभागाध्यक्ष
डीएवी (पीजी ) कालेज देहरादून, उत्तराखंड (लेखिका देहरादून में डीएवी छात्रसंघ के पूर्व लोकप्रिय अध्यक्ष एवं भाजपा नेता विवेकानंद खंण्डूरी की धर्म पत्नी हैं। कविता और साहित्य लेखन उनकी रुचि है)

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

2 thoughts on “मैंने करोना को हराया, डर के आगे जीत हैः डॉ. पुष्पा खण्डूरी

  1. बिलकुल कोरोना महामारी से लड़ने के लिए अपना आत्मबल और इच्छा शक्ति मजबूत करनी होगी क्यूकी सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम है इसलिए जनता को अफवाहों में न आकर स्वयं का बचाव करें.

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