छह अगस्त को होगा उपराष्ट्रपति का चुनाव, जरूरत पड़ी तो उसी दिन मतदान के बाद होगी गिनती
देश में राष्ट्रपति चुनाव की तैयारियां तेज होने के बीच उप राष्ट्रपति के चुनाव की तारीखों की घोषणा भी हो गई है। इसके लिए छह अगस्त 2022 को चुनाव कराया जाएगा। अगर किसी का निर्विरोध निर्वाचन नहीं हुआ तो उसी दिन मतदान के बाद वोटों की गिनती कराई जाएगी।
देश में राष्ट्रपति चुनाव की तैयारियां तेज होने के बीच उप राष्ट्रपति के चुनाव की तारीखों की घोषणा भी हो गई है। इसके लिए छह अगस्त 2022 को चुनाव कराया जाएगा। अगर किसी का निर्विरोध निर्वाचन नहीं हुआ तो उसी दिन मतदान के बाद वोटों की गिनती कराई जाएगी। उप राष्ट्रपति पद के लिए लोक सभा और राज्य सभा के सांसद वोट डालते हैं। इससे पहले, भारत के अगले राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष के उम्मीदवार घोषित किए जा चुके हैं। राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए ने महिला आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू को प्रत्याशी बनाया है, जबकि विपक्ष ने साझा प्रत्याशी के तौर पर यशवंत सिन्हा को नामित किया है। दोनों प्रत्याशी अपने नामांकन दाखिल कर चुके हैं और अब अपने लिए समर्थन जुटाने में लगे हैं।यह चुनाव देश के 16वें उप राष्ट्रपति का चुनाव होगा। उप राष्ट्रपति पद पर वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त 2022 को खत्म हो रहा है। संविधान के अनुच्छेद 68 के अनुसार, उप राष्ट्रपति का कार्यकाल पूरा होने के पहले इस पद के लिए निर्वाचन कराया जाना आवश्यक है। बुधवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय और अन्य पदाधिकारियों की बैठक हुई। इसके बाद वाइस प्रेसिडेंट पद के लिए चुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया।
वोटों की मार्किंग के लिए चुनाव आयोग विशिष्ट पेन उपलब्ध कराता है. यह पेन पोलिंग स्टेशन पर अधिकृत निर्वाचन अधइकारी द्वारा सदस्य को उपलब्ध कराया जाता है, जब बैलेट पेपर उसे मिलता है। सदस्य को उसी पेन से बैलेट पर अपनी पसंद के उम्मीदवार के आगे मार्क करना होता है। अगर किसी अन्य पेन का इस्तेमाल किया जाता है तो वह वोट अवैध माना जाता है। यह मतदान संसद भवन के भीतर कराया जाता है।
मौजूदा समय में लोकसभा में एनडीए के पास पर्याप्त बहुमत है और राज्यसभा में अकेले बीजेपी के सदस्यों की संख्या 95 के करीब है। यह देखना होगा कि सत्तापक्ष के प्रत्याशी की घोषणा के बाद विपक्ष किसी उम्मीदवार को उतारता है या नहीं। अगर दोनों ओर से उम्मीदवार दिए जाते हैं तो समर्थन जुटाने की कवायद भी दिलचस्प होगी।





