पुलिस हिरासत में पिटाई के बाद मौत के मामले में विभिन्न राजनीतिक दल और संगठन 29 जुलाई को सचिवालय पर करेंगे प्रदर्शन
देहरादून के ऋषिकेश में पुलिस हिरासत के दौरान पिटाई के बाद जेल में रणबीर सिंह की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पूरे प्रकरण की जांच की मांग को लेकर राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के लोगों की ओर से देहरादून में प्रदर्शन किए जा रहे हैं। अब तय किया गया है कि इस मामले को लेकर 29 जुलाई को सचिवालय के समक्ष संयुक्त प्रदर्शन किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रणबीर सिंह की मौत का ये है मामला
ऋषिकेश के ढालवाला निवासी रणवीर सिंह रावत को 22 जून को सादे कपड़ों में घर पहुंची पुलिस उठा कर ले गई। रणवीर सिंह पर स्कूटी चोरी का आरोप लगा। पुलिस ने 23 तारीख को रणवीर सिंह को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। 25 जून को रणवीर सिंह की जेल में मौत हो गई। आरोप है कि रणवीर सिंह की बुरी तरह से पिटाई के चलते मौत हुई है। परिजन इस मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस मांमले में उच्च स्तरीय जांच, मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की मांग को लेकर राजधानी देहरादून में विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के कई बार प्रदर्शन हो चुके हैं। साथ ही प्रदर्शन जारी हैं (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
संयुक्त बैठक में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता
देहरादून में आयोजित विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनो की बैठक में उत्तराखंड में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की गई। कहा गया कि प्रदेश में आएदिन लूट, हत्या और बलात्कार के मामले सामने आ रहे हैं। पुलिस अपनी गलतियों को छुपाने के लिऐ झूठे केस के मामलों में लोगों को गिरफ्तार कर रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रणबीर सिंह की 25 जून को जिला कारागार में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हुई। फर्जी रिपोर्ट के आधार पर उसकी न्यायिक अभिरक्षा में मृत्यु को सामान्य घटना दिखाया जा रहा है। वक्ताओ ने सभी राजनीतिक दलों सामाजिक संगठनो तथा जागरूक नागरिकों से अपील की है कि वे उक्त प्रदेशन में अधिक से अधिक संख्या में शामिल हो कर न्याय की इस लड़ाई में एकजुट हो कर आगे आएं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये हैं मुख्य मांगे
-रणबीरसिंह की अभिरक्षा में हुई संदिग्ध मृत्यु कि हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायधीश से जांच करवाई जाय।
-सम्भव हो सके तो इस संदिग्ध मृत्यु कि जांच सीबीआई से करवाई जाये।
-जांच के दायरे में कोतवाली ऋषिकेश पुलिस, ऋषिकेश पुलिस क्षेत्राधिकारी, राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश के चिकित्साधिकारी, वरिष्ठ जेल अधीक्षक, जेल से जुड़े स्टाफ, दून अस्पताल के चिकित्सक तथा पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों के साथ ही ऋषिकेश एजेएम कोर्ट प्रक्रिया को शामिल किया जाए।
– इस मामले से जुड़े सभी के खिलाफ निलम्बन तथा स्थान्तरण की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
-मृतक के परिजनों की जानमाल की सुरक्षा की जाए।
-रणबीर सिंह कि विधवा तथा तीन बच्चों के भरण पोषण के लिए सरकार समुचित करे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बैठक में ये रहे शामिल
बैठक में आरयूपी के केंद्रीय अध्यक्ष नवनीत गुंसाई, सीपीएम से सुरेन्द्र सिंह सजवाण, सीटू के प्रदेश सचिव लेखराज, सीपीएम से अनन्त आकाश, यूकेडी से एडवोकेट प्रमिला रावत, उत्तराखंड आंदोलनकारी परिषद के सुरेश कुमारके साथ ही चिन्तन सकलानी, एडवोकेट शम्भू प्रसाद ममगाईं, एडवोकेट रंजन सोलंकी, नितिन मलेठा, नेताजी संघर्ष समिति से प्रभात डण्डरियाल, सुभागा फर्सरवाण, आजम खान, वालेश बवानिया, जगमोहन रावत, शैलेन्द्र परमार आदि ने विचार व्यक्त किए।
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