विभिन्न दलों और सामाजिक संगठनों ने कम्युनिस्ट नेता सीताराम येचुरी को दी श्रद्धांजलि

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व महासचिव सीताराम येचुरी को याद में देहरादून स्थित उत्तरांचल प्रेस क्लब सभागार में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। सीपीएम की उत्तराखंड राज्य कमेटी की ओर से आयोजित इस श्रृद्धांजलि सभा में विभिन्न राजनैतिक दल एवं सामाजिक संगठनों ने हिस्सेदारी की। इसमें सीपीएम, सीपीआई, सीपीआई एमएल, कांग्रेस, सपा, बसपा, आरयूपी, यूकेडी, जेडीएस, महिला मंच, जनवादी महिला समिति, सीटू, एटक,अम्बेडकर समिति, एसएफआई, गढ़वाल सभा, सर्वोदय मण्डल, बीजीवीएस, एआईएलयू, इफ्टा, उत्तराखंड आन्दोलनकारी परिषद, सर्वोदय मण्डल, चेतना आन्दोलन, उपपा, बैंक, बीमा, जनसंवाद, बार कौंसिल उत्तराखंड आदि अनेक संगठनों ने हिस्सेदारी की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर मुख्य वक्ता के रूप में सीपीएम के केन्द्रीय कमेटी के सदस्य विक्रम सिंह ने कहा कि सीताराम येचुरी का निधन न केवल हमारी पार्टी को, बल्कि वामपंथ एवं भारतीय राजनीति को एक अपूर्णीय क्षति है। उनके निधन से हमने एक मृदुभाषी एवं एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय नेता खो दिया है। उन्होंने कहा है कि उनका सौम्य व्यवहार हरेक को आकर्षित करता रहा है। वह साम्प्रदायिक के खिलाफ सतत संघर्ष कर सदैव धर्मनिरपेक्ष एवं जनतान्त्रिक ताकतों को मजबूत बनाने के लिए प्रयासरत रहे। उन्होंने कहा है कि येचुरी योगदान को हम सदैव याद करते रहेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इससे पूर्व विक्रम सिंह सहित पार्टी एवं अनेक सामाजिक संगठनों के नेताओं ने दिवगंत नेता येचुरी के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किये तथा उन्हें श्रृद्धांजलि अर्पित की। सभा की अध्यक्षता सुरेन्द्र सिंह सजवाण ने की ओर संचालन राजेन्द्र पुरोहित ने किया। इस मौके पर सतीश धौलाखंडी ने साथियों के साथ जनगीत प्रस्तुत किए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
श्रद्धांजलि सभा को सीपीआई राष्ट्रीय कौंसिल के सदस्य कामरेड समर भंडारी, सीपीएम राज्य सचिव राजेन्द्र नेगी, माले के राज्य सचिव इन्द्रेश मैखुरी, कांग्रेस के नेता शिशुपाल सिंह बिष्ट, सुरेन्द्र कुमार अग्रवाल, बसपा के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह, सपा की महामंत्री आभा बड़थ्वाल, यूकेडी के नेता लताफत हुसैन, डीएवी महाविद्यालय के प्रवक्ता सुमेरचन्द रवि, सर्वोदय मंडल के हरबीरसिंह कुशवाहा, महिला मंच की संयोजक कमला पन्त, जनवादी महिला समिति से इन्दु नौडियाल, किसान सभा के गंगाधर नौटियाल, सीआईटीयू के महेन्द्र जखमोला आदि ने सम्बोधित किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर डाक्टर राजेश पाल, सीपीएम से अनन्त आकाश, सीटू से लेखराज, नवनीत गुसाई, अशोक शर्मा, शिवप्रसाद देवली, कमरूद्दीन, नरेंद्र राणा, हरजिंदर सिंह, शम्भूप्रसाद ममगाई, सुरेश कुमार, मनमोहन सिह, समदर्शी बर्थवाल, नितिन मलेठा, हिमान्शु चौहान, राकेश अग्रवाल, विजय भट्ट, इन्देश नौटियाल, एसएस रजवार, शैलेन्द्र परमार, सुरेन्द रावत, जितेन्द्र भारती, वेदिकावेद, मालती हलधर, चित्रा, नुरैशा, दीप्ति रावत, वीके डोभाल, धर्मानन्द लखेडा आदि बड़ी संख्या लोग उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गौरतलब है कि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी का 72 साल की उम्र में 12 सितंबर 2024 को को निधन हो गया था। निमोनिया की शिकायत होने के बाद उन्हें 19 अगस्त को AIIMS दिल्ली में भर्ती कराया गया था। लंबे समय से उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। सीताराम येचुरी भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सर्वोच्च, वामपंथी आन्दोलन के असाधारण नेता और जानेमाने मार्क्सवादी सिद्धांतकार थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वह एक प्रतिभाशाली छात्र थे। उन्होने अण्डर ग्रेज्युट और पोस्ट ग्रेज्युट की डिग्री अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी में हासिल की थी। वे 1974 में जवाहरलाल नेहरु विश्व विधालय छात्र आन्दोलन में शामिल हुऐ थे और स्टूडेंट्स फैडरेशन आफ इण्डिया के नेता बने। वे तीन बार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष रहे। वह 1984 से 1986 में दो बार एसएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे और संगठन को अखिल भारतीय स्तर तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
येचुरी 1975 में सीपीआईएम से जुड़े। आपातकाल में उन्हें राजनैतिक गतिविधियों के कारण गिरफ्तार होना पड़ा। पार्टी की 12वीं कांग्रेस में वे केन्द्रीय कमेटी के लिए वह चुने गये और अन्तिम समय तक वे इस कमेटी के सदस्य रहे। 1989 में वह केन्द्रीय कमेटी सैकेटीरियट के लिए चुने गये। 1991 में वह पोलिट ब्यूरो सदस्य बने और पिछले 9 सालों से 12 सितम्बर 2024 देहावसान तक वे सीपीएम के अखिल भारतीय महामंत्री रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीताराम येचुरी की जिंदगी पर एक नजर
सीताराम येचुरी का जन्म 12 अगस्त 1952 को मद्रास (चेन्नई) में हुआ था। उनके पिता सर्वेश्वर सोमयाजुला येचुरी आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में इंजीनियर थे। वहीं, उनकी मां कल्पकम येचुरी एक सरकारी अधिकारी थीं। उन्होंने दसवीं कक्षा तक हैदराबाद में पढ़ाई की। इसके बाद उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए दिल्ली आए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने प्रेसिडेंट्स एस्टेट स्कूल, नई दिल्ली में दाखिला लिया। इसके बाद उन्होंने सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली से अर्थशास्त्र में बीए (ऑनर्स) की पढ़ाई की और फिर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से एमए अर्थशास्त्र किया। छात्र नेता के तौर पर उन्होंने इमरजेंसी का जमकर विरोध किया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यहीं से सीताराम येचुरी की राजनीतिक पारी की शुरुआत हो गई। येचुरी 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) में शामिल हो गए। इसके एक साल बाद उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का दामन थाम लिया था। साल 1978 में येचुरी को एसएफआई के अखिल भारतीय संयुक्त सचिव के रूप में चुना गया और वे एसएफआई के अखिल भारतीय अध्यक्ष बने। साल 2005 में येचुरी को पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के लिए भेजा गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
12वीं परीक्षा में देश भर में पहली रैंक हासिल की
सीताराम येचुरी ने 10वीं कक्षा तक ऑल सेंट्स हाई स्कूल में पढ़ाई की। वे 1969 के तेलंगाना आंदोलन के दौरान दिल्ली पहुंचे। येचुरी ने दिल्ली में प्रेसिडेंट्स एस्टेट स्कूल में एडमिशन लिया और CBSE हायर सेकेंडरी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक-1 हासिल की। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स में फर्स्ट रैंक से बीए (ऑनर्स) किया। फिर जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) से इकोनॉमिक्स में एमए किया। उन्होंने पीएचडी के लिए जेएनयू में एडमिशन लिया था। हालांकि, 1975 में इमरजेंसी के दौरान गिरफ्तारी के कारण वह पीएचडी को पूरा नहीं कर सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बेटे की हुई थी कोरोना से मौत
2021 में 34 साल के बेटे की कोरोना से मौत हुई थी। येचुरी की पत्नी सीमा चिश्ती पेशे से पत्रकार हैं। येचुरी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनकी पत्नी आर्थिक रूप से उनका भरण-पोषण करती हैं। उनकी पहली शादी वीना मजूमदार की बेटी इंद्राणी मजूमदार से हुई थी। इस शादी से उनकी एक बेटी और एक बेटा है। येचुरी के बेटे आशीष का 22 अप्रैल, 2021 को 34 साल की उम्र में COVID-19 के कारण निधन हो गया था।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।