स्कीम वर्कर्स सहित विभिन्न दलों और संगठनों ने किया विधानसभा कूच, जोरदार प्रदर्शन

उत्तराखंड में विधानसभा का बजट सत्र आज से प्रारंभ हो गया। सत्र के पहले दिन आज सोमवार 26 फरवरी को स्कीम वर्कर्स सहित विभिन्न दलों और संगठनों ने विधानसभा कूच किया। बड़ी संख्या में आंगनवाड़ी, आशा कार्यकत्रियों और भोजनमाताओं ने विधानसभा की ओर कूच किया। साथ ही उनकी न्यायोचित मांगों पर के जल्द निकारण की मांग की। चेतावनी दी कि यदि कार्रवाई नहीं की गई तो भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धर्मपुर रोड़ पर एलआईसी भवन से कूच आरंभ हुआ। रिस्पना पुल के पास पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोक दिया। इस दौरान महिलाओं और पुलिस में धक्का मुक्की भी हुई। इस अवसर पर सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने कहा कि आज के विधानसभा कूच में शामिल हुई कार्यकर्ताओ ने धामी सरकार व मोदी सरकार को चेताने का काम किया है। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में इसका खामयाजा भुगतना पड़ेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर सीटू के प्रांतीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी ने आह्वान किया कि धामी सरकार इनकी मांगे पूरी करे। अन्यथा खामयाजा भुगतना पड़ेगा। इस अवसर पर सीटू से संबद्ध आंगनवाड़ी कार्यकत्री सेविका कर्मचारी यूनियन, मिनी आंगनवाड़ी यूनियन, उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन, उत्तराखंड भोजनमाता कामगार यूनियन से जुड़ी महिलाएं प्रदर्शन में शामिल हुईं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री के ओएसडी राजेश सेठी को तीनों यूनियनों ने मांग पत्र दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री से वार्ता का आश्वासन दिया। इस आश्वासन पर प्रदर्शन समाप्त किया गया। इस मौके पर टिका प्रसाद पोखरियाल, रविन्द्र नौढियाल, मामचंद, एसएफआई के प्रांतीय महामन्त्री हिमांशु चौहान, शैलेन्द्र परमार ने भी जनसभा को सम्बोधित किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विधानसभा पर विभिन्न दलों और संगठनों का संयुक्त प्रदर्शन
उत्तराखंड में छूटे हुऐ आन्दोलनकरियों का चिह्नीकरण, देहरादून के रेसकोर्स की भूमि खुर्दबुर्द करने वालों के खिलाफ जांच, रेहड़ी और पटरी व्यावसाइयों के लिए वैन्डरजोन की मांग, साम्प्रदायिक तत्वों पर अंकुश लगाने की मांग को लेकर विभिन्न दलों और संगठनों के लोगों ने विधानसभा के समक्ष संयुक्त प्रदर्शन किया। इस मौके पर तैनात मजिस्ट्रेट के माध्यम राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वक्ताओं का संबोधन
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि जल्द से जल्द छूटे हुऐ उत्तराखंड आंदोलनकारियों को चिह्नित किया जाए। सभी को एक समान पेंशन कम से कम 15000 रुपए दी जाएं। पेंशन पट्टा लागू किया जाए। वक्ताओं ने 10 फीसद क्षैतिज आरक्षण लागू करने की मांग की। भूमाफियाओं द्वारा जगह जगह की कब्जाई जा रही जमीन पर रोक लगाई जाए। रेसकोर्स की भूमि को खुर्दबुर्द करने वालों कै खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रमुख मांगे
-छूटे हुये आन्दोलनकारियों का चिह्नीकरण किया जाए।
-रेसकोर्स की जमीन खुर्दबुर्द करने वालों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही हो।
-साम्प्रदायिक तत्वों द्वारा अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर रोक लगे।
– रेहड़ी पटरी वालों के लिए वैन्डरजोन घोषित हो। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदर्शन में ये रहे शामिल
प्रदर्शन करने वालों में उत्तराखंड आंदोलनकारी संयुक्त परिषद के संरक्षक नवनीत गोसाई, अध्यक्ष विपुल नौटियाल, सीपीएम सचिव अनन्त आकाश, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष लेखराज, जिला अध्यक्ष सुरेश कुमार, आंदोलनकारी दिसंबर दत्त प्रभात डंडरियाल, जबर सिंह पावेल, आयूपी के उपाध्यक्ष बलेश बवानिया, रामपाल, प्रवक्ता चिंतन सकलानी, मौहम्मद आजम खान, इकबाल, अमित पवार, बबीता अनन्त, विप्लव अनन्त, धर्मानंद भट्ट, कांति क्षेत्री, सुशील विरमानी, सत्या पोखरियाल, नागेंद्र प्रसाद मंमगाई, देवेश्वरी गोसाई, माया क्षेत्री, जमुना देवी, बाला देवी, शीला नौटियाल, सरिता रावत, सुरेंद्र चौधरी, संजू बुटोला, रामदुलारी लोधी , इंदिरा देवी, यशोदा, जगमोहन रावत, देवेश्वरी गोसाई, बलबीर आनंद, कुसुम नौडियाल, रामसिंह भण्डारी, शैलैन्द्र, सावित्री नेगी, शीला ज़खमोला, श्याम रावत, पुष्पा रावत, सुशीला देवी, रामेश्वरी रावत, गौरा देवी रावत, ममता मोर्य, सुमित्रा देवी, राजेश्वरी देवी, बाला रानी, सीमा अंसारी, शांति रावत, लक्ष्मी पीतांबर, गीता देवी, विमला रावत, सतेश्वरी रावत, रेखा शर्मा, बिंदा मिश्रा, निर्मला देवी, निशा मस्ताना, सुभागा आदि शामिल थे।
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।