राज्य के जनसरोकारों को लेकर विभिन्न संगठनों ने मिलाए सुर, दिशा-दशा को बनाया जायेगा प्रेशर ग्रुप
उत्तराखंड राज्य के जनसरोकारों को लेकर विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। साथ ही तय किया गया कि जनसरोकारों को लेकर एक प्रेशर ग्रुप बनाया जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत के सलाहकार सुरेन्द्र कुमार की पहल पर उपरोक्त बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की थीम ही जन सरोकारों पर आधारित थी। इस मौके पर समाजसेवी रतन असवाल ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के बने बीस वर्ष हो गए, लेकिन आज पर्वतीय क्षेत्रों में अभी भी विकास दूर की बात है। उन्होने कहा कि पलायन की समस्या है। रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी सेवाओं का बुरा हाल है। उनके द्वारा तैयार किये गये कई शोध पत्रों को सम्बन्धित अधिकारी व नेताओं ने सौंपे जाने के बाद भी उनके तवज्जो नही दी गई है।
समाजसेवी व अपने सैधांतिक विचारों के लिये चर्चित बुद्विजीवी सुरेन्द्र सिंह आर्य राजनीति के कई विरोधाभाषों को इंगित करते हुए कहा कि हमें राजनैतिक व शासन के कार्या में लोकतंत्र की भावनाओं में एकरुपता लानी होगी। राजनीति के गिरते स्तर पर उन्होने अपनी चिन्ता प्रकट की। वनाधिकार आन्दोलन से जुड़े प्रेम बहुखंडी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य की भगोलिक स्थिति बड़े विकास मॉडल के लिये उपयुक्त नही है। हमें विकास का छोटा मॉड़ल, जैसे छोटा स्कूल, छोटा अस्पताल के साथ-साथ अपने ग्रमीण क्षेत्र की छोटी ईकाईयों को प्रभावी करना होगा। इससे दुरुस्त क्षेत्रों लोगों को देहरादून, हरिद्वार व नैनीताल जैसे शहरों में भागने से बचाया जा सकेगा।
कम्युनिस्ट नेता जगदीश कुकरेती व गिरधर पंडित ने पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पलायन व रोजगार पर अपनी गम्भीर चिन्ता प्रकट की। तय किया गया कि जनसरोकारों पर अब अगली बैठक अगले माह की जाएगी। बैठक की अध्यक्षता एक्टिविस्ट जयप्रकाश उत्तराखंडी ने की व संचालन जनसरोकारों पर बात के संयोजक व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के सलाहकार सुरेन्द्र कुमार ने किया।
इस मौके पर समाजवादी नेता डॉ. एसएन सचान, शिक्षाविद डॉ. डीएन भटकोटी ने वर्चुअली माध्यम से बैठक में प्रतिभाग करते हुए अपने समर्थन व सहयोग की सहमति प्रदान की। बैठक में अशोक वर्मा, गोदावरी थापली, ललित पंत, नेमचन्द, राजेन्द्र धवन, प्रदीप ड़ोभाल, अनिल बस्नेट, परमजीत सिंह, प्रदीप जोशी, सतीश धोलाखंडी, डॉ. संजीव शर्मा, साधना शर्मा, बलबीर राणा, पीएन लखेड़ा, रतन सिंह असवाल, अबदुल रहमान, राकेश ड़ोभाल, मदन लाल आदि ने मुख्य रुप से भाग लिया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।