भारत में 12 से 18 साल वालों का सितंबर से शुरू हो सकता है टीकाकरण, व्यस्क आबादी को दिसंबर तक पूर्ण टीके का प्रयास
भारत में अभी जिस रफ्तार से कोरोना के टीके लगाए जा रहे हैं, उसे तो यही लगता है कि दिसंबर तक व्यस्कों को टीके लगाना संभव नहीं है। इन सबके बीच प्रयास ये ही हो रहे हैं कि दिसंबर तक संपूर्ण व्यस्क आबादी को टीके लगाए जा सकें।

कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर ज्यादा असर पड़ने की आशंकाओं के बीच ये राहत भरे संकेत मिले हैं। जाइडस कैडिला की वैक्सीन के बच्चों पर किए ट्रायल के नतीजे सितंबर से पहले ही उपलब्ध हो जाने की उम्मीद है। नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन के प्रमुख डॉ. एनके अरोरा ने ये जानकारी दी है। अरोरा ने कहा कि जाइडस की वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल के तहत कुछ हफ्तों के भीतर हरी झंडी दिखाई जा सकती है।
भारत में बच्चों के लिए भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सिन भी जल्द उपलब्ध हो सकती है। कोवैक्सीन का फेज 3 ट्रायल शुरू हो चुका है और सितंबर के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। ऐसे में अक्तूबर से दिसंबर या जनवरी-फरवरी के मध्य में 2 से 18 साल के लिए बच्चों का टीकाकरण देश में शुरू हो सकता है, लेकिन जाइडस कैडिला के ट्रायल का डेटा काफी पहले ही उपलब्ध हो जाएगा।
अरोरा ने कहा कि देश में स्कूलों को खोलने समेत कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। उम्मीद है कि सितंबर अंत तक हम इस वैक्सीन का कामकाज शुरू कर पाएंगे। हालांकि पेडियाट्रिक एसोसिएशन समेत बच्चों से जुड़े कई समूह कह चुके हैं कि तीसरी लहर का बच्चों पर ज्यादा प्रभाव पड़ने की संभावना गलत भी हो सकती है और मजबूत प्रतिरोधी क्षमता के कारण बच्चे सुरक्षित रहेंगे। सरकार इस बार कोई कोताही बरतने के मूड में नहीं है।
तीसरी लहर को लेकर की जा रही तैयारी
कोरोना की तीसरी लहर की संभावनाओं को लेकर केंद्र सरकार भी तैयारी कर रही है। देश के नए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने संवाददाताओं से कहा था कि सरकार एक हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर पैकेज की तैयारी कर रही है, जिसके तहत देश के 736 जिलों में पेडियाट्रिक सेंटर बनाए जाएंगे। इसके तहत करीब 4000 आईसीयू बेड भी बच्चों के लिए तैयार किए जाएंगे। यह पैकेज 9 माह के भीतर लागू किया जाएगा. दिल्ली और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों की सरकारें भी कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए बच्चों के इलाज से जुड़े विशेष इंतजाम करने में जुटी हैं।
यदि प्रयास करें तो हो सकता है लक्ष्य पूरा
देश में केंद्र द्वारा पूरी व्यस्क आबादी को दिसंबर तक टीका लगाने के लक्ष्य को लेकर भी एक बात सामने आ रही है कि यदि प्रयास किए जाएं और आपूर्ति नियमित हो तो ऐसा संभव है। वैक्सीन के प्रबंधन को लेकर नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप के प्रमुख डीएन अरोड़ा ने पूरा विश्वास जताया कि सरकार अपना ये लक्ष्य प्राप्त कर लेगी। हालांकि ये पूरी तरह से आने वाले महीनों में वैक्सीन की आपूर्ति में वृद्धि पर आधारित होगी। इसके लिए राज्यों को भी वैक्सीन केंद्रों की संख्या बढ़ानी होगी। कहा कि टीकों की उपलब्धता में धीरे-धीरे वृद्धि हुई है।
ग्राफ के आधार पर उन्होंने बताया कि जून और जुलाई में बढ़ोतरी हुई है। देश को मई महीने तक 5.6 करोड़ डोज मिले, अब 10-12 करोड़ डोज मिल रहे हैं और अगले महीने इसे बढ़कर 16 से 18 करोड़ के करीब हो जाना चाहिए। सितंबर तक 30 करोड़ से अधिक खुराकें होंगी, लेकिन वैक्सीन केंद्रों की स्थापना बड़ी चुनौती होगी जो कि जो राज्यों की जिम्मेदारी का हिस्सा होगी।
उन्होंने कहा कि देश भर में सरकारी क्षेत्र में 75 से 100 हजार टीकाकरण केंद्रों का लक्ष्य है, लेकिन वर्तमान में राज्यों में इसकी कमी दिख रही है। इसे बढ़ाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। बता दें कि पिछले तीन दिनों में, देश ने 56 दिनों के अंतराल के बाद कोविड के मामलों की संख्या में वृद्धि दर्ज की। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों दोनों में ये वृद्धि दर्ज की गई है। उधर, दूसरी ओर टीकाकरण की दर में गिरावट आई है। दिसंबर तक का लक्ष्य पूरा करने दैनिक टीकाकरण में वृद्धि जरूरी है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।