Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

September 25, 2024

कौथिग 22 में दूसरे दिन आयोजित की गई उत्तराखंडी वेशभूषा प्रतियोगिता, सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम

1 min read

अखिल गढ़वाल सभा देहरादून की ओर से आयोजित किया जा रहा दस दिवसीय कौथिग 2022 में आज दूसरे दिन उत्तराखंडी वेशभूषा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसका संचालन गढ़वाल सभा की महिला कल्याण सचिव संगीता ढौंडियाल ने किया। प्रतियोगिता में गढ़वाल और कुमाऊं के परिधानों में प्रतिभागियों ने उत्साह के साथ भाग लिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

देहरादून में रेसकोर्स मैदान में आयोजित किए जा रहे इस समारोह में प्रतियोगिता की मुख्य अतिथि एवं उत्तरांचल कोआपरेटिक फेडरेशन की मैनेजिंग डायरेक्टर रामेन्द्री मंद्रवाल ने दीप प्रज्वलन कर किया। कार्यक्रम के निर्णायक मंडल में डॉ. कुसुम नौटियाल, भारती पांडे, नंद लाल भारती, एवम मणि भारती शामिल रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

प्रतियोगिता में गढ़वाली, कुमाउनी व जौनसारी परिधान में प्रतियोगिता हुई। इसमे पहला पुरस्कार मंजू देयोपा को 5100 रुपये, दूसरा पुरस्कार 3100 रुपये का लीला पयाल, तीसरा पुरस्कार बबली नयाल को 2100 और सांत्वना पुरस्कार मंजू कोटनाला को 1100 रुपये का मिला। युगल प्रस्तुति में पुरस्कार के रूप में कमल बधानी व उमा बधानी को प्राप्त 1100 रुपये दिए गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस मौके पर मुख्य अतिथि रामेन्द्री मंद्रवाल ने कहा कि प्रतिभागियों ने बहुत ही सुंदर प्रस्तुतियां दी। इस तरह के कार्यक्रमों से हमारे समाज मे अपनी संस्कृति के प्रति रुचि और बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने इस अयोजन के लिए गढ़वाल सभा को बधाई दी। कार्यक्रम में गढ़वाल सभा की उपाध्यक्ष निर्मला बिष्ट, तारेश्वरी भंडारी, कुसुम लता बिष्ट, पुष्पा नेगी, द्वारिका बिष्ट, वीरेंद्र असवाल, डा. सूर्य प्रकाश बिष्ट, एमएस असवाल आदि उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

शाम को हुई लोकनृत्यों की प्रस्तुति
अखिल गढ़वाल सभा के कौथिग-2022 के दूसरे दिन शाम को उत्तराखंड के लोक नृत्यों की प्रस्तुति की गी। इस दौरान मुख्य अतिथि कैबिनेट श्रीमती रेखा आर्य, देहरादून के महापौर सुनील उनियाल गामा रहे। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सबसे पहले कोटद्वार के संदेश कला सांस्कृतिक दल ने गणेश वंदना प्रस्तुत की। उसके साथ ही उन्होंने लोकगीत पोस्तु का छुमा पर लोकनृत्य प्रस्तुत किया। इसके बाद नैनीताल के विहान दल के नेता देवेंद्र भट्ट ने संध्या गीत के साथ छपेली नृत्य प्रस्तुत किया। इसके बोल थे नैनीताल की बिमल रानी रूमझूमा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके बाद थराली से आये सुभाष देवराड़ी ने जीतू बगडवाल नृत्य प्रस्तुत किया। इसके साथ ही इस दल ने प्रसिद्ध रणभूत नृत्य भी प्रस्तुत किया। इसके बाद जौनसार के राग पहाड़ी दल ने सुन्दर लोकनृत्य के साथ महासू देव की वंदना प्रस्तुत किया। खटीमा से पधारे वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप थारू जनजाति दल ने पहले होली नृत्य – बजाए जइयो री होरी और फिर झीझि खेलन आये अंगना में मैय्या नृत्य गीत प्रस्तुत किया। ये गीत नई फसल आने के उपरांत किया जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके उपरांत संजय रावत के दल ने घसियारी नृत्य -मैना घसियारी प्रस्तुत किया। जोशीमठ से आये प्रेम हिन्दवाल व साथियों ने जोशीमठ क्षेत्र का प्रसिद्ध मुखोटा नृत्य व राजजीत सिंह पर आधारित जीतू बगडवाल की शानदार प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन प्रचार सचिव अजय जोशी ने किया। इससे पहले सभा अध्यक्ष रोशन धस्माना ने आये अतिथियों का स्वागत किया।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *