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November 8, 2024

उत्तराखंड युद्ध स्मारक के अध्यक्ष तरुण विजय ने सेनाध्यक्ष नरवणे को भेंट किया ‘प्रदेश के वीर योद्धा’ कैलेंडर

उत्तराखंड युद्ध स्मारक के अध्यक्ष एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य तरुण विजय ने सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे से आज दिल्ली में भेंट की। इस मौके पर उन्होंने सेनाध्यक्ष को ‘प्रदेश के वीर योद्धा’ कैलेंडर भेंट किया।

उत्तराखंड युद्ध स्मारक के अध्यक्ष एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य तरुण विजय ने सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे से आज दिल्ली में भेंट की। इस मौके पर उन्होंने सेनाध्यक्ष को ‘प्रदेश के वीर योद्धा’ कैलेंडर भेंट किया। इस कलेंडर में दिवंगत सीडीएस बिपिन रावत, मेजर विभूति, मेजर चित्रेश आदि वीरों के चित्र हैं।
पूर्व सांसद तथा युद्ध स्मारक अध्यक्ष तरुण विजय ने बताया कि कलेंडर में बारह पृष्ठ हैं। इसे सुंदर डिज़ाइन किया गया है। आज उन्हें सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे को कलेंडर भेंट करने का सौभाग्य मिला। उन्होने बताया कि कलेंडर में उत्तराखंड के महान बलिदानी सैनिकों के चित्र हैं। इस कलेंडर को कोई भी warmemorialuk@gmail.com पर लिखकर मंगवा सकता है। इसका शुल्क 50 रुपये है।

युद्ध स्मारक शौर्यस्थल की खासियत
आपको बता दें कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के कैंट रोड स्थित राजभवन के निकट चीड़बाग में युद्ध स्मारक शौर्य स्थल का निर्माण किया गया है। इस शौर्य स्थल की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यहां पर पहले, दूसरे विश्व युद्ध के साथ भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन युद्ध के दौरान शहीद हुए जवानों के नाम की लिस्ट लगाई गई है। शौर्य स्थल पर पाकिस्तान युद्ध का जिक्र किया गया है। इससे यहां आने वाले लोगों को भारत-पाकिस्तान व भारत-चीन युद्ध के बारे में जानकारी भी मिलेगी। यहां शहीद हुए जांबाज जवानों के नाम की सूची भी है। यहां तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पारिकर ने इसका भूमि पूजन किया था। स्मारक प्रदेश के लगभग 15 सौ शहीदों को समर्पित है।

शोभा बढ़ा रहा है मिग 21 विमान
चीड़बाग स्थित युद्ध स्मारक शौर्य स्थल में मिग 21 विमान भी शोभा बढ़ा रहा है। पूर्व सांसद (राज्यसभा सदस्य) एवं युद्ध स्मारक के अध्यक्ष तरूण विजय ने बताया कि वार मेमोरियल में मिग 21 रखने का प्रस्ताव करीब दो साल पहले कैंट बोर्ड की बैठक में पास हुआ था। यह मिग 21 रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के विशेष प्रयास से प्राप्त हुआ है। भारत में 1964 से मिग 21 विमान का इस्तेमाल शुरू हुआ है। ये इकलौता ऐसा विमान है, जिसका इस्तेमाल दुनियाभर के करीब 60 देशों ने किया है। मिग 21 एविएशन के इतिहास में अब तक का सबसे अधिक संख्या में बनाया गया सुपरसोनिक फाइटर जेट है। पाकिस्तान के साथ हुए 1971 और 1999 के कारगिल युद्ध में भी मिग 21 ने मुख्य भूमिका निभाई थी। मिग 21 लड़ाकू विमान की रफ्तार 2229 किमी प्रति घंटा की है। इसमें टर्बोजेट इंजन लगा हुआ है, जो विमान को सुपरसोनिक रफ्तार देता है।

इस मिग 21 विमान को वायुसेना के जौधपुर स्टेशन से दो ट्रक में खोलकर लाया गया था। इसे देहरादून पहुंचने में तीन दिन लगे। साथ ही वायुसेना का 10 कार्मिकों का स्टाफ आया था, जिसने इस विमान को जोड़ा था। पूर्व सांसद तरूण विजय ने बताया कि अब इस युद्ध स्मारक में नौ सेना का मिसाइल युद्धपोत का मॉडल भी आना है। जो इस वार मेमोरियल की शोभा में चार चांद लगाएगा।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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