उत्तराखंडः मांगों को लेकर राज्य कर्मचारी मुख्य सचिव से मिले, समस्याओं की तरफ दिलाया ध्यान
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखंड के प्रतिनिधिमंडल ने आज मुख्य सचिव ओमप्रकाश से भेंट कर कर्मचारियों की लंबित मांगों को तरफ उनका ध्यान दिलाया। साथ ही समस्याओं के निराकरण की मांग की।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखंड के प्रतिनिधिमंडल ने आज मुख्य सचिव ओमप्रकाश से भेंट कर कर्मचारियों की लंबित मांगों को तरफ उनका ध्यान दिलाया। साथ ही समस्याओं के निराकरण की मांग की।
परिषद के प्रदेश कार्यकारी महामंत्री अरुण पांडे ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव को अवगत कराया कि पूर्व में किये गये अनुरोध पर परिषद के साथ प्रदेश के कार्मिकों की विभिन्न लम्बित समस्याओं के निराकरण के लिए बैठक के आयोजन का आश्वासन दिया गया था। इससे प्रदेश के कार्मिक अपनी समस्याओं के निराकरण के सम्बन्ध में आश्वस्त हो गये थे। कतिपय कारणों से बैठक का आयोजन न हो पाने के कारण आतिथि तक प्रकरणों का समाधान लम्बित है।
परिषद के अनुरोध पर मुख्य सचिव ने परिषद की ओर से पुनः मांगपत्र प्रस्तुत करने पर यथाशीघ्र बैठक आयोजित किये जाने का आश्वासन दिया। इस पर परिषद ने मुख्य सचिव के निर्देश के क्रम में मांगपत्र मुख्य सचिव कार्यालय को उपलब्ध करा दिया।
ये है मांग पत्र के बिंदू
इसमें कहा गया कि पूर्व वित्त मंत्री स्वर्गीय प्रकाश पंत की अध्यक्षता में 27 अगस्त 18 को हुई राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के साथ बैठक के कई निर्णयों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इससे कर्मचारियों में आक्रोश है।
उन्होंने एसीपी की पूर्व व्यवस्था 10, 16 एवं 26 वर्ष को पदोन्नत पद के वेतनमान के साथ बहाली, प्रदेश के समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों को पूरे सेवाकाल में पूर्व की भांति पदोन्नति में शिथिलीकरण का लाभ देने, राज्य कर्मियों को कैशलैस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने, विभिन्न विभागों में ढांचा/नियमावली अविलम्ब बनाने और जिन विभागों में पदोन्नति नहीं हुई है उन विभागों में पदोन्नति करने, चुतर्थ श्रेणी कार्मिकों को एसीपी के अन्तर्गत ग्रेड पे-4200 देने, मृत घोषित किये गये सभी पदों को पुर्नजीवित करने, स्थानान्तरण अधिनियम में महिलाओं को 50 वर्ष एवं पुरूषों को 52 वर्ष दुर्गम क्षेत्र में स्थानान्तरण पर छूट देने, विभिन्न विभागों में लम्बित वेतन विसंगति के प्रकरणों का पुनः मुख्य सचिव की अध्यक्षता में निस्तारित करने, विभिन्न विभागों में दैनिक वेतनभोगी, संविदा, उपनल, आउटसोर्स कर्मियों के नियमितीकरण की कार्रवाई शुरू करने, जिन विभागों में पदोन्नति के अवसर नहीं है, उन्हें अन्य संवर्गों की भांति स्टापिंग पैटर्न का लाभ देने, जिन विभागों के कार्मिकों को वाहन भत्ता नहीं दिया जा रहा है, उन्हें पूर्व की भांति वाहन भत्ता देने, पुरानी पेंशन व्यवस्था को पुनः बहाल करने की मांग की गई।
मांग की गई कि परिषद के प्रतिनिधिमंडल के साथ शासन के सम्बन्धित अधिकारियों की उपस्थिति में एक बैठक करके समाधान निकाला जाए। ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वालों में परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष नंद किशोर त्रिपाठी, कार्याकारी महामंत्री शक्ति प्रलाद भट्ट और अरूण पांडे शामिल थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।