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June 19, 2025

उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी भुवनेश्वरी घिल्डियाल का निधन, कल होगा अंतिम संस्कार

उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी भुवनेश्वरी घिल्डियाल का आज सोमवार 22 मार्च को निधन हो गया। वह 98 साल की थीं। कुछ दिनों से वह बीमार चल रही थी।


उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी भुवनेश्वरी घिल्डियाल का आज सोमवार 22 मार्च को निधन हो गया। वह 98 साल की थीं। कुछ दिनों से वह बीमार चल रही थी। शाम करीब चार बजे उन्होंने अपने आवास पर ही अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार कर हरिद्वार में किया जाएगा। भुवनेश्वरी घिल्डियाल उन महिला राज्य आंदोलनकारियों में से एक थी, वर्ष 1994 से राज्य आंदोलन में अग्रीम पंक्ति में रहकर महिलाओं का नेतृत्व करती थी।
देहरादून के जोहड़ी गांव के निकट सिनौला निवासी भुवनेश्वरी घिल्डियाल पत्नी स्व ईश्वरी दत्त घिल्डियाल की पहचान निडर, साहसी, व्यवहार कुशल और मददगार नेत्री के रूप में थी। आंदोलन के दौरान उनका पूरा परिवार और उनका घर आंदोलनकारियों की विभिन्न प्रकार की सेवाओं के लिए मुख्य अड्डा बना रहता था। वहां बड़े पैमाने पर खाना बनाने से लेकर भावी रणनीति बनाने पर चर्चाओं का दौर गर्म रहता था। उन्हें उसी दौर में जेल की यात्रा भी करनी पड़ती थी।
जेल यात्रा के बाद नके हौसले और भी अधिक बढ़ गए। उन्हें राज्य गठन में प्रमुख भूमिका के लिए राज्य सरकार की ओर से अंतिम समय तक पेंशन भी प्रदान की जाती रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री श्री भुवनचंद्र खंडूड़ी ने उन्हें उत्तराखंड आंदोलनकारी होने के नाते विशेष सम्मान से भी नवाजा था ।
उनके निधन की सूचना से उनके सभी प्रियजनों और उत्तराखंड आंदोलनकारियों के बीच शोक की लहर व्याप्त है। आज के उत्तराखंड की दशा और राजनैतिक हालात पर वे चिंतित रहती थी और एक और आंदोलन की जरूरत महसूस करती थी । कुछ समय पूर्व तक अखबारों के जरिये वर्तमान हालात से फिर से लड़ने की इच्छा थी, लेकिन अब शरीर साथ देने से मना कर चुका था ।
वे अपने चार पुत्रों व एक पुत्री का भरा पूरा परिवार मय पोते पोतियों व उनके भी बेटे बेटियों, एवं उत्तराखंड के अनेकों प्रियजनों को अपने स्नेह बंधन के साथ बांधकर इस दुनियां से विदा ले गई। उनके एक पुत्र राजकीय चिकित्सक (अतिरिक्त निदेशक), दूसरे व तीसरे पुत्र राजकीय लेक्चरर तथा चौथे पुत्र भी राजकीय चिकित्सक के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उनके दामाद ONGC से बहुत पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं। सभी पुत्रों व पुत्री के सभी बच्चे भी अपने अपने क्षेत्रों में अच्छी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

 

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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