उत्तराखंड में एक टीएसआर की जगह दूसरे टीएसआर, बाकी के पटाखे हुए बेकार, जानिए दोनों में समानता, नए सीएम का परिचय

उत्तराखंड में नए मुख्यमंत्री पद पर भाजपा ने एक टीएसआर (त्रिवेंद्र सिंह रावत) को हटाकर दूसरे टीएसआर (तीरथ सिंह रावत) को इस पद की जिम्मेदारी सौंपी है। निवर्तमान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और सीएम की शपथ लेने जा रहे तीरथ सिंह रावत दोनों में समानता ये भी है कि दोनों ही पौड़ी जिले के मूल निवासी हैं। दोनों का जन्म पौड़ी जिले में ही हुआ। त्रिवेंद्र सिंह रावत का जन्म पौड़ी जिले में कोटद्वार तहसील के खैरसैन गाँव हुआ था। वहीं, तीरथ सिंह रावत का जन्म भी पौड़ी जिले में हुआ। उनका जन्म सीरों, पट्टी असवालस्यूं पौड़ी गढ़वाल में हुआ। दोनों ही संघ से जुड़े हैं। वहीं, सीएम की दौड़ में शामिल अन्य नेताओं को मुंह की खानी पड़ी। यहां तक भाजपा कार्यालय में अन्य दावेदारों के समर्थक पटाखे लेकर पूरे जश्न के लिए पहुंच चुके थे। उनके हाथ निराशा लगी।
उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद आज देहरादून में भाजपा के प्रदेश कार्यालय में चली विधानमंडल की बैठक में भाजपा ने हर बार की तरह सारे कयासों को खारिज करते हुए चौंका दिया है। तीरथ सिंह रावत के नाम पर उत्तराखंड के सीएम के लिए मोहर लगा दी गई। अब तीरथ सिंह रावत राज्य के दसवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे, हालांकि मुख्यमंत्री के रूप में ये राज्य को नवां चेहरा मिलेगा। तीरथ सिंह रावत पौड़ी संसदीय सीट से लोकसभा सदस्य हैं। गौरतलब है कि पार्टी ने ऐसा नेता तय किया, जो कभी विवादित नहीं रहा। साथ ही उनकी छवि भी साफ सुथरी है। साथ ही वह संघ से भी जुड़े हैं। इस बार सीएम चयन को लेकर संघ की भूमिका भी अहम रही।
सुबह दस बजे भाजपा कार्यालय में विधानमंडल की बैठक शुरू हुई। बैठक में पर्यवेक्षक के रूप में वरिष्ठ भाजपा नेता व छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के साथ ही प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम भी मौजूद थे। हालांकि ये बैठक औपचारिक थी। नाम दिल्ली से तय होकर आया। यहां सिर्फ नाम पर मोहर लगनी थी। अब शपथ ग्रहण की तैयारी शुरू हो गई है। माना जा रहा है आज ही वह मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। विधानमंडल दल की बैठक समाप्त होने के बाद कार्यवाहक सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पत्रकारों को तीरथ सिंह रावत के चयन की जानकारी दी।
थी पूरी तैयारी, पटाखे चले गए बेकार
उधर, सीएम के प्रमुख दावेदारों में उत्तराखंड के पर्यटन एवं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज, केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी और राज्य मंत्री धन सिंह रावत के नाम उछाले जा रहे थे। इनमें एक दावेदार का नाम सुबह की अचानक बड़ी तेजी से सामने आया। उनके कार्यकर्ता पटाखे लेकर भाजपा कार्यालय पहुंच गए थे। बस नाम की घोषणा होते ही जमकर आतिशबाजी होनी थी। पर भाजपा के आला नेताओं ने सबको चौंकाते हुए तीरथ की रावत के नाम पर मुहर लगाई। ऐसे में बाकी के पटाखे बेकार चले गए।
बोले तीरथ
इस मौके पर तीरथ सिंह रावत ने कहा कि पार्टी ने उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी, उसे पूरी निष्ठा से निभाऊंगा। कहा कि पार्टी ने जो भी जिम्मेदारी दी, उसे सहर्ष स्वीकार किया, बेहतर करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि मैं छोटे से गांव का हूं। मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि पार्टी मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी देगी।
ये हुआ था राजनीतिक घटनाक्रम
गौरतलब है कि छह मार्च को केंद्रीय पर्यवेक्षक वरिष्ठ भाजपा नेता व छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह देहरादून आए थे। उन्होंने भाजपा कोर कमेटी की बैठक के बाद फीडबैक लिया था। इसके बाद उत्तराखंड में आगामी चुनावों के मद्देनजर मुख्यमंत्री बदलने का फैसला केंद्रीय नेताओं ने लिया था। इसके बाद मंगलवार नौ मार्च को त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद आज विधानमंडल की बैठक में नए सीएम के रूप में तीरथ सिंह रावत के नाम पर मुहर लगाई गई।
तीरथ सिंह रावत का परिचय
तीरथ सिंह रावत भारतीय भारतीय जनता पार्टी से संबंधित राजनीतिज्ञ है। वह फरवरी 2013 से दिसंबर 2015 तक उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे। चौबट्टाखाल से भूतपूर्व विधायक (2012-2017) हैं। वर्तमान में तीरथ सिंह रावत भाजपा के राष्ट्रीय सचिव के साथ साथ गढ़वाल लोकसभा से सांसद भी हैं। पौड़ी सीट से भाजपा के उम्मीदवार के अतिरिक्त 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हिमाचल प्रदेश का चुनाव प्रभारी भी बनाया गया था। उनका जन्म सीरों, पट्टी असवालस्यूं पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड में हुआ था। उनके पिता श्री कलम सिंह रावत थे।
तीरथ सिंह रावत भारतीय भारतीय जनता पार्टी से संबंधित राजनीतिज्ञ है। वर्ष 2000 में नवगठित उत्तराखण्ड के प्रथम शिक्षा मंत्री चुने गए थे। इसके बाद 2007 में भारतीय जनता पार्टी उत्तराखण्ड के प्रदेश महामंत्री चुने गए तत्पश्चात प्रदेश चुनाव अधिकारी तथा प्रदेश सदस्यता प्रमुख रहे। 2013 उत्तराखण्ड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के अध्यक्ष रहे। वर्ष 2012 में चौबटाखाल विधान सभा से विधायक निर्वाचित हुए और वर्ष 2013 में उत्तराखण्ड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बने। इससे पूर्व वर्ष 1983 से 1988 तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (उत्तराखण्ड) के संगठन मंत्री और राष्ट्रीय मंत्री रहे हैं।
हेमवती नंदन गढ़वाल विश्व विधालय में छात्र संघ अध्यक्ष और छात्र संघ मोर्चा (उत्तर प्रदेश) में प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे। इसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा (उत्तर प्रदेश) के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे। इसके बाद 1997 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद् के सदस्य निर्वाचित हुए तथा विधान परिषद् में विनिश्चय संकलन समिति के अध्यक्ष बनाये गए। रावत को पौड़ी सीट से भारत के 17 वें लोकसभा चुनाव में बीजेपी की तरफ से प्रत्याशी बनाया गया था,जिसमें वे भारी मतों से विजयी हुए। इन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के श्री मनीष खंडूड़ी को 2,85,003 से अधिक मतों से हराया।
उत्तराखंड के अब तक मुख्यमंत्री
नित्यानंद स्वामी
भगत सिंह कोश्यारी
नारायण दत्त तिवारी
भुवनचंद्र खंडूड़ी
रमेश पोखरियाल निशंक
विजय बहुगुणा
हरीश रावत
त्रिवेंद्र सिंह रावत
नए सीएम के सामने तीन चुनौती
तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके और भाजपा संगठन के सामने तीन चुनौतियां हैं। इनमें पहली चुनौती नए तीरथ सिंह रावत को विधानसभा के लिए चुनाव लड़ना है और उस सीट को जीतना है। दूसरी चुनौती ये है कि पौड़ी लोकसभा सीट से तीरथ सिंह रावत को इस्तीफा देने के बाद इस सीट को भाजपा के पक्ष में बचाए रखना है। साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को भारी बहुमत से जीताना है। वक्त सिर्फ नौ माह का बचा है। ऐसे में तीरथ सिंह रावत क्या जादू करते हैं, ये आने वाला वक्त बताएगा।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
अब न कोई जादू होगा बल्कि बीजेपी में असंतोष पनपेगा.
बीजेपी का जाना तय है
कोई फायदा नही होगा, जन्ता परेशान है