उत्तराखंड पुलिसः CCTNS प्रोजेक्ट रैंकिंग में सम्पूर्ण देश में उत्तराखंड 8वें एवं पर्वतीय राज्यों में द्वितीय स्थान पर, जानिए खासियत
इस मौके पर उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि वर्तमान परिदृश्य में क्राइम ट्रैकिंग और क्राइम विश्लेषण में CCTNS की भूमिका बहुत ही महत्वूर्ण है। घोषित अपराधियों की पहचान व गिरफ्तारी, अज्ञात शवों एवं गुमशुदाओं के मिलान, चोरी का वाहनों की पहचान में इसकी उपयोगिता काफी बढ़ गयी है। पुलिस विभाग में कम्प्यूटर के आने के बाद लगभग 20 वर्षों तक इनका उपयोग टाइपराइटर के रूप में हुआ। CCTNS प्रोजेक्ट ने इनकी उपयोगिता को बढ़ाया। CCTNS डेटा संकलन के साथ-साथ क्राइम ट्रैकिंग और क्राइम विश्लेषण में भी मदद करने लगा है। इस प्रकार अपराधी tech savvy होता जा रहा है, ऐसे में law enforcement agencies को भी अपनी क्षमताओं को बढ़ाते हुए advance tech Savvy होना होगा।
बैठक में बताया गया कि उत्तराखंड CCTNS प्रोजेक्ट रैंकिंग में सम्पूर्ण देश में 8वें एवं पर्वतीय राज्यों में द्वितीय स्थान पर है। प्रदेश के शत-प्रतिशत पुलिस स्टेशन CCTNS प्रोजेक्ट से जुड़े हुए हैं। इसके साथ ही सीटिजन पोर्टल की 17 सेवाओं को प्रदेश की जनता तक पहुंचाने के लिए देवभूमि मोबाइल एप भी बनाया गया है। पुलिस मॉर्डनाइजेशन के अन्तर्गत विवेचकों के कार्यों में गुणात्मक सुधार एवं पारदर्शिता लाने के लिए उन्हें 1195 साक्ष्य संकलन टूल्स (Tablet) वितरित किए गए हैं। इसके साथ ही e-Beat book, e-FSL, e-MLC, Online Counter Affidavit मॉडयूल्स तैयार किये गये हैं, जिन्हें शीघ्र ही लागू किया जाएगा।
इस अवसर पर अपर पुलिस महानिदेशक सीआइडी एवं पीएसी पीवीके प्रसाद, पुलिस महानिरीक्षक पीएम अमित सिन्हा, पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था वी मुरूगेशन, पुलिस महानिरीक्षक अभिसूचना एवं सुरक्षा संजय गंज्याल, पुलिस महानिरीक्षक कार्मिक एपी अंशुमान, पुलिस महानिरीक्षक प्रशिक्षण पूरन सिंह रावत, पुलिस महानिरीक्षक, एसडीआरएफ पुष्पक ज्योति, उप निदेशक NCRB प्रशून गुप्ता, सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।
त्योहार के मद्देनजर सतर्क रहने के निर्देश
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने समस्त परिक्षेत्र एवं जनपद प्रभारियों के साथ पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश की कानून व्यवस्था की समीक्षा की। साथ ही आगामी त्यौहार दशहरा, बारह बफात, वाल्मीकि जयंती के विषय में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
उन्होंने जिन थाना सर्किल क्षेत्रान्तर्गत अभियोग अनावरण, सम्पत्ति रिकवरी और गिरफ्तारी कम हैं, उनकी जवाबदेही तय करने को निर्देशित किया। चारों बड़े जनपद देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल एवं उधमसिंह नगर में साइबर, एसओजी एवं एडीटीएफ के पर्यवेक्षण के लिए क्षेत्राधिकारी ऑपरेशन को नियुक्त करने के लिए उन्होंने निर्देशित किया।
साथ ही साइबर अपराधों पर प्रभावी कार्यवाही के लिए साइबर सेल को सुदृढ़ करते हुए सेल में दक्ष कर्मियों को नियुक्त करने, आगामी त्यौहार दशहरा, बारह बफात, वाल्मीकि जयंति के दृष्टिगत समस्त जनपद प्रभारियों को जिलाधिकारी से सम्नवय बनाने, इस अवसर पर आयोजक समितियों एवं धर्मगुरूओं से भी वार्ता कर केन्द्र एवं राज्य सरकार की कोरोना सम्बन्धी गाइडलाईन का अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।
उन्होंने थानों पर जन शिकायतों को रिसीव न करने और शिकायतकर्ता का फोन रिसीव न करने वालों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करने, त्यौहारों के दृष्टिगत गलत तरीके से गाड़ियां पार्क कर जाम की स्थिति उत्पन्न करने वालों पर कार्यवाही करने, महिला शिकायतों पर प्रभावी कार्यवाही के लिए बनाए गए गौरा शक्ति एप का व्यापक प्रचार-प्रसार करने एवं उससे प्राप्त शिकायतों की नियमित मॉनिटरिंग कर निस्तारण करने के लिए भी जनपद प्रभारियों को निर्देशित किया।
बैठक में पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था वी मुरूगेशन, पुलिस महानिरीक्षक अभिसूचना एवं सुरक्षा संजय गंज्याल, पुलिस उपमहानिरीक्षक एवं निदेशक यातायात मुख्तार मोहसिन, पुलिस उपमहानिरीक्षक पीएम सेंथिल अबुदेई कृष्ण राज एस, पुलिस उपमहानिरीक्षक कार्मिक सुनील कुमार मीणा, पुलिस अधीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्थाश्वेता चौबे सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।