साइबर क्राइम रोकने को उत्तराखंड पुलिस करेगी लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमालः मुख्य सचिव
सम्मेलन का शुभारम्भ उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने किया। सम्मेलन के प्रारम्भ में भूतपूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री हरबंस कपूर के आकस्मिक निधन पर उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रख कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी। तत्पश्चात पुलिस उपमहानिरीक्षक पीएम सेंथिल अबुदेई कृष्ण राज एस ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से विगत वर्षों में उत्तराखंड पुलिस की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। इस मौके पर उन्होंने ड्रग्स एवं साईबर क्राईम के संबंध में किए गए कार्यों एवं पुलिस के शासन स्तर के मुद्दों, भविष्य की कार्ययोजना और उत्तराखंड पुलिस को कैसे आगे बढ़ाना है, इसकी योजनाओं से इससे मुख्य सचिव को अवगत कराया।
इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि पुलिस के कार्यों की विस्तार से जानकारी मिली कि हम किस दिशा में जा रहे हैं। आज के सेशन का मेन थीम स्मार्ट पुलिसिंग था। प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उत्तराखंड पुलिस ने काफी प्रयास किए हैं। ट्रेडिशनल क्राइम के बजाय साइबरक्राइम बढ़े हैं, जिसके लिए निर्णय लिया गया कि देश का बेस्ट IIT जिसमें कंप्यूटर साइंस का डिपार्टमेंट साइबर सिक्योरिटी में सबसे अच्छा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पुलिस के साथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा। इसके लिए उत्तराखंड शासन द्वारा व्यय भार वहन किया जाएगा। उत्तराखंड पुलिस एवं आईआईटी का कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट साइबर क्राइम को रोकने के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का प्रयोग करेगा।
मुख्य सचिव जी ने कहा कि कम अपराध होने तथा सुरक्षित एवं शांतिप्रिय माहोल होने के कारण यहां पर उद्योगों एवं पर्यटन के अनुकूल माहौल बना है। उत्तराखंड पर्यटकों का फेवरेट डेस्टिनेशन बना हुआ है। उत्तराखंड के पुलिस कर्मियों का व्यवहार अन्य प्रदेशों के मुकाबले बेहतर रहता है। पर्यटक प्रदेश के लिए जरूरी है कि प्रदेश में शांति रहे। पुलिस कर्मियों को चाहिए कि वे भी ऐसा व्यवहार रखें, ताकि पर्यटकों को पुलिस को देखकर विश्वास एवं सुरक्षा की भावना उत्पन्न हो। हमें खुशी है कि हमारी पुलिस इस दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि ड्रग्स के लिए गठित एडीटीएफ को और अधिक सुदृढ़ किया जाए। ड्रग्स के विरूद्ध पुलिस, समाज कल्याण और स्वास्थ्य विभाग में समन्वय जरूरी है। इसके लिए इनकी संयुक्त रूप से त्रैमासिक मीटिंग की जाएगी।
डीजीपी ने बताई भावी योजनाएं
इस मौके पर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि उत्तराखंड पुलिस ने इन 20 वर्षों में काफी कुछ हासिल किया है। हमारे infrastructure बेहतर हुए हैं। संवेदनशील पुलिसिंग की ओर भी काफी काम हुआ है। अभी भी हमें काफी कुछ हासिल करना बाकी है। हमें उत्तराखंड पुलिस को देश की सर्वोत्तम पुलिस बनाना है। स्मार्ट पुलिसिंग के माननीय प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप Moving Towards SMART Policing थीम पर उत्तराखण्ड पुलिस के ऑपरेशनल, प्रशासनिक और मार्डनाइजेशन के स्तर को बढ़ाने तथा उसे और अधिक स्मार्ट बनाने के लिए यह सम्मेलन आयोजित किया गया है।
इन मुद्दों पर की गई चर्चा
1.कार्मिक, प्रोवजिनिंग, आधुनिकीकरण, पुलिस कल्याण, कानून व्यवस्था, फायर, संचार, ड्रग्स, साइबर क्राइम आदि मुद्दों पर गहराई से मंथन किया गया।
2.एंटी ड्रग्स, नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्रों हेतु पॉलिसी पर चर्चा की गयी।
3.पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण यथा केदारकांठा, चोपता में थाने/चौकियां खोले जाने पर चर्चा।
4.पुलिस आधुनिकीकरण हेतु बजट बढ़ाये जाने का अनुरोध किया गया।
5.पुलिस प्रशिक्षण केन्द्रों में प्रशिक्षण भत्ते प्रदान करने का अनुरोध किया गया।
6.प्रदेश में पुलिस भवनों, थाना/चौकियों के भवनों हेतु बजट बढ़ाने का अनुरोध किया गया।
7.निष्क्रिय वाहनों के स्थान पर नए वाहनों स्वीकृत करने पर चर्चा की गयी।
ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव गृह आनन्द बर्द्धन, सचिव वित्तअमित सिंह नेगी, अपर पुलिस महानिदेशक सीआईडी, पीएसी पीवीके प्रसाद, अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन अभिनव कुमार, पुलिस महानिरीक्षक पी/एम अमित सिन्हा, पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था वी मुरूगेशन, पुलिस महानिरीक्षक अभिसूचना एवं सुरक्षा संजय गुंज्याल, पुलिस महानिरीक्षक, कार्मिक ए पी अंशुमान, पुलिस महानिरीक्षक प्रशिक्षण पूरन सिंह रावत, पुलिस महानिरीक्षक, एसडीआरएफ पुष्पक ज्योति, पुलिस महानिरीक्षक फायर अजय रौतेला सहित समस्त फील्ड अधिकारी, जनपद प्रभारी, सेनानायक, शाखा एवं इकाई प्रभारी, परिक्षेत्र प्रभारी, प्रधानाचार्य एटीसी पीटीसी, एसटीएफ, जीआरपी, सीआईडी, अभिसूचना एवं पुलिस मुख्यालय के समस्त वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।