सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस दिया तो हरकत में आई उत्तराखंड पुलिस, धर्म संसद में हेट स्पीच को लेकर वसीम रिजवी गिरफ्तार
धर्म संसद में हेट स्पीच को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से दस दिन में जवाब मांगा तब ही पुलिस हरकत में आई। गुरुवार को हरिद्वार पुलिस ने यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को हरिद्वार की सीमा नारसन में एंट्री करते ही गिरफ्तार कर लिया।

पिछली 17 से 19 दिसंबर को उत्तरी हरिद्वार के वेद निकेतन आश्रम में हुई धर्मसंसद दुनिया भर में सुर्खियों में है। धर्मसंसद में एक विशेष वर्ग को लेकर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी के खिलाफ दो मुकदमें शहर कोतवाली में दर्ज किए गए थे। पिछले दिनों यहां पहुंचे आरोपी वसीम रिजवी एवं साध्वी अन्नपूर्णा को हरिद्वार कोतवाली पुलिस ने नोटिस भी थमाया था।
शहर कोतवाली में धर्म संसद के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था।
दिसंबर में तीन दिवसीय धर्म संसद वेद निकेतन आश्रम में संपन्न हुई थी। इस मामले में नगर कोतवाली पुलिस ने वक्फ बोर्ड उत्तर प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में एसआईटी जांच भी शुरू की गई थी। विवेचना के दौरान पुलिस ने साक्ष्य एकत्रित किए। इस पर पुलिस ने गुरुवार को जितेंद्र त्यागी को नारसन बॉर्डर के समीप से गिरफ्तार किया है। पुलिस अफसरों के अनुसार जल्द जांच पूरी होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने मांगा था जवाब
हरिद्वार में धर्म संसद के दौरान हेट स्पीच के मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, उत्तराखंड सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था। शीर्ष अदालत में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि ऐसे मामले कई और स्थानों पर ही हुए हैं। ऐसे में हम चाहते हैं कि मामले में जल्द सुनवाई हो। साथ ही 23 जनवरी को अलीगढ़ में होने वाली धर्म संसद पर रोक लगे। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल कोई कदम उठाने से मना कर दिया। इतना जरूर है कि हरिद्वार धर्म संसद में मुस्लिमों के खिलाफ हेट स्पीच के मामले का सुप्रीम कोर्ट परीक्षण करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने उतराखंड सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। उत्तराखंड सरकार से दस दिन में जवाब देने को कहा गया है। साथ ही कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली पुलिस को भी नोटिस दिया है। शीर्ष न्यायालय ने याचिकाकर्ता को छूट दी है कि वह 23 जनवरी को अलीगढ़ में होने वाली धर्म संसद को रोकने के लिए लोकल अथॉरिटी के पास जा सकते हैं।
हरिद्वार धर्म संसद में मुस्लिमों के खिलाफ हेट स्पीच मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एन वी रमना ने कहा था कि हम इस मामले में अभी कुछ नहीं कहना चाहते। हम राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगेंगे। इससे पहले, याचिकाकर्ता की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि मैं मामले को सनसनीखेज नहीं बनाना चाहता। अदालत ट्रांस्क्रिप्ट पढ़े। इस मामले में केंद्र को भी नोटिस भेजा जाए ताकि मामले की जल्द सुनवाई हो। 23 को अलीगढ़ में फिर से धर्मसंसद आयोजित की जा रही है।
धर्म संसद में विवादित भाषण देने का आरोप
बता दें कि धर्म संसद का आयोजन स्वामी नरसिंहानंग ने कराया था। इस सम्मेलन में वक्ता के रूप में हिंदू रक्षा सेना के अध्यक्ष स्वामी प्रमोदानंग गिरि और स्वामी आनंदास्वरूप, साध्वी अन्नपूर्णा शामिल हुए थे। वहीं बीजेपी नेता अश्वनी उपाध्याय पर भी कई आरोप लगे हैं, लेकिन उनका कहना है कि वह सिर्फ 30 मिनट ही कार्यक्रम में रुके थे। मुस्लिमों के खिलाफ विवादित भाषण पर कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. शमा मोहम्मद ने भी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि मुनव्वर फारूकी को उन जोक्स के लिए दंडित किया गया, जो उन्होंने नहीं सुनाए थे, लेकिन विवादित बोल बोलने वाले धर्म संसद के उन सदस्यों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
धर्म की रक्षा के लिए उठाएंगे शस्त्र
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साधु-संत कहते दिख रहे हैं कि धर्म की रक्षा के लिए वह शस्त्र उठाएंगे। अब मुस्लिम पीएम नहीं बनने देंगे। साथ ही वह मुस्लिम आबादी भी नहीं बढ़ने देंगे। धर्म की रक्षा के नाम पर साधुओं का यह विवादित भाषण तेजी से वायरल हो रहा है। वहीं साध्वी अन्नपूर्णा भी कॉपी-किताब रखकर हाथ में शस्त्र उठाने की बात कहती दिख रही हैं।