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December 12, 2024

उत्तराखंड महिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष आशा मनोरमा डोबरियाल ने जारी किए नारी न्याय के बिंदु

उत्तराखंड प्रदेश महिला कांग्रेस की वरिष्ठ उपाध्यक्ष आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा ने आज बुधवार सात फरवरी को देहरादून में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर नारी न्याय के लिए विभिन्न बिन्दु जारी किए। उन्होने कहा कि भाजपा का बेटी पढ़ाओं का नारा अब भाजपा से बेटी बचाओं का नारा हो गया है। इसका कारण है कि बलात्कार के मामले हों या फिर महिला अपराधों से जुड़े मामले। सभी में निरंतर भाजपा नेताओं के नाम ही आ रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने उदाहरण दिया कि अभी ताजा मामला कमल रावत का सामने आया। उससे पहले भाजपा के विधायक महेश नेगी, भाजपा के संगठन मंत्री संजय कुमार, स्वामी चिन्मयानंद, कुलदीप सेंगर, हाथरस, उन्नाव, कठुआ, महिला पहलवानों के उत्पीड़न में सांसद बृजभूषण शरण सिंह के नाम भी सामने आए। उन्होंने सवाल किया कि आखिर ऐसे लोग भाजपा में ही क्यों पाए जाते है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होने कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी इस समय भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर हैं। जहां वह सभी पृष्ठभूमि के सैकड़ों लोगों से मिल रहे हैं। हम अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की कार्यकर्ता लगातार महिलाओं तक पहुंच कर उनके विचार सुन रहे हैं। हमें अलग, अलग सुझाव मिले हैं और हम नारी न्याय के रूप में अपनी मांगों को रेखांकित कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

महंगाई व मूल्य वृद्धि
लगातार महंगाई और इसे नियंत्रित करने में सरकार की विफलता के कारण महिलाओं के लिए अपना घर चलाना मुश्किल हो गया है। इसमें एलपीजी गैस, खाद्य तेल, खाद्यान्न, किराने का सामान जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को विनियमित करने में विफलता भी शामिल है। इसलिए इन सभी वस्तुओं की कीमत को आपातकालीन आधार पर विनियमित और नियंत्रित करने और उस पर पर्याप्त सब्सिडी प्रदान करने की आवश्यकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

समान काम के लिए समान वेतन
विश्व असमानता रिपोर्ट 2022 के अनुसार, भारत में पुरुष श्रम आय का 82 प्रतिशत कमाते हैं, जबकि महिलाएं इसका 18 प्रतिशत कमाती हैं। इसके अलावा कृषि और वेतनभोगी वर्ग में लगी महिलाएं पुरुषों की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत कम कमाती हैं। इसलिए हम मांग करते हैं कि सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए नियम लाने की जरूरत है कि लिंग-अंतर समानता को जल्द से जल्द पाटा जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

स्वास्थ्य देखभाल व प्राथमिक प्रसव केंद्र
कांग्रेस शासन के दौरानए गांवों में खोले गए अधिकांश प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अब या तो बंद हो गए हैं या बिना किसी मेडिकल स्टाफ के संचालित हो रहे हैं। महिलाओं के लिए बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल ढांचे का पूरी तरह से अभाव है और भारत में 15 से 49 वर्ष की आयु की अधिकांश 57 फीसद महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं। इसके अलावा गांवों में प्रसव केंद्रों की कमी का मतलब है कि महिलाओं को प्रसव के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। इससे जोखिम बढ़ जाता है और सबसे गंभीर चरण में महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा हो जाता है। सरकार को पूरे भारत मेंए खासकर ग्रामीण इलाकों में बुनियादी स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को सुनिश्चित करने के साथण्साथ एक व्यापक स्वास्थ्य पैकेज लाने की जरूरत है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

शिक्षा
कांग्रेस ने सभी के लिए मुफ्त प्राथमिक शिक्षा शुरू करने में मदद की और आईआईटी और आईआईएम सहित कई प्रतिष्ठित संस्थान स्थापित किए। भारत में शिक्षा व्यवस्था चरमरा रही है और भाजपा सरकार शिक्षा के लिए बजटीय आवंटन लगातार कम कर रही है। भारत में प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है और सरकार इन पदों को जानबूझकर अतिथि शिक्षकों से नहीं भर रही है क्योंकि सेवा शर्तों को हटाने के साथ उन्हें कम पारिश्रमिक पर रखना आसान है। साथ ही स्कूल जाने वाली लड़कियाँ सुरक्षित महसूस नहीं करतीं और देशभर से स्कूल जाते समय लड़कियों को परेशान किए जाने की कई खबरें आती रहती हैं। युवा लड़कियों को शारीरिकए मानसिक और साइबर हिंसा से बचाने के लिए बुनियादी सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ शिक्षा को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

स्वच्छता और शौचालय
भारत में अधिकांश महिलाएं शौचालयों और स्वच्छता सुविधाओं की कमी के कारण सार्वजनिक स्थानों पर भाग लेने में असमर्थ हैं और गंभीर स्वच्छता संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं। सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के बावजूद अधिकांश गांवों में बुनियादी शौचालयों और स्वच्छता सुविधाओं का अभाव है। निचली जातियों की बस्तियों में विशेष भेदभाव होता है। हमारी मांग है कि शहरों और गांवों में हर 5 किलोमीटर की दूरी पर महिलाओं के लिए मुफ्त सार्वजनिक शौचालय स्थापित किए जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

राजनीतिक प्रतिनिधित्व
कांग्रेस ने पंचायत स्तर पर महिलाओं के लिए आरक्षण प्रदान करने वाला पंचायती राज अधिनियम लायाए जिससे जमीनी स्तर पर लाखों महिलाओं को प्रतिनिधित्व मिला। हम महिला आरक्षण अधिनियम को तत्काल लागू करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं और इसकीमांग करते हैं। हालाँकिए भाजपा महिला प्रतिनिधित्व अधिनियम में बाधा डालकर और इसके कार्यान्वयन को अनिश्चित काल के लिए निलंबित करके भारत की महिलाओं के खिलाफ एक बड़ा धोखा कर रही है। यह वर्तमान सरकार के कई जुमलों में से एक है जो पर्याप्त प्रतिनिधित्व की पेशकश किए बिना भारतीय महिलाओं के वोटों को लुभाने की कोशिश कर रही है। हम महिला आरक्षण अधिनियम के तत्काल कार्यान्वयन और आगामी लोकसभा चुनावों के दौरान इसके प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता का आह्वान करते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हिंसा के खिलाफ संरक्षण और न्याय की आवश्यकता
भाजपा सरकार ने महिलाओं के खिलाफ सबसे जघन्य अपराध करने वालों की रक्षा करके बिलकिस बानो मामले में अपराधियों को रिहा करनेए मणिपुर मामले में बहरा कर देने वाली चुप्पी के साथए न्याय के लिए महिलाओं की लड़ाई पर एक शैतानी रुख दिखाया है। महिला पहलवान मामले में बीजेपी सांसद को बचाना ताजा मामला है। हम भाजपा की महिला नेताओं सहित सरकार से मांग करते हैं कि महिलाओं के खिलाफ लगातार हो रहे अन्याय के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया जाए। जिसमें महिलाओं के खिलाफ इस्तेमाल की जाने वाली अपमानजनक भाषा और सड़कों और ऑनलाइन पर बेरोकटोक ट्रोल संस्कृति के खिलाफ प्रभावी कदम उठाए जाएं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

महिलाओं की गरिमा
भाजपा के शासनकाल के दौरानए हमने महिलाओं की गरिमा का लगातार उल्लंघन होते देखा है और भाजपा नेता अपने संवैधानिक अधिकारों के अनुरूप अपने मन की बात कहने वाली महिलाओं के खिलाफ सख्त गैरकानूनी कार्रवाई कर रहे हैं। हम इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि सभी नागरिकों की तरह महिलाओं को भी उनके निजी जीवन के सभी पहलुओं में संवैधानिक सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित किया जाए। कांग्रेस इस देश के संवैधानिक मूल्यों और उन महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस अवसर पर महानगर अध्यक्ष उर्मिला थापा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नजमा खान, पुष्पा पंवार, चंद्रकला नेगी, अनुराधा तिवारी उपस्थित रहीं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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